NDA vs महागठबंधन: नामांकन खत्म, INDIA अलाएंस में सीट बंटवारे पर सस्पेंस बरकरार! कितनी सीटों पर कौन लड़ रहा चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव नामांकन की अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी है, लेकिन महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं हो पाई है. वहीं एनडीए ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर एकजुटता का संदेश दिया है. आइए जानते हैं, बिहार में एनडीए और महागठबंधन के तहत किन दलों ने कितनी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.;
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद भी महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फार्मूला अब तक तय नहीं हो पाया. आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के बीच अब भी कई सीटों पर मतभेद जारी हैं. दूसरी ओर, एनडीए ने समय रहते अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी और सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे हैं. एनडीए में शामिल भाजपा, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास), आरएलएम और हम ने तालमेल दिखाते हुए चुनावी एकजुटता दिखाई है.
नामांकन की तिथि समाप्त होने के बाद NDA के सभी पांच दलों के प्रत्याशियों ने अपने-अपने हिस्से की तय सीटों पर नामांकन कर दिया है. मतलब NDA की तरफ से हर सीट पर एक प्रत्याशी है. सिर्फ मढ़ौरा सीट पर LJP(R) की प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन नाम में गलती होने के कारण रद्द हो गया. नामांकन रद्द होने की वजह से एनडीए के 243 में से एक कम यानी 242 सीटों पर प्रत्याशी हैं.
इनमें बीजेपी और जेडीयू के 101-101, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के 29, राष्ट्रीय लोक मंच कुशवाहा और हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा ने 6-6 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. एनडीए में सीटों के ऐलान के बाद एलजेपी (Ramvilas) के कोटे की छह सीटों में से चार पर जेडीयू और दो पर हमने प्रत्याशियों का एलान किया था, लेकिन बाद में आपसी मतभेद को दूर कर लिया गया. उसके बाद सभी पांच दलों ने एनडीए कोटे के तहत आवंटित सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे हैं.
NDA ने सुझला लिए मतभेद
लोक जनशक्ति पार्टी बिहार के प्रवक्ता रंजन सिंह ने कहा कि एनडीए में कुछ सीटों पर मतभेद की वजह से तनातनी की स्थिति बनी, जिसे बाद में उसे सुलझा लिया गया. अब सभी दलों ने एनडीए कोटे के तहत पहले से तय सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. यही वजह है कि एनडीए में शामिल सियासी दलों के प्रत्याशियों के बीच एक भी सीट पर फ्रेंडली फाइट की नौबत नहीं है.
महागठबंधन में 10 सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट'
महागठबंधन भी 243 में से 242 पर ही चुनाव लड़ रही है. इंडिया गठबंधन में भी एक सीट पर प्रत्याशी का पर्चा रद्द हो गया. फिलहाल, महागठबंधन सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाने के कारण घटक दलों ने 243 सीटों पर 255 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे हैं. यानी 12 सीटों पर सहयोगी दलों के बीच भी फ्रेंडली फाइट है.
INDIA अलाएंस में 'तकरार' बरकरार
- राष्ट्रीय जनता दल ने 243 में से से 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. RJD और कांग्रेस एनडीए के अलावा आपस में भी 6 सीटों पर आमने-सामने थे, लेकिन 20 अक्टूबर को लालगंज से कांग्रेस प्रत्याशी ने अपने नाम वापस ले लिए. इस तरह अब आरजेडी-कांग्रेस के बीच पांच सीटों पर फ्रेंडली फाइट हैं. इन सीटों में नरकटियागंज, वैशाली, कहलगांव, सिकंदरा, वारिसलीगंज और सुल्तानगंज शामिल हैं.
- कांग्रेस ने 5 लिस्ट जारी कर 61 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है. इनमें से 9 सीटों पर कांग्रेस की आरजेडी और आईआईपी और सीपीआई से फ्रेंडली फाइट है.
- मुकेश सहनी की पार्टी VIP ने कुल 15 प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है.
- सीपीआई माले ने 20 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है.
- CPI-M ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों को टिकट दिया है. इन सीटों में बछवाड़ा, राजापाकड़, रोसड़ा, करगहर और बिहारशरीफ शामिल है. रोसड़ा में भी CPI ने प्रत्याशी दिया था, लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया.
- CPI के 11 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है. इसमें एक प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया. यानी अब उसके 10 प्रत्याशी मैदान में हैं.
- आईपी गुप्ता की पार्टी IIP और कांग्रेस बेलदौर सीट पर आमने-सामने हैं. IIP के गुप्ता को गठबंधन कोटे के तहत 3 सीटें सहरसा, जमालपुर और बेलदौर मिली है.
- RJD और VIP ने चैनपुर सीट पर अपना-अपना प्रत्याशी उतार दिया है. यहां भी फ्रेंडली फाइट के आसार हैं. वहीं, RJD ने गौरा बौराम सीट से नामांकन के बाद प्रत्याशी वापस लेने का फैसला किया है. यह सीट VIP को दी गई है.
- बिहार विधानसभा के दूसरे फेज के नाम वापसी में अभी 2 दिन बाकी है. हो सकता है कि फ्रेंडली फाइट में शामिल प्रत्याशी में से कुछ नाम वापस ले ले.
- कुल मिलाकर देखें तो महागठबंधन बिना सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को सार्वजनिक किए चुनाव लड़ रहा है. महागठबंधन में शामिल सात दलों ने 243 सीटों पर 255 उम्मीदवारों को टिकट दिया. इनमें से दो सीटों पर चुनाव रद्द हो गया. इसे हटा दें तो अब महागठबंधन के दलों के बीच 10 सीटों पर फ्रेंडली फाइट है.
तेजस्वी ने Rahul के साथ अच्छा नहीं किया : अनवर हुसैन
आरजेडी बिहार के पूर्व प्रवक्ता अनवर हुसैन का कहना है कि तेजस्वी यादव को चुनाव अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. उनके सख्त रवैये की वजह से मुस्लिम वोट कांग्रेस में ज्यादा शिफ्ट होने की संभावना है. इससे आरजेडी को नुकसान होगा. तेजस्वी पर दोहरे दबाव का सामना कर रहे हैं. एक उन पर ईडी का दबाव है. दूसरी बात ये कि वो सीएम नाम के एलान जोर दे रहे हैं. कांग्रेस का लक्ष्य बीजेपी को सत्ता में आने से रोकना है. यही वजह है कि कांग्रेस की ओर से सीएम पद एलान नहीं किया जा रहा है. इसके बावजूद महागठबंधन में सीएम पद के एकमात्र दावेदार तेजस्वी ही हैं.
इसके बावजूद उन्होंने कांग्रेस के साथ सख्त रवैया अख्तियार किया है. इसके पीछे तेजस्वी के मन यह डर होना है कि कहीं कांग्रेस चुनाव परिणाम आने के बाद नीतीश कुमार को अपने पक्ष में करने के लिए सीएम न घोषित कर दें. इसी असुरक्षा ने महागठबंधन में सीटों का आवंटन सहमति से नहीं हो सका और 10 सीटों पर सभी दल आपस में फ्रेंडली फाइट में हैं.