Begin typing your search...

पहले था कांग्रेस का गढ़, अब राघोपुर के दिल में बसता है लालू परिवार! क्या बदलेगा 2025 में सियासी समीकरण?

बिहार विधानसभा की राघोपुर सीट प्रदेश की सबसे चर्चित सीटों में से एक है. एक समय कांग्रेस का मजबूत गढ़ रही यह सीट अब लालू परिवार की परंपरागत सीट बन चुकी है. लालू यादव के बाद राबड़ी देवी और फिर तेजस्वी यादव ने इस सीट को अपनी सियासी पहचान से जोड़ दिया. यादव और मुस्लिम वोटरों के साथ-साथ अति पिछड़ा वर्ग भी इस सीट के समीकरण को प्रभावित करता है. NDA और INDIA गठबंधन दोनों इस सीट को प्रतिष्ठा का प्रश्न मान चुके हैं. 2025 के चुनाव में इस सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है.

पहले था कांग्रेस का गढ़, अब राघोपुर के दिल में बसता है लालू परिवार! क्या बदलेगा 2025 में सियासी समीकरण?
X

बिहार में चुनावी बिगुल फुक चुका है. एनडीए और इंडिया गठबंधन में शामिल दल सीट शेयरिंग के मामले पर अंतिम चरण में हैं. एक-एक सीट पर दोनों गठबंधन में नेता जीतने वाले प्रत्याशी को उतारने की तैयारी में जुटे हैं, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संरक्षक लालू प्रसाद यादव के परिवार में राजनीतिक रूप से सब कुछ ठीक है? यह सवाल आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले उठा है, जहां उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल (JJD) ने गठबंधन किया है.

इस बीच, छोटे बेटे तेजस्वी यादव राजद का नेतृत्व कर रहे हैं. दोनों के बीच राजनीतिक टकराव की संभावनाएं साफ तौर पर दिखाई दे रही हैं. तो क्या इस बार राघोपुर का सियासी समीकरण बदलेगा?

ये भी पढ़ें :सीटों पर रार: छोटे दलों की शर्तों से INDIA और NDA में घमासान, RJD-BJP पर दबाव बढ़ा

राघोपुर का इतिहास

राघोपुर सीट 1951 चुनाव से ही अस्तित्व में है. पहले राघोपुर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. इस सीट से दो बार जनता दल के प्रत्याशी भी चुनाव जीते हैं. एक बार जेडीयू के टिकट पर सतीश राय चुनाव जीते हैं. 1990 के बाद से यह सीट लालू परिवार का कब्जा है. 1995 और 2000 में यह सीट सुर्खियों में तब आया जब पहली बार लालू प्रसाद यादव ने राघोपुर से चुनाव लड़ा. बाद में राबड़ी देवी भी यहां से चुनाव लड़ी और जीती भी. विधानसभा चुनाव 2010 में जेडीयू के सतीश कुमार यहां से चुनाव जीतने में सफल रहे. उन्होंने इस सीट पर राबड़ी देवी को हराने का काम किया था. 2015 में इस सीट से तेजस्वी यादव चुनाव जीते. 2020 में भी तेजस्वी प्रसाद यादव (RJD) ही यहां से चुने गए, लेकिन मार्जिन कम हो गया. साल 2010 के अपवाद को छोड़ दें तो 1990s के बाद से राघोपुर सीट पर लालू-राबड़ी परिवार (RJD) का ही कब्जा रहा है. साल 2010 में जेडीयू के सतीश राय यहां से चुनाव जीतने में सफल हुए थे.

राघोपुर में मतदाताओं की संख्या 3,44,369

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान राघोपुर निर्वाचन क्षेत्र में 3,44,369 मतदाता थे. इनमें से 1,85,106 पुरुष और 1,59,258 महिला मतदाता थीं. पांच मतदाता तृतीय लिंग के थे. निर्वाचन क्षेत्र में 1,097 डाक मत डाले गए. 2020 में राघोपुर में सेवा मतदाताओं की संख्या 1,320 (1,274 पुरुष और 46 महिला) थी. 2015 में राघोपुर निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 3,17,517 थी. इनमें से 1,73,476 मतदाता पुरुष, 1,44,040 महिला और केवल एक मतदाता थर्ड जेंडर का था. इस निर्वाचन क्षेत्र में 674 वैध डाक मतपत्र थे. 2015 में राघोपुर में पोस्टल बैलेट से मत डालने वालों की संख्या 613 (585 पुरुष और 28 महिलाएं) थीं.

