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EXCLUSIVE: US से ‘अरबों’ डकारने को PAK फौज ने ‘एयर स्ट्राइक’ में अपने ही निर्दोष मारे, TTP का खून खौला, अब तबाही मचाएगी!

भारतीय सेना के पूर्व कर्नल शैलेंद्र सिंह ने खुलासा किया कि 21-22 सितंबर 2025 की रात पाकिस्तान की वायुसेना ने खैबर पख्तूनख्वा के मत्रे दारा गांव में अपने ही 30–35 निर्दोष नागरिकों की हत्या की, ताकि अमेरिका को खुश किया जा सके. इस हमले ने स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश पैदा किया. तहरीक-ए-तालिबान (TTP) ने भी इस कृत्य का बदला लेने का वादा किया है.

EXCLUSIVE: US से ‘अरबों’ डकारने को PAK फौज ने ‘एयर स्ट्राइक’ में अपने ही निर्दोष मारे, TTP का खून खौला, अब तबाही मचाएगी!
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 22 Sept 2025 6:39 PM IST

पाकिस्तानी फौज (Pakistan Army) और उसका फील्ड मार्शल आसिम मुनीर (Field Marshal Asim Munir) इन दिनों पूरी तरह से ‘बौरा’ चुके हैं. वहां के हुक्मरानों (Government of Pakistan) का दिमागी संतुलन बिगड़ चुका है. एक तरफ भारतीय फौजों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की रात पाकिस्तान में की गई तबाही-बर्बादी. दूसरी ओर पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के बीच पाकिस्तानियों द्वारा ‘भीख’ में अमेरिका से “दौलत” बटोरने की मैली मंशा. ऐसे में अब पाकिस्तानी फौज अपनी ही हुकूमत को ‘नजरंदाज’ करके सिर्फ और सिर्फ मक्कार-मतलबपरस्त अमेरिका (America Pakistan Relation) को खुश करने में जुटी है.”

यह तमाम बेबाक अंदर की बातें बयान की हैं भारतीय थलसेना के रिटार्यड कर्नल शैलेंद्र सिंह ने (Lt. Colonel Retired Shailendra Singh, Indian Army). भारतीय फौज के पूर्व कर्नल शैलेंद्र सिंह, 21-22 सिंतबर 2025 को आधी रात पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा अपनों के ऊपर ही कर डाली गई “एयर स्ट्राइक” पर “स्टेट मिरर हिंदी” के एडिटर इनवेस्टीगेशन से “एक्सक्लूसिव” बात कर रहे थे. विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने जिस बेहद अहम और अंदर के छिपे हुए तथ्य का खुलासा किया वह यह है कि अमेरिका (America) को खुश करने की गफलत में ही 21-22 सितंबर 2025 को आधी रात के वक्त पाकिस्तानी वायुसेना ने अफगानिस्तान सीमा से सटे, अपने ख़ैबर फख़्तूनख़्वा प्रांत की लंडी कोटल तहसील के गांव मात्रे दारा में “एयर स्ट्राइक” (Air Strike in Pakistan) कर डाली. इसमें 30 से 35 बेकसूर लोगों की जान चले जाने की खबरें हैं.

आखिर क्‍यों अपनो का खून बहा रहा पाकिस्‍तान?

आखिर अचानक से क्यों पाकिस्तानी फौज इस कदर की ऊट-पटांग हरकतें करके अपनों का ही खून-बहाने पर आमादा हो उठी है? क्या इस हमले का कालांतर में पाकिस्तानी फौज की ही पाली-पोसी अब हर लम्हा पाकिस्तानी फौज की आंखों में करकने वाली और, पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थन वाली तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से भी कोई ताल्लुक है? आदि-आदि तमाम अहम और बेहद उलझे हुए सवालों के जवाब भी कर्नल शैलेंद्र सिंह ने बेहद सधे हुए अंदाज में तार्किक तरीके से दिए.

