Begin typing your search...

Bihar Election 2025: बड़े भाई की साली को टिकट देकर तेजस्वी ने कर दिया गेम, जानें कौन है डॉ. करिश्मा राय जो परसा से लड़ेंगी चुनाव

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में RJD नेता तेजस्वी यादव ने परसा सीट से डॉ. करिश्मा राय को टिकट दिया है. करिश्मा, तेज प्रताप यादव की साली और पूर्व CM दरोगा राय की पोती हैं. जेडीयू ने चंद्रिका राय का टिकट काटा, जिससे परसा में मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

Bihar Election 2025: बड़े भाई की साली को टिकट देकर तेजस्वी ने कर दिया गेम, जानें कौन है डॉ. करिश्मा राय जो परसा से लड़ेंगी चुनाव
X
( Image Source:  facebook/tima.dae.karisma.raya )
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 16 Oct 2025 2:07 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले लालू परिवार में एक बार फिर से सियासी हलचल तेज हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने परसा सीट से डॉ. करिश्मा राय को उम्मीदवार बनाकर राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं. यह वही सीट है, जहां से पहले तेज प्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय चुनाव लड़ते रहे हैं.

तेजस्वी का यह कदम केवल टिकट वितरण नहीं, बल्कि एक सोचा-समझा पारिवारिक और राजनीतिक दांव माना जा रहा है. करिश्मा राय, तेज प्रताप यादव की चचेरी साली हैं और उनके परिवार से जुड़ी विवादों के बीच 2020 में टिकट से वंचित रह गई थीं. इस बार तेजस्वी ने उन्हें मैदान में उतारकर कई सियासी संदेश एक साथ दे दिए हैं — परिवार की एकजुटता और पुराने मतभेदों के अंत का.

कौन हैं करिश्मा राय?

डॉ. करिश्मा राय पेशे से डेंटिस्ट हैं और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा राय की पोती हैं. वे RJD के वरिष्ठ नेता चंद्रिका राय की भतीजी हैं. करिश्मा, तेज प्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय की चचेरी बहन हैं. इस रिश्ते से उनका लालू परिवार से गहरा नाता रहा है. करिश्मा हमेशा से राजनीति में सक्रिय रहीं, पर 2020 में पारिवारिक विवादों के कारण उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिला था.

कैसा रहा करिश्मा का राजनीतिक सफर?

करिश्मा राय ने राजनीतिक करियर की शुरुआत RJD की महिला विंग से की थी. वे पार्टी के कई सामाजिक अभियानों और जनसंपर्क कार्यक्रमों में सक्रिय रही हैं. हालांकि अब तक वे किसी बड़े चुनावी मैदान में नहीं उतरी थीं. इस बार परसा सीट से टिकट मिलना उनके लिए न केवल राजनीतिक शुरुआत है, बल्कि लालू परिवार की ‘नई पीढ़ी की सियासत’ में एंट्री भी है.

क्या करते हैं करिश्मा के पति?

करिश्मा राय के पति विजय सिंह यादव भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी हैं. वे वर्तमान में बिहार के CGST कमिश्नर और निर्वाचन आयोग के नोडल अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. राजनीतिक रूप से निष्पक्ष रहते हुए उन्होंने हमेशा करिश्मा के सार्वजनिक जीवन का समर्थन किया है. उनके प्रशासनिक अनुभव और छवि से करिश्मा की राजनीतिक साख को मजबूती मिलती है.

क्यों काटा गया चंद्रिका राय का टिकट?

परसा सीट पर इस बार जेडीयू ने बड़ा बदलाव करते हुए चंद्रिका राय का टिकट काट दिया. पार्टी ने उनकी जगह छोटेलाल राय को उम्मीदवार बनाया है, जो पहले आरजेडी में थे और 2020 में चंद्रिका राय को ही हरा चुके हैं. माना जा रहा है कि जेडीयू ने यह फैसला स्थानीय असंतोष और जातीय समीकरण को देखते हुए लिया है. इस निर्णय से परसा सीट पर मुकाबला और दिलचस्प हो गया है.

तेजस्वी ने कैसे किया ‘खेला’?

तेजस्वी यादव ने करिश्मा को टिकट देकर एक साथ दो निशाने साधे हैं. पहला- अपने बड़े भाई तेज प्रताप को संदेश देना कि पार्टी अब पुराने विवादों को पीछे छोड़ चुकी है. दूसरा- चंद्रिका राय जैसे सीनियर नेताओं को अप्रत्यक्ष रूप से चुनौती देना. करिश्मा को उम्मीदवार बनाना तेजस्वी के लिए एक ‘इमोशनल पॉलिटिकल मूव’ है, जो परिवार और संगठन दोनों को एकजुट करने की कोशिश का प्रतीक है.

तेज प्रताप की नई पार्टी और बदले समीकरण

तेज प्रताप यादव अब आरजेडी से बाहर होकर अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ (JJD) के साथ मैदान में हैं. उन्होंने महुआ सीट से खुद का नाम घोषित किया है. कभी पिता और भाई के साथ सियासी मंच साझा करने वाले तेज प्रताप अब विरोधी पाले में हैं. ऐसे में लालू परिवार की यह चाल तेजस्वी के नेतृत्व को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है.

करिश्मा ने क्या कहा?

करिश्मा राय ने टिकट मिलने के बाद सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं राजनीति में किसी पद या लालच के लिए नहीं आई हूं, बल्कि जनता की सेवा और पार्टी के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए आई हूं.” उनकी इस पोस्ट को युवाओं और महिला मतदाताओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है. RJD के समर्थक इसे ‘नई पीढ़ी की राजनीति’ की शुरुआत बता रहे हैं.

परसा का जातीय समीकरण

सारण जिले की परसा सीट पर यादव, कुशवाहा, मुस्लिम और दलित मतदाताओं की संख्या निर्णायक भूमिका निभाती है. आरजेडी का परंपरागत यादव-मुस्लिम (M-Y) वोट बैंक यहां मजबूत है. जबकि जेडीयू और बीजेपी की पकड़ कुशवाहा और सवर्ण मतदाताओं पर रही है. इस बार करिश्मा के मैदान में उतरने से यादव और महिला मतदाता वर्ग में RJD की पकड़ और मजबूत हो सकती है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025तेजस्वी यादवतेज प्रताप यादवलालू प्रसाद यादव
अगला लेख