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IRCTC Scam में आरोप तय होने से बढ़ी लालू-तेजस्वी की मुश्किलें, RJD के चुनाव अभियानों पर कितना पड़ेगा असर, क्या है पूरा मामला?

IRCTC Scam Chargesheet News: आईआरसीटीसी स्कैम (लैंड फॉर जॉब) में लालू, तेजस्वी, राबड़ी सहित 14 आरोपियों के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप तय होने से आरजेडी की सियासी छवि को धक्का लगा है. अब चुनाव प्रचार के दौरान एनडीए में शामिल दल जैसे बीजेपी, जेडीयू, एलजेपीआर, हम और आरएलएम नेता चुनाव प्रचार के दौरान इस मसले को जोरदार तरीके से उछालेंगे.

IRCTC Scam में आरोप तय होने से बढ़ी लालू-तेजस्वी की मुश्किलें, RJD के चुनाव अभियानों पर कितना पड़ेगा असर, क्या है पूरा मामला?
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IRCTC Scam CBI Chargesheet News: बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच लैंड फॉर जॉब मामले (IRCTC Scam) में राउज एवेन्यू कोर्ट में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (लालू यादव और तेजस्वी यादव) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. एनडीए (NDA) के नेता और लालू यादव और तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला बोलेंगे और जनता की अदालत में भ्रष्ट नेता साबित करने की कोशिश करेंगे. इसका जवाब देना लालू और तेजस्वी के लिए आसान नहीं होगा. यानी चुनाव में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाना आरजेडी नेताओं के बड़ी चुनौती भरा हो गया है. कोर्ट का यह आदेश उस समय आई जब बिहार चुनाव को लेकर प्रचार चरम पर है और नामांकन की प्रक्रिया जारी है.

इस घटना ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है. आरजेडी के नेता सवालों के घेरे में आ गए हैं. कोर्ट के इस आदेश से लालू फैमिली की सियासी और कानूनी मुश्किलें बढ़ गई हैं. ऐसा इसलिए कि यह स्कैम बिहार के राजनीति के लिहाज से काफी सनसनीखेज है. इसमें लालू फैमिली पर 'जॉब के बदले लैंड' जैसा गंभीर आरोप है. कोर्ट ने माना कि लालू यादव की जानकारी में इस घोटाले की साजिश रची गई. इस मामले में सभी आरोपी साजिश में शामिल थे. लालू फैमिली को इस मामले में फायदा पहुंचा. कॉन्ट्रेक्ट देने के बदले राबड़ी और तेजस्वी को बेहद कम कीमत पर जमीन मिली.

1. चार्जशीट में आरोप क्या है?

सीबीआई ने 7 जुलाई 2017 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी. राउज एवेन्यू कोर्ट ने 29 मई 2025 को इस मामले में आरोप तय करने का निर्णय सुरक्षित रख लिया था और 13 अक्टूबर 2025 को उस निर्णय को घोषित किया गया. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत ने 13 अक्टूबर को लालू, राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ IPC की धारा 120B (साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की धाराएं लागू करते हुए आरोप तय किए.

2. किन धाराओं में तय किए आरोप?

जिन धाराओं के तहत आरोप तय किए है, उसमें IPC 420, IPC 120B, प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) शामिल हैं. बता दें कि प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) सिर्फ लालू यादव पर लगी है. कोर्ट ने लालू यादव से पूछा क्या आप अपना अपराध मानते हैं तो लालू यादव समेत राबड़ी और तेजस्वी ने अपना अपराध मनाने से इनकार कर दिया है. अदालत में उन्होंने कहा कि वह मुकदमे का सामना करेंगे. जबकि राबड़ी यादव ने कहा कि ये गलत केस है.

आरोप तय होने का मतलब यह है कि अब मुकदमे की प्रक्रिया (trial) को आगे बढ़ाया जा सकता है. दोष सिद्ध होने पर जुर्माना या सजा हो सकती है और राजनीतिक प्रतिष्ठा को बड़ा धक्का लग सकता है. इस मामले के साथ 'लैंड फॉर जॉब' केस भी जोड़कर देखा जा रहा है और अदालत इस पर भी सुनवाई कर रही है.

3. आरजेडी के चुनावी अभियानों पर कितना पड़ेगा असर?

