ईरान के परमाणु ठिकाने बर्बाद नहीं, कुछ ही महीनों में फिर हो सकते हैं चालू; DIA की रिपोर्ट ने खोली ट्रंप के दावों की पोल
अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) की रिपोर्ट ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया है कि अमेरिकी हमलों से ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह तबाह हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान में क्षति हुई है, लेकिन बुनियादी संरचना बची है और इसे कुछ महीनों में बहाल किया जा सकता है. सैटेलाइट इमेज में ईरान द्वारा सामग्रियां पहले ही हटा लेने के संकेत मिले हैं.

अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) की एक गोपनीय रिपोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि हालिया अमेरिकी बमबारी ने ईरान की परमाणु क्षमताओं को "पूरी तरह से नष्ट" कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान में मौजूद यूरेनियम संवर्धन केंद्रों को गंभीर क्षति पहुंची है लेकिन वे पूरी तरह से नष्ट नहीं हुए हैं और कुछ महीनों में फिर से काम करने लग सकते हैं.
हमले के दौरान इस्तेमाल किए गए 30,000 पाउंड वजनी बंकर-बस्टर बम भी फोर्डो की गहराई में स्थित भूमिगत सुविधाओं को पूरी तरह नष्ट नहीं कर सके. रिपोर्ट में बताया गया कि सुरंगों के प्रवेश द्वार जरूर ध्वस्त हो गए, लेकिन मुख्य संवर्धन हॉल लगभग सुरक्षित रह गया. इससे यह संकेत मिलता है कि ईरान की परमाणु क्षमताओं को केवल अस्थायी झटका लगा है, स्थायी समाधान नहीं मिला.
व्हाइट हाउस ने रिपोर्ट को बताया 'पूरी तरह गलत'
राष्ट्रपति ट्रंप और व्हाइट हाउस ने रिपोर्ट को 'पूरी तरह गलत' करार दिया है. प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट लीक करके ट्रंप के नेतृत्व और अमेरिकी फाइटर पायलट्स की बहादुरी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. ट्रंप ने अपने बयान में कहा, "जब आप 14 बंकर-बस्टर बम सही निशाने पर गिराते हैं, तो पूरा विनाश होता है. इसमें कोई संदेह नहीं."
ईरान पहले से था तैयार? सैटेलाइट इमेज ने खोली परतें
मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट इमेज में दिखाया गया है कि हमले से पहले ही फोर्डो साइट पर बुलडोजर और ट्रक काम कर रहे थे. विशेषज्ञों के अनुसार, ईरान ने शायद समृद्ध यूरेनियम और सेंट्रीफ्यूज को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था. आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन की विशेषज्ञ केल्सी डेवनपोर्ट का कहना है कि ईरान एक गुप्त जगह पर फिर से संवर्धन की प्रक्रिया शुरू कर सकता है.
रणनीतिक सफलता या अधूरा मिशन?
हालांकि उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस ऑपरेशन को रणनीतिक रूप से सफल बताया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान के पास अभी भी 60% तक संवर्धित यूरेनियम और कार्यशील बुनियादी ढांचा मौजूद है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को बता दिया है कि अब आगे कोई अमेरिकी सैन्य कार्रवाई नहीं होगी और कूटनीतिक समाधान की ओर बढ़ना चाहिए.
युद्धविराम के बीच बना अनिश्चितता का माहौल
युद्धविराम भले ही औपचारिक रूप से लागू हो चुका हो, लेकिन इजरायल और ईरान के बीच एक-दूसरे पर उल्लंघन के आरोप लग रहे हैं. ट्रंप ने दोनों पक्षों पर निराशा जताते हुए कहा कि वे अब भी समझ नहीं पा रहे कि उन्हें करना क्या है. इस बीच, विशेषज्ञ आगाह कर रहे हैं कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और भविष्य में यह फिर से वैश्विक चिंता का विषय बन सकता है.