आज के ही दिन सचिन तेंदुलकर ने खेला था पहला वनडे, डेब्यू मैच में डक पर हुए आउट; लेकिन फिर हुई एक नए युग की शुरुआत
आज से 36 साल पहले, 18 दिसंबर 1989 को, 16 साल के सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के गुजरांवाला में भारत के लिए अपना पहला वनडे मैच खेला. पाकिस्तान के खिलाफ यह मुकाबला बारिश के कारण 16-16 ओवर का रहा, जिसमें सचिन दो गेंदों पर शून्य पर आउट हो गए और भारत 7 रन से हार गया. हालांकि वनडे डेब्यू फीका रहा, लेकिन यही शुरुआत आगे चलकर क्रिकेट इतिहास के सबसे महान वनडे करियर में बदल गई, जिसमें सचिन ने 463 मैचों में 18,426 रन बनाए.;
Sachin Tendulkar ODI debut, 18 December 1989 cricket history: आज से ठीक 36 साल पहले, 18 दिसंबर 1989 को भारतीय क्रिकेट ने एक ऐसा पल देखा, जिसकी अहमियत उस वक्त शायद किसी को समझ नहीं आई थी. पाकिस्तान के गुजरांवाला में भारत और अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के बीच चार मैचों की वनडे सीरीज़ का दूसरा मुकाबला खेला जा रहा था. इसी मैच में एक 16 साल का दुबला-पतला लड़का पहली बार वनडे क्रिकेट में भारत की जर्सी पहनकर मैदान पर उतरा, नाम था- सचिन तेंदुलकर.
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सचिन ने इससे ठीक एक महीने पहले कराची टेस्ट में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था, लेकिन उनका यह पहला वनडे मुकाबला वैसा नहीं रहा, जैसा आगे चलकर उनका करियर बना.
कम स्कोर का मुकाबला, बारिश ने बदला खेल
भारत का पाकिस्तान दौरा उस साल चार टेस्ट और चार वनडे मैचों का था. टेस्ट सीरीज़ 0-0 से ड्रॉ रही, जबकि पहला वनडे पिशावर में बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया था. ऐसे में 18 दिसंबर को म्युनिसिपल स्टेडियम, गुजरांवाला में खेला गया दूसरा वनडे दोनों टीमों के लिए खास था.
भारतीय कप्तान कृष्णमाचारी श्रीकांत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया. इस मैच में भारत ने सचिन तेंदुलकर के साथ-साथ सलील अंकोला और विवेक राज़दान को भी वनडे डेब्यू कराया.
पाकिस्तान की पारी: 16 ओवर में 87 रन
भारतीय गेंदबाज़ों ने शुरुआत से ही पाकिस्तान पर दबाव बना दिया. स्पिनर मनिंदर सिंह ने रमीज़ राजा और सलीम मलिक को जल्दी आउट कर पाकिस्तान को 22/2 पर ला दिया. इसके बाद दो रनआउट हुए- वसीम अकरम और मंसूर अख्तर... और पाकिस्तान की पारी लड़खड़ा गई.
बारिश के कारण मैच को 16 ओवर प्रति टीम तक सीमित कर दिया गया था. पाकिस्तान की पूरी टीम 16 ओवर में 87/9 रन ही बना सकी. इस मुश्किल हालात में सिर्फ सईद अनवर डटे रहे, जिन्होंने नंबर 5 पर उतरकर 32 गेंदों में नाबाद 42 रन बनाए, जिसमें 2 छक्के और 4 चौके शामिल थे. भारत की ओर से मनिंदर सिंह ने 17 रन देकर 2 विकेट, सलील अंकोला ने 26 रन देकर 2 विकेट और रमन लंबा ने 9 रन देकर 1 विकेट लिया. पाकिस्तान की पारी में कुल 4 रनआउट हुए.
भारत की रन चेज़ और सचिन का वनडे डेब्यू
88 रनों के छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत संभली हुई रही. ओपनर्स ने 26 रन जोड़े, लेकिन इसके बाद विकेटों की झड़ी लग गई. कप्तान श्रीकांत 17 रन बनाकर वकार यूनिस का शिकार बने. इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू और रमन लंबा (10) भी जल्दी पवेलियन लौट गए. इसी दौरान, पहली बार वनडे में बल्लेबाज़ी के लिए उतरे 16 साल के सचिन तेंदुलकर... वह नंबर 5 पर बल्लेबाज़ी करने आए, लेकिन उनका सामना भी वकार यूनिस से हुआ, जिन्होंने उन्हें सिर्फ दो गेंदों में शून्य पर आउट कर दिया. सचिन का कैच वसीम अकरम ने पकड़ा. भारत का स्कोर 36/4 हो चुका था और मैच हाथ से फिसलने लगा.
7 रन से हारी टीम इंडिया
पाकिस्तान की तरह भारत भी लगातार विकेट गंवाता रहा. मोहम्मद अज़हरुद्दीन भारत की ओर से सबसे ज्यादा 21 रन बना सके. सिर्फ चार भारतीय बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा पार कर पाए. भारत की पूरी टीम 16 ओवर में 80/9 रन ही बना सकी और मुकाबला 7 रन से हार गई. इस जीत के साथ पाकिस्तान ने सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली, जिसे उसने बाद में 2-0 से सीरीज़ जीत में बदल दिया. तीसरा वनडे बारिश के कारण बेनतीजा रहा था.
टेस्ट में बेहतर शुरुआत, वनडे में फीकी एंट्री
सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर की शुरुआत टेस्ट क्रिकेट से की थी और पाकिस्तान के खिलाफ उस दौरे पर चारों टेस्ट खेले... छह पारियों में उन्होंने 215 रन बनाए, औसत 35.83 रहा और दो अर्धशतक जड़े. उनका पहला टेस्ट फिफ्टी फैसलाबाद में आया, जबकि दूसरा स्यालकोट में... वनडे में हालांकि यह उनका उस सीरीज़ का इकलौता मैच रहा - एक मैच रद्द हुआ, एक बेनतीजा रहा और बाकी में भारत को बल्लेबाज़ी का मौका नहीं मिला.
डक से इतिहास तक: सचिन का वनडे सफर
वनडे करियर की शुरुआत भले ही शून्य से हुई हो, लेकिन आगे चलकर सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट इतिहास रच दिया. उन्होंने अपने करियर में 463 वनडे मैच खेले और 18,426 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 49 शतक और 96 अर्धशतक लगाए. उनका वनडे करियर 22 साल 91 दिन का रहा. इसके अलावा, एक कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा रन (1894), एक साल में सबसे ज्यादा शतक (9), सबसे ज्यादा 50+ स्कोर (145) और 15,000 से 18,000 रन तक सबसे तेज पहुंच जैसे कई रिकॉर्ड उनके नाम रहे...
दिलचस्प तथ्य
इस सीरीज़ के वनडे मुकाबले 40 ओवर प्रति टीम के तय थे, लेकिन सचिन का डेब्यू मैच बारिश के कारण 16-16 ओवर का रह गया. उस दौर में वनडे ओवरों की संख्या तय नहीं थी- 40, 50, 55 या 60 ओवर के मैच भी खेले जाते थे. 50 ओवर प्रति पारी का फॉर्मेट 1987 वर्ल्ड कप के बाद जाकर स्थायी रूप से अपनाया गया.
18 दिसंबर 1989 को जो शुरुआत एक साधारण, बल्कि निराशाजनक डेब्यू जैसी लगी थी, वही आगे चलकर क्रिकेट इतिहास की सबसे महान वनडे कहानी बन गई. सचिन तेंदुलकर का यह पहला वनडे भले ही यादगार प्रदर्शन नहीं था, लेकिन यहीं से उस सफर की शुरुआत हुई, जिसने उन्हें क्रिकेट का भगवान बना दिया.