  • एनडीए के नेता और मीडिया की ओर से आरजेडी नेताओं को निशाना बनाया जाएगा. जनता के मन में आरोपों की गंभीरता की वजह से राजनीतिक भरोसा कम हो सकता है.
  • यदि मुकदमे में दोषी पाये जाते हैं, तो उन्हें चुनाव लड़ने में कानूनी प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है.
  • राजनीतिक नेतृत्व को कानूनी लड़ाई पर अधिक समय बिताना पड़ सकता है, जिससे चुनावी अभियानों के लिए समय और ऊर्जा कम मिल सकती है.
  • विरोधी पार्टियां इस मामले को चुनाव प्रचार, रैलियों और मीडिया में हथियार की तरह उपयोग कर सकती हैं.
  • महागठबंधन में अन्य दल (जैसे कांग्रेस, अन्य सहयोगी) इस दबाव में आ सकते हैं कि वे आरजेडी से दूरी बनाएं या आकलन करें कि इस विवाद के चलते गठबंधन को कितना लाभ या हानि होगा.
  • यह मामला चुनाव प्रचार का मुख्य विषय बन सकता है, जिससे अन्य मुद्दों जैसे अन्न, स्वास्थ्य, शिक्षा को कम स्थान मिल सकता है.
  • चुनावी उम्मीदवार यदि मजबूत और जनप्रिय होने पर इस विवाद से दूर रहने की कोशिश करेंगे. रणनीतिक रूप से इस विवाद को हाशिए पर ले जाकर मुख्य विकास एजेंडा पर फोकस बढ़ाया जा सकता है.

4. RJD के नेता खेल सकते हैं 'विक्टिम कार्ड'

आरजेडी के नेता जनता में इस मामले में खुद के खिलाफ साजिश बताएंगे. साथ ही यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि यह आरजेडी के खिलाफ साजिश है. एनडीए के नेता बदले की भावना से आरोप लगा रहा हैं. आईआरसीटीसी मामले में अदालत ने कभी किसी को दोषी साबित नहीं किया है.

5. क्या है IRCTC स्कैम?

यह मामला उस अवधि से जुड़ा है, जब 2004–2009 में लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि उस दौरान IRCTC के दो होटलों (रांची व पुरी) के संचालन और रखरखाव के ठेके अवैध रूप से एक निजी कंपनी को दिए गए. कथन है कि निविदा प्रक्रिया में अनियमितताएं हुईं और ठेके सुजाता होटल्स नामक फर्म को दिए गए थे, जिसे कथित रूप से लालू परिवार से संबंधी बताया जाता है.

इस प्रकरण में आरोप हैं कि लालू परिवार को लाभ पहुंचाया गया, और बदले में जमीन नामांतरण की गईं. इसके अलावा, “लैंड फॉर जॉब” (jobs-in-exchange-for-land) मामले में भी लालू, तेजस्वी और अन्य नामों का जिक्र आता है. आरोप है कि लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई और बदले में उन्हें अपनी जमीनें या संपत्ति हस्तांतरित करनी पड़ी.

लालू यादव जब साल 2004 से 2009 के बीच केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे, सीबीआई का आरोप है कि उस समय रेलवे की ग्रुप डी नौकरियों के बदले कैंडिडेट्स से उनकी जमीन या संपत्ति को कम कीमतों पर लालू फैमिली के नाम पर करवा दिया गया था. इस मामले में सीबीआई ने मई 2022 में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लालू की बेटी मीसा भारती समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. जांच एजेंसी ने दावा किया कि पटना में कई जमीन लालू फैमिली के सदस्यों और उनके करीबियों के नाम पर ट्रांसफर की गई थी.

6. IRCTC केस में आरोपी कौन-कौन?

IRCTC घोटाले में लालू यादव, राबड़ी यादव, तेजस्वी यादव, विनय कोचर, विजय कोचर, सरला गुप्ता, लारा प्रॉजेक्ट और प्रेम चंद गुप्ता आरोपी हैं, जबकि लैंड फॉर जॉब केस में लालू यादव, राबड़ी यादव, तेजस्वी, मीसा भारती, तेज प्रताप, हेमा यादव समेत अन्य आरोपी हैं. आरोप यह भी है कि उस समय रेलवे की ग्रुप डी नौकरियों के बदले कैंडिडेट्स से उनकी जमीन को कम कीमतों पर लालू फैमिली के नाम पर करवा दिया गया था.

IRCTC Scam Case: लालू यादव जब केंद्र की UPA सरकार में रेल मंत्री थे, आरोप है कि उस समय उन्होंने IRCTC के दो होटलों BNR रांची और BNR पुरी के रखरखाव के ठेके अवैध तरीके से दिए."

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