ऑपरेशन सिंदूर की मार भूल नहीं पा रहा पाक

भारतीय थलसेना के पूर्व कर्नल शैलेंद्र सिंह ने कहा, “22 अप्रैल 2025 को जम्मू के पहलगाम स्थित बैसारन घाटी में हुए आतंकवादी हमले (Pahalgam Baisaran Valley Terrorist Attack) के जवाब में, भारतीय फौजों द्वारा 6-7 मई 2025 को आधी रात पाकिस्तान के ऊपर अंजाम दिए जा चुके ऑपरेशन सिंदूर ने, पाकिस्तान आर्मी और वहां की हुकूमत की सही-गलत सोचने-समझने की ताकत छीन ली है. बेशक भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में मचाई गई तबाही के मुआवजे के बतौर भीख में पाकिस्तान, अमेरिका से अरबों डॉलर क्यों न अपना पेट-पालने के लिए बटोर लाया हो. मगर उन अमेरिकी डॉलर्स की रकम ने पाकिस्तानी फौज और उसके हुक्मरानों की भीख मांगने की भयावह भूख को और ज्यादा बढ़ा दिया है.

दौलत के लिए देश को दांव पर लगाए बैठे पाकिस्‍तानी हुक्‍मरान

पाकिस्तान को लग रहा है कि अपनी तबाही के पीछे अमेरिका को भारत का हाथ बताकर पाकिस्तान, अमेरिका से जितना ज्यादा से ज्यादा पैसा मदद या भीख के रूप में वसूल सके उतना ज्यादा पैसा वसूल लाए. हालांकि अमेरिका से मिले इस पैसे से भी पाकिस्तानी फौज और उसके हुक्मरानों की भूख शांत नहीं होगी. यह भूख उसकी बढ़ेगी ही. क्योंकि पाकिस्तानी फौज और वहां की हुकूमत दोनों ही दौलत के लिए देश को भी दांव पर लगाए बैठै हैं. हुकूमत हो या फिर पाकिस्तानी फौज, सबको अपनी अपनी जेबें भरने और अपने-अपने घर-परिवारों को “धन्नासेठ” बनाने की पड़ी है. देश अगर चीन और अमेरिका के हाथों में गिरवी रखा हुआ भी है तो इन मक्कार पाकिस्तानी फौजियों और वहां के हुक्मरानों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. पाकिस्तान की इस तरह की बेजा चाहतों का उफान किस कदर बर्बादी की ओर झोंक रहा है, इसका घिनौना नमूना 21-22 सितंबर 2025 को आधी रात पाकिस्तानी फौज ने एयर स्ट्राइक करके दुनिया को दे दिया. जिसमें पाकिस्तानी वायुसेना ने आधी रात को घरों में बेफिक्री के आलम में सो रहे अपने ही निर्दोष नागरिकों को अकाल मौत मार डाला.

पाकिस्तान का काला-इतिहास उठाकर पढ़ लीजिए

पाकिस्तानी वायुसेना ने जिस बेरहमी के साथ अपने ही नागरिकों को (ख़ैबर पख़्तूनख़्वा) इलाके में मार डाला है. वह भी पाकिस्तान द्वारा अमेरिका को ही खुश करके उसके खजाने से और ज्यादा धन “भीख-मदद” के रूप में वसूल लाने की ही घिनौनी कोशिश का डरावना हिस्सा हो सकती है.” अमेरिकी हुकूमत के खजाने से ज्यादा से ज्यादा धन खैरात में बटोरने के लिए पाकिस्तान हो या कोई भी कितना भी गिरा हुआ देश, भला रात के वक्त सोते हुए अपने ही देश के बेकसूर नागरिकों के ऊपर बमों की बरसात क्यों कर डालेगा? पूछने पर भारतीय सेना के पूर्व कर्नल और कारगिल युद्ध के हीरो रहे शैलेंद्र सिंह बोले, “दरअसल यह भारत नहीं है जहां आज भी इंसान और इंसानियत, उसूलों को प्राथमिकता दी जाती है. भारत ही था जिसने पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश को आधी रात को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सबक सिखाने के दौरान भी इस बात का ख्याल रखा कि, वह ऑपरेशन रात में अंजाम देने से आम नागरिक यानी निर्दोष पाकिस्तानियों की मौत नहीं होगी. पाकिस्तानी फौज और उसके हुक्मरानों के लिए दौलत से बड़ी और कोई विरासत कभी नहीं रही है. पाकिस्तान का काला-इतिहास उठाकर पढ़ लीजिए. तो उसने लिखा हुआ पढ़ने को मिल जाएगा कि, कैसे पाकिस्तान में किसी भी उच्च पद पर तैनात नेता या फौज के अफसर का अंजाम-अंत कितना बुरा हुआ.”

