नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक! बेरोजगार युवाओं को 2 साल तक 1000 रुपये भत्ता, 1 करोड़ नौकरियों का वादा
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान किया है. 20–25 साल के बेरोजगार स्नातक युवाओं को 2 साल तक हर महीने 1000 रुपये भत्ता मिलेगा. इसके साथ ही सरकार ने 1 करोड़ नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है. यह कदम युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और कौशल विकास की दिशा में अहम माना जा रहा है.

विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है. बुधवार को उन्होंने घोषणा की कि बिहार में 20 से 25 साल की उम्र के बेरोजगार युवक-युवतियों को दो साल तक हर महीने 1000 रुपये का बेरोजगारी भत्ता मिलेगा. यह योजना सीधे तौर पर लाखों स्नातक पास युवाओं को फायदा पहुंचाएगी. इस ऐलान को चुनावी रणनीति के लिहाज से नीतीश कुमार का ‘मास्टरस्ट्रोक’ माना जा रहा है.
नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि 2005 से अब तक उनकी सरकार ने युवाओं को नौकरी और रोजगार देने को अपनी सबसे बड़ी प्राथमिकता बनाया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अगले पांच साल में 1 करोड़ युवाओं को सरकारी और निजी नौकरी देने का लक्ष्य लेकर चल रही है. साथ ही युवाओं को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है.
युवाओं के लिए नई उम्मीद
नीतीश कुमार का यह ऐलान ऐसे समय में आया है, जब बिहार में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है और युवा लगातार सरकार से रोजगार की मांग कर रहे हैं. सरकार का दावा है कि इस योजना से न केवल युवाओं को पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलेगी, बल्कि वे स्किल ट्रेनिंग लेकर भविष्य के रोजगार के लिए तैयार भी होंगे. सरकार चाहती है कि राज्य के पढ़े-लिखे युवा नौकरी मांगने वाले ही नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें.
बेरोजगारी भत्ता योजना का विस्तार
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि पहले से संचालित मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का दायरा बढ़ा दिया गया है. पहले इस योजना का लाभ केवल इंटर पास बेरोजगार युवाओं तक सीमित था, लेकिन अब इसे स्नातक पास बेरोजगार युवक-युवतियों तक भी विस्तारित कर दिया गया है. यानी, कला, विज्ञान और वाणिज्य से स्नातक पास युवक-युवतियां भी इस योजना के अंतर्गत भत्ता पा सकेंगे.
किसे मिलेगा लाभ और कितने समय तक
नई घोषणा के मुताबिक, 20–25 साल आयु वर्ग के वे युवा जिनके पास न तो कोई रोजगार है और न ही वे किसी प्रकार की पढ़ाई या स्वरोजगार कर रहे हैं, उन्हें 1000 रुपये प्रति माह की सहायता राशि दी जाएगी. यह लाभ अधिकतम दो साल तक मिलेगा. इस दौरान युवाओं से उम्मीद की जाएगी कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करें या फिर स्किल ट्रेनिंग लेकर रोजगार हासिल करें. सरकार का कहना है कि यह कदम युवाओं के भविष्य को मजबूत करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है.
नीतीश का चुनावी दांव या सचमुच सुधार?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह घोषणा सीधा चुनावी एंगल रखती है. बेरोजगारी बिहार का सबसे बड़ा मुद्दा है और लाखों युवाओं की नाराजगी सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है. ऐसे में नीतीश कुमार का यह ऐलान चुनावी मौसम में युवाओं का भरोसा जीतने की कोशिश है. हालांकि, विपक्ष इसे केवल चुनावी वादा बता रहा है और पूछ रहा है कि “अगर रोजगार देना ही था तो इतने सालों में क्यों नहीं दिया गया?” फिर भी, यह सच है कि इस घोषणा ने बिहार के बेरोजगार युवाओं के बीच नई उम्मीद जरूर जगा दी है.