Begin typing your search...

स्विमिंग के दौरान आया था अटैक, जिसकी वजह से गई Zubeen Garg की जान, जानें कितनी खतरनाक है ये बीमारी

Zubeen Garg अब इस दुनिया में नहीं रहे. 19 सितंबर के दिन सिंगापुर में सिंगर की दौर पड़ने के कारण मौत हो गई. ज़ुबीन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने साफ किया कि यह किसी स्कूबा एक्सीडेंट की वजह से नहीं बल्कि अचानक हुए दौरे के चलते उनकी जान गई. ऐसे में चलिए जानते हैं कितनी खतरनाक है ये बीमारी.

स्विमिंग के दौरान आया था अटैक, जिसकी वजह से गई Zubeen Garg की जान, जानें कितनी खतरनाक है ये बीमारी
X
( Image Source:  Instagram- @zubeen.garg )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 20 Sept 2025 1:56 PM IST

असम और पूरे देश के म्यूजिक लवर्स के लिए 19 सितंबर 2025 की सुबह बेहद दुखद रही. मशहूर सिंगर और म्यूजिशियन ज़ुबिन गर्ग का निधन सिंगापुर में हुआ. उन्हें 52 साल की उम्र में लाजरियस आइलैंड में तैरते समय अचानक दौरे का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई.

जुबिन गर्ग की पत्नी गरिमा ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ इस बारे में बात की. अब ऐसे में जानते हैं दौरे क्या होते हैं और इसके चलते शरीर पर क्या असर पड़ता है.

लाजरियस आइलैंड पर हुआ हादसा

गरिमा ने बताया कि ज़ुबिन अपने दोस्तों के साथ एक यॉट पर लाजरियस आइलैंड गए थे. उनके साथ ड्रमर शेखर और सिद्धार्थ भी थे. सभी ने लाइफ जैकेट पहन रखे थे और एक साथ तैरते हुए यॉट पर लौट आए. लेकिन ज़ुबिन फिर से तैरने गए और इसी दौरान अचानक उन्हें दौरा पड़ गया. अन्य लोग तुरंत मदद के लिए आगे बढ़े और उन्हें यॉट पर लाए. इसके बाद उन्हें सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल की आईसीयू में लगभग दो घंटे तक रखा गया. गरिमा ने साफ किया कि यह स्कूबा डाइविंग दुर्घटना नहीं थी.

दौरे (Seizures) क्या होते हैं?

दौरे दिमाग की अचानक और टेंपरेरी एक्सेसिव इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी का नतीजा होते हैं, जो नॉर्मल ब्रेन फंक्शन को बाधित कर देता है. यह मूवमेंट या चेतना को प्रभावित कर सकता है. दौरे बहुत अलग-अलग रूपों में दिखाई दे सकते हैं – कभी यह सिर्फ थोड़े समय के लिए निगाहें गढ़ाए रखने जैसे लक्षण दिखाते हैं, तो कभी पूरे शरीर में ऐंठन और झटके पैदा कर सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, दुनिया की लगभग 10 प्रतिशत आबादी जीवन में कभी न कभी कम से कम एक बार दौरे का एक्सपीरियंस कर सकती है.

दौरे के प्रकार

जनरलाइज्ड दौरे: दिमाग के दोनों हिस्सों में इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी शुरू होती है, जिससे झटके या लगातार नजरें गढ़ाए रखने जैसी कंडीशन पैदा हो सकती है.

फोकल दौरे: दिमाग के एक हिस्से में शुरू होते हैं, आमतौर पर शरीर के एक तरफ असर दिखाते हैं, लेकिन कभी-कभी दोनों तरफ फैल सकते हैं.

दौरे के लक्षण

दौरे के लक्षण प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करते हैं और इनमें कॉन्शसनेस का टेंपररी लॉस, मांसपेशियों में अनकंट्रोल्ड ऐंठन या झटके, नजरें गढ़ाए रखना या खाली नजरों से देखना, अचानक इमोशनल बदलाव जैसे डर, खुशी या भ्रम, दांत चबाना, लार बहना और आंखों की एबनॉर्मल स्पीड, यूरीन या मल पर कंट्रोल खोना और अनियंत्रित आवाज़ निकालना शामिल है.

दौरे के कारण

दौरे कभी-कभी किसी अस्थायी स्थिति जैसे बीमारी, चोट, या ब्लड शुगर में बदलाव से ट्रिगर हो सकते हैं (प्रोवोक्ड), जबकि कभी-कभी यह बिना किसी साफ कारण के होते हैं (अनप्रोवोक्ड या एपिलेप्टिक). दौरे के दौरान दिमाग के सेल्स अनकंट्रोल्ड तरीके से एक्टिव हो जाते हैं और अफेक्टेड एरिया में नॉर्मल एक्शन्स पर असर पड़ता है.

पानी में दौरे की जोखिम

हालांकि दौरे हमेशा जानलेवा नहीं होते, लेकिन जोखिम भरे वातावरण में जैसे तैराकी या ड्राइविंग के दौरान, यह घातक साबित हो सकते हैं. पानी में दौरे का सामना करने वाला व्यक्ति चेतना खो सकता है या अपने मूवमेंट पर नियंत्रण खो सकता है, जिससे उसका वायु मार्ग खुला नहीं रह पाता और डूबने का खतरा बढ़ जाता है. यह खतरा तब भी रहता है जब व्यक्ति स्वीमिंग में मजबूत हो.

हेल्‍थ
अगला लेख