मोदी सरकार की धाक! ईरान में होता रहा हमला, पर चाबहार पर नहीं गिरी एक भी मिसाइल; पाकिस्तान का ग्वादर कांपा
ईरान और इज़राइल के बीच 12 दिन की जंग में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ, लेकिन भारत की संतुलित कूटनीति ने उसके निवेशों और नागरिकों को पूरी तरह सुरक्षित रखा. चाबहार और हैफा पोर्ट जैसे रणनीतिक ठिकाने बिना किसी क्षति के ऑपरेशनल रहे. ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत भारत ने 4,415 लोगों की सफलतापूर्वक वापसी कराई. इस पूरे संकट में भारत की तटस्थ परिपक्वता और मानवीय दृष्टिकोण की वैश्विक स्तर पर सराहना हुई.

Iran-Israel War 2025 Operation Sindhu Chabahar Port: ईरान और इज़राइल के बीच हाल में हुई 12 दिन की भीषण जंग में दोनों देशों को अरबों रुपये का नुकसान हुआ, लेकिन इस पूरे संकट के दौरान भारत की मजबूत और संतुलित कूटनीति ने न सिर्फ अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाला, बल्कि ईरान और इज़राइल दोनों में मौजूद भारतीय निवेशों को भी पूरी तरह सुरक्षित बनाए रखा. भारत का ईरान स्थित चाबहार पोर्ट, जिसमें लगभग 550 मिलियन डॉलर का निवेश है, इस पूरे संघर्ष के दौरान पूरी तरह सुरक्षित और सक्रिय रहा.
भारत इस पोर्ट को विकसित कर रहा है और उसका संचालन भारत पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड के पास है. भारत ने हाल ही में ईरान के साथ इस पोर्ट के प्रबंधन के लिए 10 साल का समझौता भी किया है. इसके अंतर्गत बर्थ अपग्रेड के लिए 85 मिलियन डॉलर और रेल कनेक्टिविटी के लिए 150 मिलियन डॉलर का कर्ज भी शामिल है.
पाकिस्तान का ग्वादर पोर्ट हमलों से कांपा
जहां चाबहार को कोई नुकसान नहीं हुआ, वहीं पाकिस्तान का ग्वादर पोर्ट, जो चाबहार से मात्र 170 किलोमीटर दूर है, इज़राइल-ईरान संघर्ष की गर्मी से प्रभावित हो गया. इज़राइल के हमलों की तीव्रता को देखते हुए पाकिस्तान को बलूचिस्तान में ईरान से लगती अपनी सभी सीमा चौकियों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा.
नेतन्याहू ने खुद किया पीएम मोदी को फोन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस संकट के दौरान कूटनीतिक रूप से सक्रिय भूमिका निभाई. इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुद पीएम मोदी को फोन कर स्थिति की जानकारी दी, जिसके बाद मोदी ने शांति और स्थिरता की जरूरत पर बल दिया. विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने इज़राइली समकक्ष अब्बास अराघची से बातचीत कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को सामने रखा और तनाव कम करने का आग्रह किया.
ईरान ने भारत का जताया आभार
इस बीच, ईरान ने भारत के प्रति आभार जताते हुए अपने आधिकारिक बयान में भारतीय लोगों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को 'उदार और स्वतंत्रताप्रिय' बताते हुए धन्यवाद दिया. ईरान ने कहा कि भारत के समर्थन ने उन्हें नैतिक बल दिया.
ऑपरेशन सिंधु के तहत 4415 लोगों की सुरक्षित वतन वापसी
भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए 'ऑपरेशन सिंधु' चलाया, जिसके तहत कुल 4,415 लोगों को वापस लाया गया. इनमें 3,597 ईरान और 818 इज़राइल से थे. इनमें 1,500 से अधिक महिलाएं और 500 बच्चे शामिल थे. साथ ही, 14 OCI कार्डधारक, 9 नेपाली नागरिक, 4 श्रीलंकाई और एक भारतीय नागरिक के ईरानी जीवनसाथी को भी सुरक्षित निकाला गया.
भारत की तटस्थ और सतर्क कूटनीति ने यह सुनिश्चित किया कि न केवल उसके रणनीतिक हित सुरक्षित रहें, बल्कि वैश्विक मंच पर उसकी छवि भी एक संतुलित, मानवतावादी और सशक्त राष्ट्र के रूप में और मजबूत हो.