ईरान-इजरायल युद्ध 2025 में पश्चिम एशिया की सबसे बड़ी सैन्य भिड़ंत बनकर सामने आया है, जिसने क्षेत्रीय स्थिरता को गहरा झटका दिया है. यह संघर्ष उस समय भड़का जब इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों जैसे अराक, नातांज और खोंडब पर मिसाइल हमले किए. इजरायल का दावा है कि यह हमले ईरान की बढ़ती परमाणु क्षमताओं को रोकने के लिए किए गए, जो कि वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है.
जवाब में, ईरान ने इजराइल के कई शहरों जैसे बीर्शेबा, तेल अवीव और रमत गान पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमले किए. इन हमलों में अस्पताल, एयरबेस और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया. दोनों देशों में अब तक सैकड़ों नागरिक हताहत हो चुके हैं.
इस टकराव का असर वैश्विक स्तर पर भी देखा जा रहा है. तेल की कीमतें बढ़ गई हैं, शेयर बाजारों में गिरावट आई है और अमेरिका सहित कई देशों ने अपने नागरिकों को तत्काल क्षेत्र छोड़ने की सलाह दी है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका इस युद्ध में शामिल हो सकता है, जिससे यह संघर्ष एक बड़े अंतरराष्ट्रीय युद्ध में तब्दील हो सकता है. फिलहाल हालात बेहद तनावपूर्ण हैं.