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दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड से 400 करोड़ की कंपनी के मालिक बने नीरज सिंह, अब जन सुराज पार्टी से चुनावी मैदान में

बिहार के सीहोर जिले के नीरज सिंह की कहानी संघर्ष और सफलता का प्रेरक उदाहरण है. कभी दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड रहे नीरज आज 400 करोड़ रुपये टर्नओवर वाली ऊषा इंडस्ट्रीज के मालिक हैं. उन्होंने अपने कारोबार को ईंट, ब्लॉक और सड़क निर्माण तक विस्तार दिया है. अब वे जन सुराज पार्टी से शियोहर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं.

दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड से 400 करोड़ की कंपनी के मालिक बने नीरज सिंह, अब जन सुराज पार्टी से चुनावी मैदान में
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( Image Source:  Sora_ AI )

Niraj Singh businessman Bihar success story: बिहार के सीहोर जिले के एक छोटे से गांव से निकलकर सफलता की बुलंदियों को छूने वाले 38 वर्षीय उद्योगपति नीरज सिंह अब राजनीति में अपनी नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, कभी दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाले नीरज आज 400 करोड़ रुपये टर्नओवर वाली कंपनी के मालिक हैं. अब वह जन सुराज पार्टी (Prashant Kishor की पार्टी) से सीहोर विधानसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतर रहे हैं.

महज 13 साल की उम्र में पास की दसवीं की परीक्षा

नीरज सिंह का जन्म बिहार के सीहोर जिले के मथुरापुर गांव में हुआ था. बेहद साधारण परिवार से आने वाले नीरज ने महज 13 साल की उम्र में दसवीं की परीक्षा पास की. परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसलिए उन्होंने कम उम्र में ही नौकरी की तलाश शुरू कर दी, लेकिन इतनी छोटी उम्र में किसी ने उन्हें काम पर नहीं रखा. इसके बाद उन्होंने गांव में पेट्रोल और डीजल बेचने का काम शुरू किया.

तीन साल बाद बेहतर जीवन की तलाश में वे दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने एक सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम किया. कुछ समय बाद वे पुणे पहुंचे और एक प्राइवेट कंपनी में ऑफिस अटेंडेंट बन गए. मेहनत और लगन के दम पर उन्होंने जल्द ही एचआर प्रोफेशनल के तौर पर पहचान बनाई.

2010 में शुरू किया कारोबार, अब 400 करोड़ की कंपनी

2010 में नीरज सिंह ने अपना खुद का अनाज व्यापार (grain business) शुरू किया, जिसने धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ ली. इसके बाद उन्होंने ‘ऊषा इंडस्ट्रीज’ (Usha Industries) की स्थापना की, जो आज ईंट, ब्लॉक, टाइल्स और अन्य कंस्ट्रक्शन सामग्री बनाती है. बाद में उन्होंने रोड कंस्ट्रक्शन और पेट्रोल पंप व्यवसाय में भी कदम रखा. आज मोतिहारी स्थित उनकी कंपनी का टर्नओवर 400 करोड़ रुपये से अधिक है और करीब 2,000 लोगों को रोजगार देती है.

साइकिल से लेकर लग्जरी कारों तक का सफर

एक समय था जब नीरज सिंह के पास अपनी साइकिल भी नहीं थी. वे पड़ोसियों से साइकिल मांगकर काम चलाते थे, लेकिन आज उनके पास Range Rover सहित आधा दर्जन लग्जरी कारें हैं. नीरज के दो भाई हैं और वे अपने माता-पिता, पत्नी और दो बेटों के साथ रहते हैं. साथ ही वे कानून (Law) की डिग्री भी रखते हैं.

समाजसेवा से जुड़ा नाम

नीरज सिंह केवल एक उद्योगपति ही नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं. वे गरीब लड़कियों की शादियों का खर्च उठाते हैं, फ्री हेल्थ कैंप आयोजित करते हैं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए धार्मिक यात्राओं की व्यवस्था भी करते हैं.

राजनीति में नई पारी

अब नीरज सिंह जन सुराज पार्टी से सीहोर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. वे कल अपना नामांकन दाखिल करेंगे। चुनावी मैदान में उतरने से पहले उन्होंने कहा, “सच्ची राजनीति वही है जो लोगों की ज़िंदगी बदल दे. बिहार में सब कुछ है, बस ज़रूरत है सही इच्छाशक्ति की.”

नीरज सिंह की यह कहानी न सिर्फ संघर्ष और सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि मेहनत, संकल्प और ईमानदारी से कोई भी असंभव लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.

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