पवन सिंह के नाम का बस होता रहा हल्ला, खेसारी लाल यादव मार गए बाजी, पत्नी चंदा छपरा से RJD के टिकट पर लड़ सकती हैं चुनाव
भोजपुरी सिनेमा के दो सुपरस्टार पवन सिंह और खेसारी लाल यादव में सियासी मुकाबला रोचक होता जा रहा है. पवन सिंह के नाम का शोर जरूर है, लेकिन राजनीतिक मैदान में खेसारी लाल आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक खेसारी की पत्नी को राजद टिकट देने पर विचार कर रही है.

बिहार चुनाव 2025 का माहौल गर्म है और अब इसमें भोजपुरी तड़का भी लग चुका है. इसी के साथ छपरा विधानसभा सीट पर लंबे समय से सस्पेंस भी समाप्त हो गया. अब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा देवी को उम्मीदवार घोषित कर स्थिति स्पष्ट कर दी है. इस बार वह RJD पार्टी की ओर से छपरा सीट से चुनाव लड़ेंगी. राजद के इस कदम से स्थानीय राजनीतिक परिदृश्य में नई हलचल देखने को मिल रही है. अब लोग यह चर्चा कर रहे हैं कि भोजपुरी स्टार शोर शराबा ही मचाते रह गए. खेसारी सियासी पारी शुरू करने के मामले में बाजी मार गए.
छपरा विधानसभा सीट पर भाजपा का कई सालों से दबदबा रहा है. सिटिंग विधायक डॉ. सीएन गुप्ता लगातार दो कार्यकाल से जीतते रहे हैं. इस बार BJP ने उन्हें टिकट नहीं दिया और छोटी कुमारी को अपना उम्मीदवार बनाया. इसको लेकर गुप्ता समर्थकों में असंतोष चरम पर है. पूर्व मेयर राखी गुप्ता ने भाजपा से टिकट कटने के बाद बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. राखी गुप्ता लंबे समय से छपरा विधानसभा सीट पर सक्रिय रही हैं और पार्टी संगठन के संपर्क में रही हैं. भाजपा का यह दांव चुनावी समीकरणों पर असर डाल सकता है.
इन जातियों का असर ज्यादा
छपरा विधानसभा क्षेत्र में यादव, राजपूत, ब्राह्मण, बनिया और मुस्लिम समुदाय के मतदाता बड़ी संख्या में हैं. इस बार चंदा देवी और छोटी कुमारी के बीच मुकाबला निर्णायक साबित हो सकता है. बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं ने भीतरघात किया तो आरजेडी प्रत्याशी चंदा चुनाव जीत सकती हैं.
पवन की राह में ज्योति बनी रोड़ा
दरअसल पवन सिंह की चर्चा इसी आड़ इसलिए हो रही है कि उन्होंने रौबदार तरीके से बीजेपी में घर वापसी की थी. आरा सीट से उनका चुनाव लड़ना तय मारा जा रहा था, लेकिन उनकी पत्नी ज्योति सिंह ने ऐसा हंगामा किया कि भोजपुरी स्टार पवन की सियासी शुरू होने से पहले ही थम गई. दूसरी ओर खेसारी लाल यादव ने शांत रहकर राजनीतिक पारी की ऐसी शुरुआत की है. उन्होंने ऐसा चौक मारा है कि सब हैरान हैं. खबर है कि राजद खेसारी की पत्नी को टिकट देने की तैयारी में है.
नई जंग की शुरुआत
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में पवन सिंह और खेसारी लाल यादव का मुकाबला पुराना है, लेकिन इस बार मैदान फिल्मों का नहीं, बल्कि राजनीति से जुड़ा मामला है. कुछ दिन पहले तक पवन सिंह के BJP के टिकट पर आरा से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था, लेकिन पत्नी के साथ विवाद ने उनकी इमेज को इतना पलीता लगाया कि वह चुनावी राजनीति से पीछे हट गए. वहीं खेसारी लाल यादव ने चुपचाप सियासी जमीन तैयार कर ली है.
पवन रणनीति कमजोर?
पवन सिंह सोशल मीडिया पर भले ही ट्रेंड कर रहे हों, लेकिन राजनीतिक स्तर पर उनकी रणनीति उतनी स्पष्ट नहीं दिख रही. उनकी पार्टी से तालमेल और लोकल समीकरण को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है. यही कारण है कि उनकी चर्चा तो खूब है, पर पकड़ कम.
खेसारी की पत्नी को मिल सकता है RJD से टिकट
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राजद (RJD) खेसारी की पत्नी को उम्मीदवार बनाकर सिनेमा प्रेमी वोटरों को आकर्षित करना चाहती है. पार्टी का मानना है कि भोजपुरी कलाकारों की लोकप्रियता वोट में तब्दील हो सकती है, खासकर युवा और महिला वर्ग में.
भोजपुरी कलाकारों की बढ़ती सियासी एंट्री
हाल के वर्षों में भोजपुरी कलाकारों की राजनीति में दिलचस्पी काफी बढ़ी है. खासकर मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ की तरह अब नई पीढ़ी के स्टार भी इस राह पर हैं. इनमें रितेश पांडे, अक्षरा सिंह व अन्य शामिल हैं. चुनावी समीकरणों में उनकी लोकप्रियता निर्णायक भूमिका निभा सकती है.