इस्‍तेमाल कर थूक देने के लिए पाकिस्‍तान सबसे मुफीद

स्टेट मिरर हिंदी के एक सवाल के जवाब में कारगिल युद्ध के हीरो रह चुके और भारतीय सेना के पूर्व कर्नल शैलेंद्र सिंह ने कहा, “दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत ने अंदरूनी और बाहरी रूप से पाकिस्तानी फौज और उसके हुक्मरानों को बौरा डाला है. वे (पाकिस्तानी) सब इसी उधेड़बुन में जुटे रहते हैं कि कैसे भारत को बदनाम करके, अमेरिका और चीन से मदद के रूप में ज्यादा से ज्यादा “आर्थिक-भीख” मांगी जा सके. पाकिस्तान में हो भी यही रहा है. अमेरिका और चीन दोनों के लिए ही पाकिस्तान से माकूल इस वक्त भारत के करीब मौजूद नेपाल, श्रीलंका और बंग्लादेश में से कोई दूसरा वैकल्पिक और वक्त जरूरत इस्तेमाल करके थूक देने की नजर से नजर अन्य कोई भी देश बेहतर दिखाई नहीं पड़ रहा है. अब अमेरिका जैसा मक्कार देश पाकिस्तान को तभी भीख में आर्थिक मदद देगा, जब पाकिस्तान उसके सामने हर वक्त यह साबित करता रहे कि वह (पाकिस्तान) सिर्फ और सिर्फ अमेरिका का ही सगा है.”

बगराम एयर बेस लेने के चक्‍कर में कहीं अमेरिका ने तो नहीं कराई बमबारी?

बकौल पूर्व कर्नल शैलेंद्र सिंह, “हाल ही में जैसे ही धूर्त अमेरिका ने अफगानिस्तान (Afghanistan) से उसका बगराम एयर बेस (Bagram Air Base) मांगा, वैसे ही पाकिस्तान को फिर लगा कि अमेरिका को खुश करने का यह मौका अच्छा है. 21-22 सितंबर 2025 की रात पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा द्वारा अपनों के ऊपर ही कर डाली गई एयर-स्ट्राइक के पीछे तह तक में झांकने पर, एक संदेह यह भी पैदा होता है कि पाकिस्तान इस एयर स्ट्राइक के जरिए, अमेरिका को प्रभावित करना चाह रहा हो, कि अगर तालिबानी हुकूमत अगर अमेरिका को आसानी से बगराम एयर बेस नहीं सौंपती है तो उस हालत में पाकिस्तानी सेना और उसकी वायुसेना, अफगानिस्तान के ऊपर हमला करने-कराने में अमेरिका की पूरी तरह मदद कर पाने में सक्षम है. अगर अमेरिका को खुश करके उससे अरबों डॉलर की भीख पाकिस्तान के कटोरे में आने की उम्मीद होगी, तब पाकिस्तानी फौज और उसके हुक्मरान 30-35 क्या अपने सैकड़ों बेसकूर-निर्दोष नागिरकों को कत्ल-ए-आम करके मार डालने में नहीं शर्माएगी. चाहे फिर पाकिस्तान पर दुनिया क्यों न थूके. जिस तरह से भारत के लिए आत्म-सम्मान ही जीवन-रेखा है, उसी तरह पाकिस्तानी फौज और वहां के हुक्मरानों को लिए दौलत जरूरी है. फिर चाहे वह दौलत उन्हें किसी भी हद तक गिरकर क्यों न हासिल करनी पड़े.”

हिम्‍मत थी तो अफगानिस्तान की सीमा में करते एयर स्‍ट्राइक?

