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चुनाव से पहले नीतीश का दलित-पिछड़ा कार्ड, विकास मित्रों को टैबलेट और शिक्षा सेवकों को मिलेगा स्मार्टफोन; जानें कितना बढ़ा अलाउंस

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलित, महादलित और पिछड़े वर्गों को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है. नवरात्रि से ठीक पहले उन्होंने विकास मित्रों और शिक्षा सेवकों को डिजिटल तोहफे देने का ऐलान किया है.

चुनाव से पहले नीतीश का दलित-पिछड़ा कार्ड, विकास मित्रों को टैबलेट और शिक्षा सेवकों को मिलेगा स्मार्टफोन; जानें कितना बढ़ा अलाउंस
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( Image Source:  ANI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 21 Sept 2025 12:43 PM IST

बिहार की राजनीति में हर चुनाव से पहले माहौल गर्म हो जाता है. सियासी दल जनता को लुभाने के लिए नई-नई योजनाएं लेकर आते हैं. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है. नवरात्रि से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने महादलितों, दलितों और अल्पसंख्यक वर्ग से जुड़े विकास मित्रों और शिक्षा सेवकों को एक साथ डिजिटल सशक्तिकरण का तोहफा दिया है.

सीएम ने विकास मित्रों और शिक्षा सेवकों को डिजिटल तोहफे देने का ऐलान किया है. विकास मित्रों को टैबलेट खरीदने के लिए एकमुश्त 25 हजार रुपए दिए जाएंगे, जबकि शिक्षा सेवकों को स्मार्टफोन लेने के लिए 10-10 हजार की सहायता दी जाएगी.

न्याय के साथ विकास का वादा

नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि उनकी सरकार हमेशा "न्याय के साथ विकास" के सिद्धांत पर चलती है. उन्होंने कहा कि समाज के सबसे वंचित वर्गों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना ही उनकी प्राथमिकता है. इसमें विकास मित्रों की भूमिका अहम है. ये वे लोग हैं जो सरकार और समाज के बीच पुल का काम करते हैं और कल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाते हैं.

विकास मित्रों को मिला डिजिटल हथियार

सरकार ने निर्णय लिया है कि महादलित विकास मिशन के तहत काम कर रहे प्रत्येक विकास मित्र को टैबलेट खरीदने के लिए 25 हजार रुपए की एकमुश्त सहायता दी जाएगी. यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि वे योजनाओं के लाभुकों का डेटा सही तरीके से संधारित कर सकें और बाकी प्रशासनिक कामकाज में आसानी से डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर सकें.

बढ़ाए ये भत्ते

इसके अलावा उनका मासिक परिवहन भत्ता भी 1900 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया गया है. स्टेशनरी भत्ता 900 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए किया गया है. यानी अब उन्हें क्षेत्र भ्रमण करने और दस्तावेजों को सुरक्षित रखने में और सुविधा होगी.

शिक्षा सेवकों के लिए भी राहत

नीतीश कुमार ने सिर्फ विकास मित्रों को ही नहीं, बल्कि शिक्षा सेवकों और तालिमी मरकजों को भी खुशखबरी दी है. उन्होंने घोषणा की कि महादलित, दलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़े वर्ग के बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षा सेवकों को स्मार्टफोन खरीदने के लिए 10-10 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी. यह स्मार्टफोन उन्हें डिजिटल गतिविधियों को बेहतर तरीके से संपादित करने में मदद करेगा.

सिर्फ इतना ही नहीं, शिक्षण सामग्री मद में दी जाने वाली राशि को भी 3405 रुपए से बढ़ाकर 6 हजार रुपए प्रति केंद्र प्रतिवर्ष कर दिया गया है. इससे पढ़ाई के साधन और सामग्री और बेहतर हो सकेंगी.

मनोबल बढ़ाने की कोशिश

सरकार का मानना है कि इन फैसलों से विकास मित्रों और शिक्षा सेवकों का मनोबल बढ़ेगा. जब उन्हें अपने काम में डिजिटल साधन और आर्थिक सुविधा मिलेगी तो वे और उत्साह और लगन के साथ काम करेंगे.

राजनीतिक संदेश भी साफ

नवरात्रि से ठीक पहले किया गया यह ऐलान सिर्फ प्रशासनिक कदम नहीं है, बल्कि राजनीतिक संदेश भी देता है. बिहार विधानसभा चुनाव करीब हैं और नीतीश कुमार जान चुके हैं कि इस बार मुकाबला कठिन है. ऐसे में महादलितों, दलितों और पिछड़े वर्ग को साधने की यह कोशिश चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा लग रही है.

बिहार में नीतीश सरकार ने डिजिटल युग की ओर एक कदम बढ़ाते हुए वंचित वर्गों से जुड़े कार्यकर्ताओं को बड़ी राहत दी है. टैबलेट और स्मार्टफोन के लिए आर्थिक मदद न सिर्फ उनके काम को आसान बनाएगी, बल्कि उन्हें तकनीकी रूप से भी मजबूत करेगी. अब देखना यह होगा कि जनता इसे विकास का कदम मानती है या चुनावी दांव.

बिहारनीतीश कुमार
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