बिहार विधानसभा चुनाव हर पांच साल में होता है और यह राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बिहार की राजनीति मुख्य रूप से जनता दल यूनाइटेड (JDU), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच प्रतिस्पर्धा पर आधारित होती है। पिछले कुछ चुनावों में गठबंधन की राजनीति का चलन बढ़ा है, जिसमें महागठबंधन और एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) मुख्य रूप से आमने-सामने रहे हैं.
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने जीत दर्ज की, जिसमें भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) ने मिलकर सरकार बनाई. इस चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने सबसे अधिक सीटें जीतीं, लेकिन बहुमत से दूर रह गई. इस दौरान तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में अपनी मजबूत पकड़ बनाई, जबकि नीतीश कुमार ने एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली.
2022 में बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ, जब नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बना ली. इसके बाद तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने। इस बदलाव से यह साफ हो गया कि बिहार की राजनीति में अस्थिरता बनी हुई है और गठबंधन की भूमिका निर्णायक होती जा रही है. आने वाले चुनावों में बेरोजगारी, विकास, शिक्षा और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे. बिहार की जनता हर बार नए समीकरण बनाती है, जिससे यह चुनाव हमेशा दिलचस्प बना रहता है.