चीन, अमेरिका और पाकिस्तान की मक्कार तिकड़ी की ‘धूर्तता’ की परतें खोलते हुए कारगिल वॉर के हीरो और भारतीय थलसेना के रिटायर्ड कर्नल शैलेंद्र सिंह कहते हैं, “इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पाकिस्तानी वायुसेना की औकात अफगानिस्तान की सीमा में 21-22 सितंबर 2025 को आधी रात जैसी एयर स्ट्राइक करने की हिम्मत नहीं थी. क्योंकि अफगानिस्तान जवाब में तुरंत पाकिस्तान को धूल चटा देता. हां, चूंकि इस वक्त अफगानिस्तान से अमेरिका की बगराम एयर बेस को लेकर तनातनी चल रही है, तो ऐसे में अमेरिका को यह जताने के लिए पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित अपने ही खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की घाटी में बसे गांव के ऊपर बम बरसा डाले. ताकि अमेरिका को लगे कि अफगानिस्तान से जबरिया बरगाम एयर बेस छीनने-झपटने के दौरान पाकिस्तान उसकी (अमेरिक) मदद जरूर करेगा. अमेरिका और पाकिस्तान इस तरह का ऊट-पटांग-मनगढ़ंत सोचते वक्त भूल जाते हैं कि, इसी अमेरिका की फौजों को भरे कोरोना काल में कैसे इन्हीं तालिबानियों ने सिर पर पांव रखकर अफगानिस्तान से भागने पर मजबूर कर दिया था. तब अमेरिका ने उस वक्त क्यों नहीं बगराम एयर बेस अफगानिस्तान से मांगा था? या तब यह मक्कार पाकिस्तान क्यों नहीं अफगानिस्तान में सिर पर पांव रखकर भागते हुए अमेरिका की मदद के लिए वहां (अफगानिस्तान) पहुंचा था?”

एयर स्‍ट्राइक पर पाकिस्‍तानी जनता में भी जबरदस्‍त गुस्‍सा

स्टेट मिरर हिंदी से लंबी एक्सक्लूसिव बातचीत में कारगिल वॉर के हीरो रहे शैलेंद्र सिंह कहते हैं कि, “बीती रात (21-22 सितंबर 2025 को आधी रात के बाद) चीन से हासिल जिन JF-17 थंडर जेट विमानों का इस्तेमाल पाकिस्तानी वायुसेना ने अपनों को ही मार डालने के लिए किया, उनसे कम से कम 8 LS-6 प्रिसिजन ग्लाइड बम गिराए जाने की खबरें देख-पढ़ रहा हूं. इन हमलों में कई बस्तियों के तबाह होने की खबरें आ रही हैं. खैबर पखतूनख्वा की तिराह घाटी के मत्रे दारा गांव में हुए हमलों के बाद पाकिस्तानी नागरिकों में गहरा क्षोभ है. सुना जा रहा है कि अब जब इस एयर स्ट्राइक में पाकिस्तानी वायुसेना ने अपने ही कई बेकसूर-निर्दोष नागिरक मार डाले और इलाके में बवाल मचने की आशंका पैदा हुई तो, पाकिस्तानी फौज ने बचाव में कहना शुरू कर दिया है कि यह एयर स्ट्राइक पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान समर्थित और पाकिस्तानी फौज द्वारा ही पाली-पोसी गई मगर अब, उसकी ही आंखों में करक रही, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी टीटीपी के आतंकवादियों को ढेर करने के लिए की गई थी. अनजाने में मगर इस एयर स्ट्राइक में निर्दोष पाकिस्तानी नागरिक मर गए.”

तहरीक-ए-तालिबान का वादा, ऐसी सजा देंगे कि...

आधी रात को पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा अपनों के ही ऊपर कर डाली गई एयर स्ट्राइक के बाद दिन निकले यानी भोर में जब, बस्तियों में लाशों के ढेर देखने को मिले तो घाटी के लोगों का खून खौल उठा. ऐसे में पीड़ितों के साथ तहरीक-ए-तालिबान ने उनकी दुखती रग पर हाथ रख दिया और वायदा किया कि, पाकिस्तानी फौज को इस पाप की सजा जल्दी ही दी जाएगी. ऐसी सजा जिसे देखने वालों की रूह कांप जाएगी. मतलब साफ है कि तहरीक-ए-तालिबान के लड़ाकों का अगर खून खौला है तो वह खून ठंडा भी पाकिस्तानी फौज का खून पीकर ही होगा. यानी पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान जल्दी ही अगर कोई भयंकर जवाबी कार्यवाही कर डाले, तो पाकिस्तान की मक्कार हुकूमत और बेहया पाकिस्तानी फौज के अफसरों को इस पर हैरत नहीं होगी. अमेरिका और चीन के पांवों में हर वक्त लोटते रहने वाले पाकिस्तानी हुक्मरान और इन दोनो देशों की कठपुतली बनकर इनके इशारों पर नाचते रहने वाला पाकिस्तानी फौज का फील्ड मार्शल आसिम मुनीर भली-भांति जानता है कि, टीटीपी का खून खौलने का मतलब क्या होता है?

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