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कांवड़ यात्रा में लापरवाही! सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में दो दिन में दो हादसे, 4 श्रद्धालुओं की मौत, आखिर जिम्मेदार कौन?

Pandit Pradeep Mishra: पंडित प्रदीप मिश्रा 5 लाख लोगों के साथ कावड़ा यात्रा लेकर कुबेरेश्वर धाम मंदिर पहुंचे. इस दौरान भगदड़ मची और बड़ा हादसा हो गया. कई लोग घायल हुए व 4 लोगों की मौत हो गई, श्रद्धालुओं ने प्रसाशन की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.

कांवड़ यात्रा में लापरवाही! सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में दो दिन में दो हादसे, 4 श्रद्धालुओं की मौत, आखिर जिम्मेदार कौन?
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( Image Source:  @panditmishraji )

Pandit Pradeep Mishra: मध्य प्रदेश के सीहोर से दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई. यहां सिवान नदी से एक कावड़ यात्रा शुरू की गई जो पंडित प्रदीप मिश्रा के आश्रम कुबेरेश्वर धाम पहुंची. पंडित की कथा सुनने दूर-दूर से उनके भक्त आते हैं. बुधवार (6 अगस्त) को पंडित 5 लाख लोगों के साथ इस यात्रा को लेकर निकले थे. इस दौरान 4 श्रद्धालुओं की मौत हो गई.

हादसे के बाद, कावड़ यात्रा पर सवाल उठ रहे हैं. आश्रम और प्रशासन ने 5 लाख लोगों का इंतजाम कैसे किया था. पंडित का इतनी बड़ी यात्रा निकलना क्या सही थी. बता दें कि उन्होंने देश भर से लोगों को यात्रा में शामिल होने के लिए न्योता दिया था. मंगलवार 5 अगस्त को यात्रा शुरू होने से पहले ही भगदड़ मच गई और ये हादसा हो गया.

यात्रा में हादसा

कावड़ यात्रा में 5 लाख श्रद्धालु शामिल होने पहुंचे. इनमें बुजुर्ग, महिला, पुरुष, बच्चे और युवा सभी शामिल थे. कुबेरेश्वर धाम मंदिर में अचानक भगदड़ मच गई और इधर-उधर भागने लगे. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग घायल हुए वहीं 2 महिलाओं की मौत हो गई. अब सवाल उठ रहे हैं कि उन मौत का जिम्मेदार कौन है.

बुधवार (6 अगस्त) को कावड़ यात्रा सुबह सिवान नदी से जल लेकर शुरू हुई और धाम की ओर आ रही थी. दोबारा भगदड़ मची और 2 श्रद्धालाओं की मृत्यु हो गई. मृतकों में एक हरियाणा और दूसरा गुजरात का निवासी था. दोनों श्रद्धाभाव से यात्रा में शामिल होने आए थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि ये उनकी अंतिम यात्रा बन जाएगी.

कैसे हुआ हादसा?

जानकारी के अनुसार, कुबेरेश्वर धाम मंदिर प्रशासन ने पुलिस को पहले ही यात्रा के बारे में बता दिया था. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी कर रखे थे. लोगों को ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की गई थी. लेकिन जैसे ही रुद्राक्ष बांटना शुरू हुआ, सभी उसे लेने के चक्कर में एक-दूसरे को धक्का देने लगे और भगदड़ मच गई.

ऐसा कहा जा रहा है कि भीड़ बहुत ज्यादा थी और उमस भरी गर्मी में पड़ रही थी. इसलिए दम घुटने की वजह से श्रद्धालुओं ने दम तोड़ दिया. वहीं कुछ लोगों ने पुलिस व्यवस्था पर लापरवाही के भी आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पुलिस, प्रशासन और मंदिर प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने की सही व्यवस्था करते तो शायद यह हादसा नहीं होता.

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