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अमेरिकी हमले से हुआ भारी नुकसान, फिर भी परमाणु कार्यक्रम नहीं रोकेगा ईरान; IAEA से पूरी तरह तोड़ा नाता

ईरान के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि अमेरिकी B-2 बॉम्बर्स द्वारा किए गए हमलों में उसके परमाणु ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है. हालांकि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को रोकने से साफ इनकार कर दिया है और IAEA के साथ सहयोग निलंबित कर दिया है. इस बीच, ईरान और इज़राइल के बीच संघर्षविराम लागू हो चुका है, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सफल बताया है. IAEA अब दोबारा निरीक्षण शुरू करने के लिए ईरान से संपर्क में है, जबकि दोनों पक्षों में तनाव अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.

अमेरिकी हमले से हुआ भारी नुकसान, फिर भी परमाणु कार्यक्रम नहीं रोकेगा ईरान; IAEA से पूरी तरह तोड़ा नाता
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Iran suspended IAEA cooperation, US B-2 bomber strikes nuclear facilities: ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने बुधवार को पुष्टि की कि देश के परमाणु ठिकानों को हाल ही में अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों में गंभीर क्षति पहुंची है. उन्होंने अल जज़ीरा से बातचीत में कहा कि रविवार को अमेरिकी बी-2 बॉम्बर्स द्वारा बंकर बस्टर बमों से किए गए हमले 'काफी बड़े स्तर के' थे. हालांकि. उन्होंने विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया. बघाई ने कहा, "हमारे परमाणु ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है, यह तो तय है।"

इज़राइल और ईरान के बीच जारी 12 दिनों के युद्ध के बाद मंगलवार को युद्धविराम लागू हुआ, जो बुधवार को भी बना रहा. हालांकि, शुरुआती दौर में दोनों पक्ष एक-दूसरे पर संघर्षविराम उल्लंघन के आरोप लगाते रहे, लेकिन अंततः मिसाइल और ड्रोन हमले रुक गए. इससे आशा जगी है कि यह संघर्षविराम किसी दीर्घकालिक शांति समझौते की दिशा में पहला कदम हो सकता है, हालांकि ईरान ने साफ कर दिया है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को नहीं छोड़ेगा.

ट्रंप बोले- अब ईरान बम नहीं बनाएगा

NATO समिट के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान अब न तो बम बनाएगा और न ही यूरेनियम समृद्ध करेगा. ट्रंप, जिन्होंने इस संघर्षविराम की मध्यस्थता में भूमिका निभाई है, ने दावा किया कि अमेरिकी और इज़राइली हमलों ने ईरान की परमाणु क्षमता को 'पूरी तरह खत्म' कर दिया है. हालांकि, एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान का परमाणु कार्यक्रम कुछ ही महीनों के लिए पीछे गया है, लेकिन ट्रंप ने इसका मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि अब इसे फिर से खड़ा करने में सालों लगेंगे.

ईरानी संसद का जवाब - IAEA से सहयोग निलंबित

इस हमले के बाद ईरानी संसद ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का प्रस्ताव पास किया है. संसद अध्यक्ष मोहम्मद बाघर क़लीबाफ़ ने IAEA पर आरोप लगाया कि उसने अमेरिका के हमले की निंदा करने की कोशिश तक नहीं की. उन्होंने कहा, "अब ईरान का शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम और तेज गति से आगे बढ़ेगा और IAEA से कोई सहयोग नहीं किया जाएगा, जब तक हमारे परमाणु स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती."

IAEA बोला- हमें ईरान लौटना होगा

IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने कहा कि उन्होंने ईरान को पत्र लिखा है ताकि निरीक्षण फिर से शुरू किया जा सके. उन्होंने यह भी बताया कि ईरान ने हमले से पहले अपने समृद्ध यूरेनियम को कहीं और स्थानांतरित कर दिया था. ग्रॉसी ने कहा, "हमें वापसी करनी होगी और दोबारा आकलन करना होगा."

कितना प्रभावी था अमेरिकी हमला?

अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ ने फॉक्स न्यूज़ से कहा कि अमेरिका और इज़राइल ने मिलकर ईरान की समृद्धि क्षमता को पूरी तरह समाप्त कर दिया है. उनका दावा था कि अब जब दोनों तरफ से गोलाबारी बंद हो चुकी है, तो यह साफ है कि लक्ष्य पूरा हो चुका है. इज़राइली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डैफ्रिन ने भी कहा कि ईरान की परमाणु क्षमता को कई वर्षों तक पीछे धकेल दिया गया है. हालांकि IAEA प्रमुख ग्रॉसी ने साफ किया कि तकनीकी ज्ञान और औद्योगिक क्षमता ईरान के पास पहले से मौजूद है, और इसे नकारा नहीं जा सकता. इसलिए ज़रूरी है कि हम ईरान के साथ मिलकर काम करें.

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