'चुनाव जीत गए तो EC महान, हार गए तो निकम्मा', अमित शाह ने चुनाव सुधार पर कहा; घुसपैठियों तय नहीं करेंगे CM-PM
चुनाव सुधार और मतदाता सूची पर उठ रहे सवालों के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने पर चुनाव आयोग महान और हारने पर निकम्मा बताना गलत परंपरा है. शाह ने यह भी कहा कि भारत में सीएम और पीएम का फैसला घुसपैठिए नहीं, बल्कि देश के असली मतदाता करेंगे.
देश में चुनाव सुधारों को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर तीखा हमला किया है. शाह ने कहा कि “चुनाव जीत जाएं तो चुनाव आयोग महान हो जाता है, लेकिन हारते ही वही आयोग निकम्मा लगने लगता है.” उन्होंने मतदाता सूची और घुसपैठ के मुद्दे पर भी कड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत में नेतृत्व तय करने का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों का है.सीएम और पीएम का फैसला घुसपैठिए तय नहीं करेंगे.
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संसद में शीतकालीन सत्र के दौरान कई मुद्दों पर बहस के बीच बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एसआईआर पर बहस में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि संसद में SIR पर बहस नहीं हो सकती, क्योंकि यह मुद्दा चुनाव आयोग का है. इलेक्शन कमीशन सरकार के साथ काम नहीं करता है. वह एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है.अमित शाह ने कांग्रेस को निशाने लेते हुए कहा कि, 'चुनाव जीत गए तो ईसी महान, हार गए तो निकम्मा', ये नहीं चलेगा.
'सदन में नहीं हो सकती इस पर चर्चा'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "दो दिनों तक हमने विपक्ष से कहा कि इस पर दो सेशन के बाद चर्चा की जानी चाहिए, लेकिन वे नहीं माने. हम मान गए. हमने 'नहीं' क्यों कहा? 'नहीं' कहने के दो कारण थे. एक वे SIR पर चर्चा करना चाहते थे. मैं बहुत साफ हूं कि इस सदन में SIR पर चर्चा नहीं हो सकती. SIR चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है. भारत का EC और CEC सरकार के अधीन काम नहीं करते. अगर चर्चा होती है और सवाल उठाए जाते हैं, तो इसका जवाब कौन देगा?
इसके बावजूद जब विपक्ष ने कहा कि चुनाव सुधार पर चर्चा होनी चाहिए तो हम तुरंत मान गए... "पहले दो दिनों तक इस मामले पर चर्चा को लेकर गतिरोध बना रहा. इससे लोगों को गलत संदेश गया कि हम इस पर चर्चा नहीं करना चाहते.
एकतरफा झूठ फैलाया गया
अमित शाह ने आगे कहा, "मैं यह साफ करना चाहता हूं कि संसद इस देश में चर्चा के लिए सबसे बड़ी पंचायत है. BJP-NDA कभी भी चर्चा से पीछे नहीं हटती. विषय चाहे कुछ भी हो, हम हमेशा संसद के नियमों के अनुसार चर्चा के लिए तैयार रहते हैं. दो दिनों तक हमने विपक्ष से कहा कि इस पर दो सेशन के बाद चर्चा की जानी चाहिए." लोकसभा में चुनावी सुधारों पर बोलते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "...चार महीनों तक SIR के बारे में एकतरफा झूठ फैलाया गया. देश के लोगों को गुमराह करने की कोशिश की गई..."
चुनावी कानून पर अमल एक की जिम्मेदारी
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "अनुच्छेद 326 में वोटर की योग्यता की शर्तें बताई गई हैं. वोटर को भारत का नागरिक होना चाहिए, कम से कम 18 साल का होना चाहिए और कानून के मुताबिक मानसिक अक्षमता, आपराधिक मामलों या भ्रष्टाचार की वजह से अयोग्य नहीं होना चाहिए. अनुच्छेद 327 के तहत, संसद चुनावी लिस्ट, परिसीमन और चुनावों के संचालन पर कानून बनाती है, जबकि चुनाव आयोग उन्हें लागू करने के लिए ज़िम्मेदार है."
SIR चुनाव को स्वच्छ रखने की प्रक्रिया
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2004 के बाद 2024 में एसआईआर हो रहा है. यह प्रक्रिया कांग्रेस के शासनकाल में कई बार हो चुकी है. पहला एसआईआर 1952 में हुआ था. तब कांग्रेस की सरकार थी. इस प्रक्रिया से घुसपैठियों को देश से बाहर किया जाएगा. सीएम और पीएम कौन होगा, ये घुसपैठिए तय नहीं करेंगे. SIR चुनाव को स्वच्छ रखने की प्रक्रिया है.





