कौन रहा सिर्फ 5 दिन का CM, पांच मुख्यमंत्री जिन्होंने सबसे ज्यादा दिन तक संभाली बिहार की कुर्सी
बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री की कुर्सी का सफर हमेशा उतार-चढ़ाव भरा रहा है. बिहार में ऐसे भी नेता हुए जो केवल पांच दिनों तक सीएम की कुर्सी पर बैठे, तो वहीं कुछ ने लगातार दो दशकों से भी ज्यादा समय तक सत्ता संभाली. आइए, जानते हैं, बिहार के सबसे कम और सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्रियों के बारे में डिटेल.
बिहार के राजनीतिक इतिहास में कई ऐसे किस्से दर्ज हैं जो इसे देश के बाकी राज्यों से उसे अलग बनाते हैं. किसी ने महज पांच दिन तक राज किया तो कई ऐसे भी हुए जिन्होंने से 20 साल से ज्यादा समय तक बिहार की कुर्सी संभाली. बिहार की राजनीति की यही सबसे बड़ी खासियत रही है. इस स्टोरी में जानिए, हम आपको बताएंगे कि कौन रहा बिहार का सबसे कम समय का मुख्यमंत्री और कौन से वो चार मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा दिनों तक सत्ता संभाली.
कौन बने सिर्फ 5 दिन के मुख्यमंत्री?
बिहार के पूर्व सीएम सतीश प्रसाद सिंह सिर्फ पांच दिनों (04 दिन 28 जनवरी से 01 फरवरी 1968) तक सीएम रहे.बिहार की राजनीति में सबसे छोटे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें याद किया जाता है. वे 1968 में केवल 5 दिनों के लिए बिहार के सीएम बने थे. उस समय वे कांग्रेस से जुड़े हुए थे. जातीय समीकरण के कारण उन्हें यह मौका मिला. हालांकि, इतने छोटे कार्यकाल के बावजूद वे बिहार के राजनीतिक इतिहास में याद किए जाते हैं. क्योंकि उनके नाम 'सबसे कम दिनों के मुख्यमंत्री' होने का रिकॉर्ड है.
बिहार में सबसे लंबे समय तक राज करने वाले मुख्यमंत्री
1. नीतीश कुमार (वर्तमान सीएम)
नीतीश कुमार बिहार की राजनीति के सबसे लंबे और प्रभावशाली चेहरों में से एक हैं. उन्होंने पहली बार 2000 में थोड़े समय के लिए मुख्यमंत्री पद संभाला और फिर 2005 से लगातार बिहार की सत्ता में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई. इस समय भी वहीं बिहार के सीएम हैं. वह करीब 7 हजार से ज्यादा दिनों से प्रदेश के सीएम हैं. 'सुशासन बाबू' के नाम से पहचान बनाने वाले नीतीश कुमार ने बिहार में सड़क, बिजली, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण, गरीबों उन्मूलन जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी. वे कई बार एनडीए और महागठबंधन के बीच पाला बदलते रहे हैं, लेकिन आज भी वे राज्य की राजनीति के केंद्र में हैं.
2. श्रीकृष्ण सिंह (पूर्व सीएम)
बिहार के पहले सीएम डॉ. श्रीकृष्ण सिंह बिहार के पहले मुख्यमंत्री और देश के स्वतंत्रता आंदोलन के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं. वे कुल 6,256 दिन सीएम के पद पर रहे. वे 1946 से 1961 तक लगातार बिहार के मुख्यमंत्री रहे और यह कार्यकाल अब तक का सबसे लंबा रहा. इससे पहले भी दो बार सीएम (तत्कालीन पीएम) पद रहे थे. उनके नेतृत्व में बिहार में उद्योग, शिक्षा और कृषि क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए. वे पंडित जवाहरलाल नेहरू के निकट सहयोगी थे और बिहार की राजनीति में उन्हें 'श्री बाबू और बिहार केसरी' के नाम से जाना जाता है.
3. राबड़ी देवी (पूर्व सीएम)
राबड़ी देवी बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. साल 1997 में लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद अचानक राजनीति में आईं और मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली. उनका कार्यकाल 2005 तक चला. कुल 2,746 दिन सीएम पद पर रहीं. इस दौरान उन्होंने कई बार विपक्ष के हमले और राजनीतिक अस्थिरता का सामना किया. हालांकि, उन पर ‘प्रॉक्सी सीएम’ होने का आरोप भी लगा, लेकिन उन्होंने एक महिला नेता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई.
4. लालू प्रसाद यादव (पूर्व सीएम)
पूर्व सीएम और राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू प्रसाद यादव बिहार की राजनीति में करिश्माई और जनप्रिय नेता हैं. वे 1990 से 1997 तक यानी 2,687 लगातार बिहार के मुख्यमंत्री रहे. सामाजिक न्याय और पिछड़ों की राजनीति को उन्होंने नई दिशा दी. लालू यादव अपने अनोखे अंदाज और हाजिर जवाबी के लिए भी मशहूर रहे हैं. उनके कार्यकाल को ‘मंडल राजनीति’ और ‘रेल मंत्री के रूप में सुधार’ के लिए याद किया जाता है. हालांकि, बिहार में कानून-व्यवस्था और विकास को लेकर उन्हें आलोचना भी झेलनी पड़ी.
5. जगन्नाथ मिश्रा (पूर्व सीएम)
बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा बिहार की राजनीति के एक बड़े और प्रभावशाली नेता रहे हैं. उन्हें प्रदेश का तीन बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कद्दावर नेता मिश्रा को उनकी साफ-सुथरी छवि और जनता के मुद्दों पर मुखर रहने के लिए जाना जाता था. वे पहली बार 1975 में मुख्यमंत्री बने और उसके बाद दो बार और इस पद पर आसीन हुए. शिक्षा और ग्रामीण विकास को लेकर उनकी नीतियों की खूब चर्चा हुई. खासकर 1977 में कॉलेज और विश्वविद्यालय शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने वाले फैसले के कारण उन्हें 'शिक्षक नेता' भी कहा जाता है. हालांकि, उनका कार्यकाल विवादों से भी अछूता नहीं रहा और उन पर कई राजनीतिक व प्रशासनिक आरोप लगे. इसके बावजूद, जगन्नाथ मिश्रा को बिहार की राजनीति में एक करिश्माई और प्रभावशाली नेता के रूप में याद किया जाता है.
बिहार का अगला सीएम कौन?
बिहार की राजनीति में पांच दिनों से लेकर दो दशक तक लगातार सीएम बने रहने के कार्यकाल से साफ है कि यहां सत्ता की गाथा कितनी रोचक और चुनौतीपूर्ण रही है. श्रीकृष्ण सिंह से लेकर नीतीश कुमार तक का सफर राज्य की बदलती राजनीतिक तस्वीर को दर्शाता है. नवंबर 2025 में 18वीं विधानसभा चुनाव होगा. चुनाव परिणाम से ही तय होगा कि प्रदेश का अगला सीएम कौन होगा?





