मुफ्त बिजली, बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं को रोजगार... चुनाव से पहले नीतीश कुमार के दांव से विपक्ष चारों खाने चित
बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने 125 यूनिट मुफ्त बिजली, बेरोजगार युवाओं को ₹1,000 मासिक भत्ता, महिलाओं को स्वरोजगार हेतु ₹2 लाख तक सहायता और पेंशन वृद्धि जैसी योजनाओं की सौगात दी. विकास मित्रों, शिक्षा सेवकों, तालीमी मरकज़, निर्माण श्रमिकों व फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी भत्तों में बढ़ोतरी मिली. विपक्ष ने इन घोषणाओं को “नकल” बताया, जबकि जेडीयू ने इन्हें विकास का हिस्सा कहा.

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई नई योजनाओं का एलान करके राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है. 20 साल से सत्ता में बने रहने के बाद एनडीए सरकार ने जिस तरह से नई घोषणाएं की हैं, उसे विपक्ष सीधे-सीधे चुनावी रणनीति बता रहा है. आरजेडी और इंडिया ब्लॉक का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने दरअसल उन्हीं वादों की नकल की है, जिन्हें विपक्ष ने जनता से करने का दावा किया था.
बता दें कि नीतीश कुमार ने युवाओं, महिलाओं, कमजोर वर्गों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए कई नई योजनाएं पेश की हैं. विकास मित्रों को टैबलेट खरीदने के लिए ₹25,000 का एकमुश्त भत्ता, शिक्षा सेवकों और तालीमी मरकज़ कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन खरीदने के लिए ₹10,000, बेरोजगार युवाओं को दो साल तक ₹1,000 प्रतिमाह भत्ता और महिलाओं को स्वरोजगार के लिए शुरुआती ₹10,000 और बाद में ₹2 लाख तक की सहायता जैसी योजनाएं इसमें शामिल हैं.
125 यूनिट फ्री बिजली
नीतीश कुमार ने घोषणा की कि अब उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी. इस योजना से लगभग 1.67 करोड़ परिवारों को सीधा फायदा होने का अनुमान है. इस निर्णय को राज्य में सस्ती और सुलभ बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है.
विकास मित्रों के लिए भत्ता
ग्रामीण इलाकों में एससी-एसटी समुदाय के बीच सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने वाले 10,000 से अधिक विकास मित्रों को अब एकमुश्त ₹25,000 दिए जाएंगे. इसका उद्देश्य उन्हें टैबलेट खरीदने में मदद करना है, ताकि वे लोगों को योजनाओं की जानकारी और बेहतर तरीके से दे सकें. इसके अलावा, उनका परिवहन भत्ता ₹1,900 से बढ़ाकर ₹2,500 और स्टेशनरी भत्ता ₹900 से बढ़ाकर ₹1,500 कर दिया गया है.
शिक्षा सेवकों और तालीमी मरकज़ के लिए स्मार्टफोन
सरकार ने 30,000 से अधिक शिक्षा सेवकों और तालीमी मरकज़ कार्यकर्ताओं को भी राहत दी है. इन लोगों को अब ₹10,000 दिए जाएंगे ताकि वे स्मार्टफोन खरीद सकें. इनका काम है - महादलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़े वर्ग के बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ना.
सामाजिक सुरक्षा पेंशन
जून में सरकार ने बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की पेंशन ₹700 से बढ़ाकर ₹1,100 कर दी थी. 11 जुलाई को सीएम ने खुद 1.11 करोड़ लाभार्थियों के खातों में यह बढ़ी हुई पेंशन राशि सीधे ट्रांसफर की. इसे नीतीश सरकार की सबसे बड़ी कल्याणकारी पहलों में गिना जा रहा है.
बेरोजगारी भत्ता
युवाओं को आकर्षित करने के लिए सरकार ने बेरोजगारी भत्ता योजना शुरू की है. स्नातक और 12वीं पास लेकिन बेरोजगार युवाओं को दो साल तक हर महीने ₹1,000 दिए जाएंगे. विपक्ष का कहना है कि यह योजना युवाओं को लुभाने का चुनावी हथकंडा है.
महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजना
महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना शुरू की गई है. इसके तहत पहली किस्त में महिलाओं को ₹10,000 दिए जाएंगे. बाद में उनके व्यवसाय की प्रगति देखकर ₹2 लाख तक की मदद मिलेगी.
निर्माण श्रमिकों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए लाभ
16 लाख निर्माण श्रमिकों को ₹5,000 का वस्त्र भत्ता दिया जाएगा. इसके साथ ही जीविका, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय भी बढ़ाने का ऐलान किया गया है.
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
विपक्षी आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह सरकार सिर्फ विपक्ष की नकल कर रही है. उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता अब “पुरानी, जर्जर सरकार” से छुटकारा चाहती है और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प ले चुकी है. वहीं, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार एक दूरदर्शी नेता हैं जिन्होंने बिहार को 20 सालों में भ्रष्टाचारमुक्त शासन और कानून-व्यवस्था दी है. उनका कहना है कि नई योजनाओं से बिहार “पूर्व का ग्रोथ इंजन” बनेगा और अगले पांच वर्षों में एक करोड़ रोजगार के अवसर पैदा होंगे.