'हम जाति पर वोट नहीं देते...', लालू परिवार के गढ़ राघोपुर में क्या है जनता का मूड, तेजस्वी यादव लगाएंगे जीत की हैट्रिक?
बिहार की राजधानी पटना के नजदीक राघोपुर विधानसभा सीट में इस बार चुनावी माहौल गर्म है, जहां तीसरी बार तेजस्वी यादव मैदान में हैं. इलाके में यादव और राजपूत समुदाय प्रभावशाली हैं, और एनडीए ने भी यादव उम्मीदवार उतारा है. ग्रामीण विकास और योजनाओं में असंतोष के बीच, प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने चंचल सिंह को त्रिकोणीय मुकाबले के लिए मैदान में उतारा है. यह सीट लालू परिवार का गढ़ मानी जाती है, जहां पिछले चुनावों में आरजेडी का दबदबा रहा.

Bihar Assembly Election 2025 Raghopur Assembly seat Tejashwi Yadav: बिहार की राजधानी पटना से राघोपुर जाने वाले रास्ते पर अब छह लेन वाला नया पुल बन चुका है. गंगा नदी पर बने इस पुल का उद्घाटन इस साल जून में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. पहले यहां पीपा पुल था. छह लेन वाले पुल से गुजरते हुए ऐसा लगता है कि पटना के पास ही बसा राघोपुर विकास की दृष्टि से पटना के आसपास ही होगा, लेकिन वास्तविक तस्वीर बिल्कुल अलग है. NBT की रिपोर्ट के मुताबिक, गांवों तक पक्की सड़क होने के बावजूद ग्रामीणों के जीवन स्तर में खास सुधार नहीं दिखता.
मल्लीपुर गांव पहुंचे ग्रामीणों ने साफ कहा कि यहां के लोग जाति के आधार पर वोट नहीं देते. बुजुर्गों ने बताया कि मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत उनकी पत्नी को 10 हजार रुपये नहीं मिले, जबकि पड़ोसियों को राशि मिल चुकी थी. उन्होंने यह भी कहा कि राशन वितरण में भी उन्हें पूरी मात्रा नहीं मिलती. वहीं, कुछ पढ़े-लिखे यादवों ने कहा कि विकास ही महत्वपूर्ण है और एनडीए के तहत ही सही प्रगति संभव है. उन्होंने जंगलराज के दौर को याद करते हुए कहा कि राघोपुर को लालू परिवार ने पिछड़ा छोड़ दिया.
रुस्तमपुर में लालू के पक्ष में लोग
रिपोर्ट के मुताबिक, रुस्तमपुर गांव के रहने वाले एक शख्स का कहना है कि न तो लालू सरकार में और न ही नीतीश सरकार में उन्हें कोई लाभ मिला. वृद्धावस्था पेंशन में भी परेशानी रही. बावजूद इसके उन्होंने कहा कि वे और उनके परिवार के सभी सदस्य लालू यादव को वोट देंगे, ताकि बिहार की इज्जत बनी रहे. दूसरे शख्स ने भी जोर देकर कहा कि जिसने लाभ दिया, वही उनका वोट का पात्र है. तीसरे शख्स ने कहा कि हम चाहे गंगा जी में डूब जाएं, लेकिन वोट तो लालू यादव को ही देंगे.
तीसरी बार तेजस्वी यादव का सामना नई चुनौती से
इस बार तेजस्वी यादव तीसरी बार राघोपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने लगातार दो बार यहां जीत दर्ज की है. इस बार मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के अलावा प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार चंचल सिंह के साथ त्रिकोणीय हो गया है. चंचल सिंह राजपूत समुदाय से हैं और इलाके में सामाजिक कामों और मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं. राघोपुर में यादव और राजपूत सबसे प्रभावी जातियां हैं, यादव लगभग 32 प्रतिशत और राजपूत 22 प्रतिशत है. एनडीए ने भी इस बार यादव उम्मीदवार उतारा है.
राघोपुर रहा है लालू परिवार का गढ़
राघोपुर विधानसभा सीट आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार का गढ़ मानी जाती है. लालू यादव ने 1995 और 2000 में यहां से चुनाव लड़ा और जीता. राबड़ी देवी ने 2000 का उपचुनाव और 2005 का चुनाव जीता. 2010 में जेडीयू के सतीश यादव ने राबड़ी देवी को हराया, लेकिन 2015 और 2020 में तेजस्वी यादव ने सतीश यादव को हराया. इस बार भी बीजेपी ने सतीश यादव को ही उम्मीदवार बनाया है, जिससे यह सीट फिर से हाई प्रोफाइल बन गई है.