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IRCTC घोटाले में राजद को बड़ा झटका, लालू‑राबड़ी‑तेजस्वी के खिलाफ आरोप तय; कोर्ट बोला- सरकारी पद का गलत फायदा उठाया

IRCTC घोटाले की जांच में राजद के वरिष्ठ नेताओं पर बड़ा झटका लगा है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ धारा 420 के तहत आरोप तय किए हैं. इसके अलावा उन पर आपराधिक साजिश, पद का दुरुपयोग और टेंडर प्रक्रिया में छेड़छाड़ का भी मामला दर्ज किया गया है. कोर्ट ने कहा कि लालू यादव ने मिलकर साजिश रची और IRCTC के टेंडर घोटाले में भ्रष्टाचार किया. मामले में आगे की सुनवाई और आरोपों की पुष्टि के लिए अदालत ने प्रक्रिया आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इस फैसले से राजद को सियासी और कानूनी दोनों मोर्चों पर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.

IRCTC घोटाले में राजद को बड़ा झटका, लालू‑राबड़ी‑तेजस्वी के खिलाफ आरोप तय; कोर्ट बोला- सरकारी पद का गलत फायदा उठाया
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 13 Oct 2025 11:00 AM IST

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव समेत कुल 15 आरोपी पेश हुए. कोर्ट ने विशेष जज विशाल गोगने की मौजूदगी में IRCTC और लैंड फॉर जॉब मामले में आरोप तय कर दिए. कोर्ट ने कहा कि लालू यादव का इन टेंडरों में हस्तक्षेप था और इसके समर्थन में कई सबूत भी पेश किए गए.

कोर्ट ने लालू यादव पर IPC 420, IPC 120B और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(1)(d) और 13(2) के तहत आरोप तय किए. वहीं, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर IPC 420 और 120B के तहत ट्रायल चलेगा. कोर्ट ने आरोप लगाया कि लालू यादव ने सरकारी पद का दुरुपयोग कर टेंडर प्रक्रिया में बदलाव कराया और जमीन सस्ते दाम में परिवार के लाभ के लिए हासिल की गई.

कोर्ट ने कहा- साजिश और पद दुरुपयोग

कोर्ट ने कहा कि मामले में साजिश, पद के दुरुपयोग और टेंडर प्रक्रिया में छेड़छाड़ लालू यादव की जानकारी में हुई. कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि जमीन का लाभ राबड़ी और तेजस्वी यादव को दिया गया. सुनवाई के दौरान CBI ने सबूतों की एक पूरी श्रृंखला कोर्ट में पेश की, जिससे आरोपियों की भूमिका स्पष्ट हुई.

तीनों बोले- मैं दोषी नहीं

कोर्ट ने लालू यादव से पूछा कि क्या वे आरोप स्वीकार करते हैं. लालू ने कहा, "मैं दोषी नहीं हूं." राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने भी यही जवाब दिया. कोर्ट ने साफ कहा कि यह भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का मामला है और आरोपियों की दलीलों को मान्यता नहीं दी जाएगी.

क्या था IRCTC और लैंड फॉर जॉब मामला?

CBI का आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान (2004-2009) बिहार के कई लोगों को ग्रुप D पदों पर नौकरी दी गई. इसके बदले में उनके परिवार या कंपनी के नाम जमीन और अन्य लाभ प्राप्त किए गए. मामले में आरोपियों में IRCTC के पूर्व अधिकारियों जैसे वीके अस्थाना, आरके गोयल और सुजाता होटल्स के विजय और विनय कोचर भी शामिल हैं. यह मामला न केवल लालू परिवार की कानूनी चुनौतियों को उजागर करता है, बल्कि बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में भी इसकी गहरी छाप है. लालू परिवार के ऊपर लगे आरोप भ्रष्टाचार, जालसाजी और सरकारी पद का दुरुपयोग से संबंधित हैं, जो उनके राजनीतिक करियर पर असर डाल सकते हैं.

अब ट्रायल शुरू होगा

राउज एवेन्यू कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह केवल आरोप तय करने की प्रक्रिया है. अब ट्रायल शुरू होगा, जिसमें प्रत्येक आरोपी को अपने पक्ष में सबूत पेश करने और बचाव का अवसर मिलेगा. कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता देखते हुए ट्रायल को प्राथमिकता दी जाएगी.

लालू परिवार की बढ़ी मुश्किलें

इस केस के फैसले के बाद लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव होने वाला है. राजनीतिक विश्लेषक इसे आगामी चुनावों में RJD के लिए चुनौती मान रहे हैं. साथ ही, जनता की नजरें CBI की जांच और कोर्ट के ट्रायल पर टिकी हुई हैं. मामला बिहार की राजनीति और भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में भी बड़ी चर्चा बन गया है.

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