लालू यादव ने NDA पर किया तंज, यूजर्स बोले - गणित तो ठीक रहा, लेकिन बिहार की जनता को अब नया हिसाब चाहिए!
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव आयोग ने 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान की तारीखों का एलान किया है. इसके बाद राजद सुप्रीमो लालू यादव ने सोशल मीडिया पर NDA पर तंज कसा, लिखा - “छह और ग्यारह, NDA नौ दो ग्यारह!” उनके इस व्यंग्यपूर्ण बयान से सियासी गलियारों में हलचल मच गई है.

बिहार की राजनीति में सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा विधानसभा की 243 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित किए जाने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई. इस बार राज्य में दो चरणों में मतदान होगा. पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को 121 सीटों पर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को 122 सीटों पर होगा. मतगणना का दिन तय किया गया है 14 नवंबर. आयोग की घोषणा के साथ ही बिहार की सियासत में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के बीच प्रत्यक्ष मुकाबला तय हो गया है.
इसी बीच राजद सुप्रीमो लालू यादव ने सोशल मीडिया पर अपनी चिर-परिचित व्यंग्यपूर्ण शैली में एक पोस्ट किया. उन्होंने लिखा - “छह और ग्यारह, NDA नौ दो ग्यारह!”. इस संदेश में साफ संकेत है कि लालू यादव आगामी चुनाव में NDA के लिए चुनौतीपूर्ण मुकाबला तैयार कर रहे हैं और उन्हें अपनी जीत पर भरोसा है. उनका यह तंज सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है और विपक्षी दलों के लिए चेतावनी भी माना जा रहा है.
यूजर्स ले रहे मजे
वहीं दूसरी ओर यूजर्स भी उनके इस पोस्ट पर खूब मजे ले रहे हैं. ज्यादातर लोग तो चारा घोटाले को याद कर रहे हैं. वहीं एक यूजर ने लिखा पता चल गया, तेजस्वी क्यों नहीं बढ़ पाया. वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, "छह और ग्यारह, NDA नौ दो ग्यारह!" गणित तो ठीक रहा, लेकिन बिहार की जनता को अब नया हिसाब चाहिए!''
फिर दिखा लालू का चुटीला अंदाज
लालू यादव हमेशा अपनी चुटीली, तेज-तर्रार और व्यंग्यपूर्ण भाषा के लिए जाने जाते हैं. उनका यह बयान इस बात का प्रतीक है कि वे चुनावी माहौल को सिर्फ रणनीति या उम्मीदवारों तक सीमित नहीं रखते, बल्कि शब्दों के माध्यम से राजनीतिक संदेश भी देते हैं. उनके इस ट्वीट ने समर्थकों में उत्साह बढ़ाया है और विपक्षी दलों में हलचल पैदा कर दी है.
विशेषज्ञों का कहना है कि लालू यादव के इस तरह के पोस्ट का मकसद न केवल मतदाताओं में जोश और विश्वास पैदा करना है, बल्कि एनडीए के लिए मनोवैज्ञानिक दबाव भी बनाना है. 6 और 11 नवंबर के मतदान के परिणाम इस चुनावी जंग की दिशा तय करेंगे, और लालू यादव के इस व्यंग्य ने साफ संकेत दे दिया है कि बिहार की राजनीति में इस बार शब्द और रणनीति दोनों ही निर्णायक साबित हो सकते हैं.