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अपनों को भी नहीं बख़्श रहे पाकिस्तानी, खैबर पख्तूनख्वा में बम गिराकर ले ली 30 लोगों की जान; आतंकियों को बसाने की शुरुआत तो नहीं!

खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी एयरफोर्स ने मातरे दारा गांव पर बम बरसाए. इस हमले में 30 से ज्यादा निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. राहत कार्य जारी है और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.

अपनों को भी नहीं बख़्श रहे पाकिस्तानी, खैबर पख्तूनख्वा में बम गिराकर ले ली 30 लोगों की जान; आतंकियों को बसाने की शुरुआत तो नहीं!
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( Image Source:  X/Madhurendra13 )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 22 Sept 2025 1:36 PM

पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देने के लिए अब अपने ही लोगों को मारने पर उतारू हो गया है. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सोमवार तड़के पाकिस्तानी एयरफोर्स ने हवाई हमले किए. करीब 2 बजे मातरे दारा गांव पर आठ LS-6 बम गिराए गए, जिससे बड़ा नरसंहार हुआ. इस हमले में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. स्थानीय मीडिया के मुताबिक सभी मृतक आम नागरिक थे.

घटनास्थल से सामने आई तस्वीरें और वीडियो बेहद भयावह हैं. इनमें बच्चों समेत कई शव मलबे में दबे दिखाई दिए. रेस्क्यू टीम लगातार राहत कार्य में जुटी है और आशंका जताई जा रही है कि मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है. कई लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं, हालांकि उनकी स्थिति को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है.

नागरिकों पर बार-बार हो रहा बमों से हमला

खैबर पख्तूनख्वा में पहले भी कई बार आतंकवाद विरोधी अभियान के नाम पर निर्दोष नागरिकों की जान गई है. इसी साल जून में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रिपोर्ट जारी कर कहा था कि इस क्षेत्र में लगातार होने वाले ड्रोन हमले नागरिकों की सुरक्षा के प्रति पाकिस्तान की लापरवाही को दिखाते हैं. एमनेस्टी ने इन हमलों को नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया था.

आतंकवादियों पर ऑपरेशन या नागरिकों की कुर्बानी?

पाकिस्तानी सेना का दावा है कि वह इस इलाके में आतंकियों के ठिकाने निशाना बना रही है. हाल ही में सेना ने दिरा इस्माइल खान जिले में इंटेलिजेंस आधारित ऑपरेशन में सात आतंकियों को मार गिराने का दावा किया था. इनमें से तीन अफगान नागरिक और दो आत्मघाती हमलावर थे. लेकिन हर बार सवाल यही उठता है कि इन ऑपरेशनों की आड़ में निर्दोषों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है.

आतंकियों की नई पनाहगाह

सिंधूर ऑपरेशन के बाद जब पाकिस्तानी सेना ने नौ बड़े आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए, तब से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन जैसे गुट खैबर पख्तूनख्वा में नए ठिकाने बनाने लगे हैं. अफगान सीमा से लगे इस पहाड़ी इलाके की भौगोलिक स्थिति उन्हें छिपने में मदद करती है. यहां अब भी 1980 के दशक और 9/11 के बाद बने कई बंकर सक्रिय बताए जाते हैं.

पाकिस्तान पर बढ़ता दबाव

पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. जनवरी से अगस्त 2025 के बीच 605 आतंकी घटनाएं दर्ज की गईं जिनमें 138 नागरिक और 79 पुलिसकर्मी मारे गए. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में बयान दिया था कि अफगानिस्तान को तय करना होगा कि वह आतंकियों के साथ है या पाकिस्तान के साथ. लेकिन हकीकत यह है कि बार-बार हो रहे हमलों में सबसे ज्यादा कुर्बानी निर्दोष आम लोग ही दे रहे हैं.

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