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कौन हैं रितु जायसवाल? RJD से टिकट कटने के बाद छलका दर्द, कभी थी पार्टी की पोस्टर गर्ल

Bihar Chunav 2025: मिथिलांचल के सीतामढ़ी जिले की निवासी रितु जायसवाल आरजेडी की सक्रिय महिला नेता हैं. उनका आधार ग्राम क्षेत्र में मजबूत है. उन्हें पार्टी (RJD) द्वारा टिकट न मिलने पर बड़ी निराशा हुई. उन्होंने सार्वजनिक रूप से रोकर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और कहा कि राजनीति में 'दलालों का राज' चल रहा है.

कौन हैं रितु जायसवाल? RJD से टिकट कटने के बाद छलका दर्द, कभी थी पार्टी की पोस्टर गर्ल
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( Image Source:  Ritu Jaiswal facebook )

Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार की राजनीति में कभी ‘नए दौर की महिला शक्ति’ का चेहरा कही जाने वाली रितु जायसवाल अब आरजेडी से बगावत का बिगुल फूंक चुकी हैं. परिहार सीट से टिकट कटने के बाद उन्होंने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया. यानी आरजेडी के खिलाफ उन्होंने बगावत का बिगुल फूंक दिया है. नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद वह मीडिया के सामने फूट-फूटकर रोने लगीं.

रितु जायसवाल ने कार्यकर्ताओं से भावुक अपील के साथ लालू यादव और तेजस्वी यादव से भी समर्थन मांगा है. साथ ही परिहार सीट से वर्तमान बीजेपी विधायक के हार की भविष्यवाणी भी की. रितु जायसवाल ने कहा कि आरजेडी की ऑफिशियल कैंडिडेट परिहार से जीतने नहीं जा रही हैं. उन्होंने कहा कि अब आरजेडी में ईमानदार कार्यकर्ताओं की कोई जगह नहीं बची है. पार्टी में अब 'दलालों का राज' है. आखिर कौन हैं रितु जायसवाल? क्यों उनके आंसू बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर रहे हैं?

फूट-फूटकर क्यों रोईं?

हाल ही में चुनावी टिकट वितरण के दौरान RJD द्वारा उन्हें टिकट नहीं देने का फैसला लिया. इस वजह से उन्होंने पार्टी के फैसले का विरोध किया और परिहार सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया. उस दौरान जनसभा में उन्होंने बहुत भावुक होकर कहा कि 'परिहार के लोग मेरे बिना नहीं रह पाएंगे.' इसके बाद वह मंच पर ही रो पड़ीं.

'मुखिया दीदी' के नाम से हैं लोकप्रिय

रितु जायसवाल ने सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया के रूप में जिस तरह से ग्रामीण विकास के काम किए, उसकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर हुई. रितु ने शिक्षा, सड़क, जल-निकासी, स्वच्छता और महिला स्वावलंबन जैसे मुद्दों पर कई सफल योजनाएं चलाईं. ग्रामीणों की भागीदारी से पंचायत को एक मॉडल के रूप में विकसित किया, जिसके चलते उन्हें 'मुखिया दीदी' के नाम से भी जाना जाता है.

कौन हैं रितु जायसवाल?

रितु जायसवाल मूल रूप से हाजीपुर (वैशाली) जिले की निवासी हैं. रितु बिहार की एक चर्चित महिला नेता हैं, जिन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत एक मुखिया के रूप में की थी. वह पूर्व सिविल सेवक (IAS रैंक) अरुण कुमार की पत्नी हैं. अरुण कुमार ने भी सरकारी सेवा से इस्तीफा देकर गांव की सेवा का रास्ता चुना था. अरुण कुमार ने स्वैच्छि रिटायरमेंट (VRS) लिया था और इसके बाद शिक्षा व ग्रामीण विकास के क्षेत्र में काम करना शुरू किया. वह आज भी बिहार में छात्रों को मुफ्त कोचिंग देकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करते हैं.

साल 2016 में सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया चुनी गईं और गांव के विकास मॉडल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आईं. उन्होंने अपने पंचायत में शिक्षा, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण के कई काम किए, जिसकी चर्चा प्रधानमंत्री तक ने की थी.

उन्होंने Rashtriya Janata Dal (RJD) की महिला मोर्चा (Women’s Wing) की राज्य अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. उनका राजनीतिक उठाव ग्राम-स्तर से है. उन्होंने मिथिलांचल के सीतामढ़ी जिले में मुखिया (पंचायत अध्यक्ष) के रूप में जिम्मेदारी निभा चुकी हैं.

परिहार विधानसभा क्षेत्र का समीकरण

परिहार विधानसभा सीट आरक्षित सीट है. इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति (SC) का हिस्सा लगभग 22.63% से ज्यादा है. अनुसूचित जनजाति (ST) का अनुपात बहुत कम, लगभग 0.91% था. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या निर्णायक यानी 25.10% प्रतिशत है. यह सीट पूरी तरह ग्रामीण है, शहरी हिस्सा लगभग नहीं है.

बीजेपी 2020 में यहां जीती थी चुनाव

वर्ष 2020 में गायत्री देवी (भारतीय जनता पार्टी – BJP) ने यह सीट जीती, उन्होंने रितु कुमार (राष्ट्रीय जनता दल – RJD) को मात्र 1,569 वोटों के अंतर से हराया. वोट शेयर देखें तो BJP को लगभग 42.52% और RJD को लगभग 41.61% मत मिले थे. इससे यह स्पष्ट है कि यह सीट ‘सुरक्षित सीट’ नहीं है बल्कि कांटे की टक्कर वाली सीट है.

क्षेत्रीय विशेषताएं और मुद्दे

यह सीट नेपाल सीमा के नजदीक है एवं बाढ़-प्रवण इलाका है, जिसकी वजह से लोगों को सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां सामना करना पड़ता है. क्षेत्र में विकास, बुनियादी ढांचा, बाढ़ प्रबंधन, कृषि एवं सीमांत व्यापार जैसे स्थानीय मुद्दे प्रमुख हैं.

मतदाता समूहों में (SC, मुस्लिम, OBC) मिश्रण है, इसलिए दलों के लिए जातीय-धार्मिक समीकरण के साथ साथ विकास एजेंडा काम कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2020 में BJP की जीत के बाद से यहां से सुरक्षित सीट वाली धारणा अब कमजोर हुई है. इस बार भी परिहार विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी और आरजेडी के बीच सीधी लड़ाई की संभावना है. विशेषकर BJP बनाम RJD के बीच.

बिहारबिहार विधानसभा चुनाव 2025
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