राघोपुर का जातीय समीकरण

राघोपुर में जहां तक जातीय समीकरण की बात है तो इस विधानसभा क्षेत्र में यादव मतदाता 31 फीसदी, 21 फीसदी राजपूत मतदाता, 18 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 12 प्रतिशत पासवान और करीब 8 प्रतिशत रविदास और तीन प्रतिशत मुस्लिम वोटर्स हैं.शेष अन्य अगड़े और पिछड़े जातियों के लोग हैं. राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में यादव वोट करीब एक लाख तीन हजार, जबकि राजपूत वोटर्स की संख्या करीब 72 हजार है. इसके अलावा, विधानसभा क्षेत्र में पासवान जाति के 43,000 मतदाता और रविदास जाति के करीब 27000 हैं.

राघोपुर के विजेता उम्मीदवार

2024 के लोकसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के उम्मीदवार चिराग पासवान ने राष्ट्रीय जनता दल के शिवचंद्र राम को 1,70,105 मतों के अंतर से हराकर हाजीपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने राघोपुर सीट 38,174 मतों (19.53%) के अंतर से जीते. उन्हें 97,404 वोट मिले और उनका वोट शेयर 48.74% रहा. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार सतीश कुमार को हराया, जिन्हें 59,230 वोट (29.64%) मिले. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के उम्मीदवार राकेश रौशन 24,947 वोट (12.48%) के साथ तीसरे स्थान पर रहे. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने राघोपुर सीट 22,733 मतों (12.31%) के अंतर से जीती. उन्हें 91,236 वोट मिले और उनका वोट शेयर 49.15% रहा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सतीश कुमार को 68,503 वोट (36.90%) मिले और वे दूसरे स्थान पर रहे. समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार राकेश रौशन 5,220 वोट (2.81%) के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

राघोपुर: कब, कौन जीता चुनाव

2020 और 2015 में तेजस्वी प्रसाद यादव (राष्ट्रीय जनता दल), 2010 में सतीश कुमार (जनता दल यूनाइटेड), अक्टूबर 2005, फरवरी 2005, और 2000 उपचुनाव में राबड़ी देवी (राष्ट्रीय जनता दल), 2000 और 1995 विधानसभा चुनाव में लालू यादव, 1990, 1985 और 1980 में अमरेंद्र मिश्रा (कांग्रेस) और 1977 में वबूलाल शास्त्री (जनता पार्टी) शामिल है.

वोटिंग पैटर्न

2020 में राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में डाले गए कुल वैध मतों की संख्या 1,99,949 या 58.06 प्रतिशत थी. 2015 के विधानसभा चुनाव में डाले गए कुल वैध मतों की संख्या 1,85,738 या 58.50 प्रतिशत थी.

राघोपुर में कब होगा चुनाव

बिहार के राघोपुर निर्वाचन क्षेत्र में राज्य के अन्य 120 विधानसभा क्षेत्रों के साथ 6 नवंबर को पहले चरण में मतदान होगा. राघोपुर का प

राघोपुर विधानसभा चुनाव 2025 के उम्मीदवार

सभी राजनीतिक दल बिहार विधानसभा चुनाव के आधिकारिक कार्यक्रम का इंतजार कर रहे हैं और उन्होंने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. आरजेडी से तेजस्वी यादव चुनाव लड़ेंगे. जन सुराज पार्टी से प्रशांत किशोर ने चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे, लेकिन अभी यह तय नहीं है कि वो चुनाव लड़ेंगे या नहीं. चौंकाने वाली बात यह है कि इस सीट से इस बार लालू परिवार से बगावत का बिगुल फूंक चुके तेजप्रताप यादव ने भी चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं. हाल ही में राघोपुर में बाढ़ राहत वितरित करते हुए तेज प्रताप ने तेजस्वी पर परोक्ष रूप से तंज कसते हुए कहा कि एक नेता जिसे जनता के बीच होना चाहिए, वह सड़कों पर नाच रहा है. तेज प्रताप ने दलों के साथ गठबंधन किया है. उनके गठबंधन में शामिल दल के शामिल दल के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025बिहारतेजस्वी यादव
अगला लेख