ईरान-इज़राइल के बीच टकराव खत्म, नहीं होगा World War 3! 10 प्वाइंट्स में समझें ट्रंप के दावे में कितना दम?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि ईरान और इज़राइल के बीच 12 दिन चले युद्ध को उन्होंने रुकवाया है और अब दोनों देशों में पूर्ण संघर्षविराम लागू हो चुका है. हालांकि ट्रंप ने खुद स्वीकार किया कि जंग फिर से भड़क सकती है. साथ ही उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने की भी बात कही है. विशेषज्ञ इसे अस्थायी शांति और संभावित चुनावी रणनीति मान रहे हैं.

ईरान और इज़राइल के बीच 12 दिनों तक चले घातक संघर्ष के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से एक संघर्षविराम लागू हुआ है. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'अबलीट और टोटल सीज़फायर' पर दोनों देशों की सहमति हो गई है और यह चरणबद्ध तरीके से लागू हो रहा है. उन्होंने इस युद्ध को '12-Day War' की समाप्ति बताया और दावा किया कि यह स्थायी शांति की ओर पहला कदम है, लेकिन सवाल ये है कि क्या वाकई ये जंग थम गई है या यह सिर्फ एक अस्थायी विराम है? क्या ट्रंप का दावा उस कड़वे सच से अलग है जो पश्चिम एशिया में लगातार सुलग रहा है?
ट्रंप के बयानों पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?
डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह दावा कर रहे हैं कि उनके प्रयासों से ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध रुका है. उन्होंने खुलकर कहा कि 'अगर दोनों देश फिर से लड़ते हैं, तो अमेरिका तैयार रहेगा.' इतना ही नहीं, ट्रंप ने अमेरिका के हमलों को ईरान की मिसाइल और परमाणु साइट्स को ध्वस्त करने वाला बताया है. हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि ईरान की रक्षा क्षमता पूरी तरह नष्ट नहीं हुई है और युद्ध फिर से भड़क सकता है. खुद ट्रंप ने भी स्वीकार किया है कि 'क्या यह फिर से शुरू हो सकता है? हां, इसकी संभावना है.
अब यूक्रेन और रूस के बीच शांति का दावा?
ईरान-इज़राइल संघर्ष में “शांति लाने” का क्रेडिट लेने के बाद ट्रंप ने एक और बड़ा दावा किया है उन्होंने कहा है कि अब वह रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को भी खत्म करवा सकते हैं. ट्रंप का कहना है कि वह इस विषय पर पुतिन से बात करेंगे और यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की पहल करेंगे. ट्रंप के ये सारे दावे ऐसे समय में आ रहे हैं जब अमेरिका में चुनावी माहौल बनने लगा है. क्या यह वाकई शांति की दिशा में गंभीर प्रयास हैं या सिर्फ सियासी क्रेडिट लेने की रणनीति?
1. हूती नेता बोले – “सिर्फ ताकत की भाषा समझते हैं”
हूती समूह के वरिष्ठ अधिकारी मोहम्मद अल-बुखैती ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि यह संघर्षविराम दिखाता है कि ये सिर्फ ताकत की भाषा समझते हैं। हम तब तक हमले करते रहेंगे जब तक गाजा पर हमला बंद नहीं होता और नाकेबंदी नहीं हटती.
2. ईरान-हूती का सीधा तालमेल
15 जून को हूती प्रवक्ता यह्या सरीआ ने स्वीकार किया कि उन्होंने ईरान के साथ मिलकर इज़राइल के खिलाफ मिसाइल हमले किए हैं. यह पहला मौका था जब उन्होंने खुलेआम ईरान के साथ मिलकर ऑपरेशन चलाने की बात स्वीकार की.
3. इज़राइल पर दागी गईं बैलिस्टिक मिसाइलें
हूतियों ने इज़राइल के केंद्र जाफा इलाके पर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, इन हमलों को "फ़िलिस्तीनी और ईरानी जनता के समर्थन" में बताया गया.
4. अमेरिका के लिए अब भी सिरदर्द बने हूती
यूएस एयरफोर्स के लेफ्टिनेंट जनरल एलेक्सस ग्रिन्केविच ने कहा, "हूती अमेरिका के लिए एक स्थायी समस्या हैं। भले ही अमेरिकी हमले रुके हैं, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है.
5. रेड सी में अमेरिकी जहाजों पर फिर हो सकते हैं हमले
हूतियों ने चेतावनी दी थी कि अगर अमेरिका ईरान के खिलाफ इज़राइल का समर्थन करता है तो वे फिर से रेड सी में अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाएंगे.
6. हमास के समर्थन में जारी हमले
हूतियों ने अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद से ही इज़राइल पर ड्रोन और मिसाइल हमले शुरू कर दिए थे। इनमें से अधिकांश को इज़राइली डिफेंस सिस्टम ने रोक दिया.
7. अमेरिका और इज़राइल दोनों कर चुके हैं जवाबी कार्रवाई
इज़राइल ने हूती ठिकानों पर कई बार जवाबी हमले किए हैं, वहीं अमेरिका ने भी इस साल की शुरुआत में हूती ठिकानों पर बमबारी की थी, जिसे ट्रंप सरकार ने फिलहाल रोक रखा है.
8. क्या बोले ट्रंप?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पोस्ट किया- इज़रायल ने अभी कहा है कि परमाणु ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया है! हमारे महान B-2 पायलटों और इसमें शामिल सभी लोगों का धन्यवाद!
9. अगर इजरायल-ईरान के बीच फिर युद्ध हुआ तो US वहां होगा
अमेरिका के राष्ट्रपति का मानना है कि ईरान और इजरायल के बीच जंग हमने खत्म करवा दी है और मुझे खुद पर गर्व है फिलहाल दोनों अब शांत रहेंगे और कहा कि अगर कभी भविष्य में अगर इजरायल-ईरान के बीच फिर युद्ध हुआ तो US वहां होगा.
10.'ईरान से नहीं, यूक्रेन से मदद चाहिए'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलासा किया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईरान-इज़राइल संघर्ष में मध्यस्थता की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया. ट्रंप ने दो टूक कहा, 'मुझे ईरान में आपकी मदद नहीं चाहिए, मुझे आपकी जरूरत यूक्रेन में है. ट्रंप ने जोर देकर कहा कि रूस को पहले यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए.