प्राइवेट 5G को चुनौती? BSNL 4G लॉन्च से भारत ने रचा इतिहास, बना पांचवां टेलीकॉम लीडर; 22 महीने में हुआ चमत्कार!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के झारसुगुड़ा से बीएसएनएल के स्वदेशी 4जी नेटवर्क का शुभारंभ किया. पूरी तरह भारत में निर्मित यह नेटवर्क भविष्य में 5जी में अपग्रेड किया जा सकेगा और ग्रामीण भारत तक डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगा. बीएसएनएल ने अब तक 97,500 से ज्यादा टावर लगाए हैं और 26,700 गांवों में पहली बार हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाया है. इस लॉन्च के साथ भारत दुनिया का पांचवां देश बन गया है जिसके पास खुद का दूरसंचार उपकरण निर्माण है.

BSNL 4G vs Jio 5G Airtel 5G: भारत के दूरसंचार क्षेत्र में शनिवार का दिन ऐतिहासिक बन गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के झारसुगुड़ा से सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल (BSNL) के स्वदेशी 4जी नेटवर्क की शुरुआत की. यह नेटवर्क पूरी तरह से भारत में निर्मित है और भविष्य में इसे 5जी तक अपग्रेड करने की योजना भी तैयार है. सरकार का दावा है कि इस कदम से भारत दूरसंचार उपकरण निर्माण में आत्मनिर्भर बन गया है और अब वह इस क्षेत्र में दुनिया के उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है जिनके पास खुद की तकनीक है.
बीएसएनएल 4जी के निर्माण में सी-डॉट (C-DoT), तेजस नेटवर्क्स और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी भारतीय कंपनियों ने अहम भूमिका निभाई. इस नेटवर्क का रोलआउट देशभर में तेजी से शुरू होगा. आंध्र प्रदेश में पहले ही करीब 5,985 नए टावर लगाए जा चुके हैं, जिनमें से अधिकतर को ‘डिजिटल भारत निधि योजना’ से फंड मिला है. वहीं केरल में कंपनी का दावा है कि उसने 98% कवरेज हासिल कर लिया है और इस साल के अंत तक 5जी लॉन्च की तैयारी भी पूरी कर ली जाएगी.
बीएसएनएल का 4जी नेटवर्क कितना असरदार होगा?
हालांकि, एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि जब प्राइवेट कंपनियां 5जी सेवा दे रही हैं और दुनिया 6जी की तैयारी कर रही है, तब बीएसएनएल का 4जी नेटवर्क कितना असरदार होगा? विशेषज्ञों के अनुसार 5जी स्पीड, लेटेंसी और कनेक्टिविटी के मामले में 4जी से कहीं आगे है, लेकिन बीएसएनएल की खासियत यह है कि उसका 4जी नेटवर्क अपग्रेडेबल है, यानी इसे आसानी से 5जी में बदला जा सकेगा. साथ ही, 4जी अब भी किफायती और भरोसेमंद तकनीक है, जिसे पुराने स्मार्टफोन आसानी से सपोर्ट करते हैं.
2.2 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलेगा लाभ
बीएसएनएल का लक्ष्य 29,000 से 30,000 गांवों को मिशन मोड में जोड़ने का है. देशभर में करीब 98,000 केंद्रों पर इस नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा. अब तक एक साल से भी कम समय में 97,500 मोबाइल टावर लगाए जा चुके हैं और 26,700 से ज्यादा गांवों में पहली बार हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा पहुंची है. इसका लाभ 2.2 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लर्निंग, स्मार्ट खेती और टेलीमेडिसिन जैसी सेवाएं आम लोगों तक आसानी से पहुंचेंगी.
'बीएसएनएल का 4जी स्टैक भारत की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी भावना का प्रतीक है'
लॉन्चिंग के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि बीएसएनएल का 4जी स्टैक भारत की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी भावना का प्रतीक है. उन्होंने इसे रोजगार, निर्यात और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाला कदम बताया. वहीं, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह प्रोजेक्ट दिखाता है कि भारत अब न केवल दूरसंचार सेवाएं देने में सक्षम है बल्कि तकनीक विकसित कर ग्लोबल टेलीकॉम लीडर बनने की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है.
स्वदेशी 4जी स्टैक को भारत ने सिर्फ 22 महीनों में किया विकसित
गौरतलब है कि इस स्वदेशी 4जी स्टैक को भारत ने सिर्फ 22 महीनों में विकसित कर लिया है. इस उपलब्धि के साथ भारत डेनमार्क, स्वीडन, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों की कतार में शामिल हो गया है और अब वह इस क्षेत्र में पांचवां अग्रणी देश बन गया है.