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कौन हैं UNGA में पाकिस्तान को करारा जवाब देने वाली युवा IFS अधिकारी पेटल गहलोत? गिटार बजाकर लोगों का जीता दिल | Video

युवा भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने UNGA में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के झूठे आरोपों को बेनकाब किया. Operation Sindoor और आतंकवाद समर्थन के मामलों पर गहलोत ने तथ्यपूर्ण भाषण दिया. उन्होंने द्विपक्षीय समाधान और आतंकवादी कैंप बंद करने की जरूरत पर जोर दिया. गहलोत का भाषण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया और भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण को मजबूती दी. उनके करियर और शिक्षा की बहुमुखी प्रतिभा उन्हें प्रभावी वक्ता बनाती है.

कौन हैं UNGA में पाकिस्तान को करारा जवाब देने वाली युवा IFS अधिकारी पेटल गहलोत? गिटार बजाकर लोगों का जीता दिल | Video
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( Image Source:  insta/petalgahlot )
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 27 Sept 2025 10:59 AM IST

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के मंच पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने फिर से भारत पर पुराने आरोप लगाए. लेकिन इस बार भारत की ओर से मंच संभाला युवा IFS अधिकारी पेटल गहलोत ने. उनका भाषण तथ्यात्मक, निर्णायक और दमदार था. गहलोत ने पाकिस्तान की आतंकवाद की महिमामंडन की कोशिशों को बेनकाब कर दिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूती से पेश किया.

इस भाषण ने न केवल दुनिया भर में ध्यान खींचा बल्कि भारत में भी खूब चर्चा बटोरी. विश्लेषक इसे आधुनिक भारतीय कूटनीति की मिसाल मान रहे हैं. गहलोत ने शहबाज शरीफ के बेतुके बयान का तर्कपूर्ण और सहज जवाब दिया.

कौन हैं पेटल गहलोत?

पेटल गहलोत का जन्म नई दिल्ली में हुआ. उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया और दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में पीजी डिग्री ली. 2015 में उन्होंने भारतीय विदेश सेवा (IFS) में चयन प्राप्त किया. गहलोत का करियर लगातार सफलता और चुनौती से भरा रहा. उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है और अपने कार्य में संतुलन और स्पष्टवादिता बनाए रखी है.

यूएस एम्बेसी में भी किया काम

गहलोत ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में कौंसल, पेरिस में भारतीय दूतावास में थर्ड और सेकंड सेक्रेटरी और विदेश मंत्रालय में असिस्टेंट सेक्रेटरी के रूप में काम किया. 2023 में उन्हें भारत के स्थायी मिशन में फर्स्ट सेक्रेटरी नियुक्त किया गया. उनका अनुभव उन्हें अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में विशिष्ट बनाता है और वे भारत के रुख को मजबूती से दुनिया के सामने पेश करती हैं.

कहां से की पढ़ाई?

गहलोत ने स्टेज जेवियर्स कॉलेज से राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र और फ्रेंच साहित्य में स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद लेडी श्रीराम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में मास्टर और अमेरिका के Middlebury Institute से भाषा अनुवाद और इंटरप्रिटेशन में मास्टर डिग्री प्राप्त की. उनकी बहु-आयामी शिक्षा और अनुभव उन्हें कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभावी वक्ता बनाते हैं.

संगीत का रखती हैं शौक

पेटल गहलोत को संगीत का भी शौक है. वह गिटार बजाने और गाने की शौकीन हैं. उनका हाल ही में गाया गया 'ये जवानी है दीवानी' फिल्म का गीत 'कबीरा' काफी फेमस हुआ. इसके अलवा इटैलियन गीत 'बेला चाओ', LP का गीत 'लॉस्ट ऑन यू' भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. यह पहलू दिखाता है कि वे सिर्फ राजनयिक नहीं, बल्कि संस्कृति और कला में भी रुचि रखने वाली बहुमुखी प्रतिभा हैं. इसके अलावा वह अपना thescorpionsopinion नाम से ब्लॉग चलाती हैं.

अंतरराष्ट्रीय मंच पर दमदार प्रस्तुति

UNGA में पेटल गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान का बयान आतंकवाद का गुणगान करता है और उनकी विदेश नीति का केंद्र है. उन्होंने Operation Sindoor का जिक्र करते हुए बताया कि पाकिस्तान की सैन्य हवाई अड्डों की तबाही के बाद भारत से संघर्ष विराम की गुहार लगाई. गहलोत ने कहा, “अगर जलते हंगर और ध्वस्त रनवे पाकिस्तान की जीत हैं, तो उन्हें इसका आनंद लेने दें.” उनकी यह प्रतिक्रिया विश्व समुदाय को स्पष्ट संदेश देती है कि भारत अपने राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर किसी से समझौता नहीं करेगा.

आतंकवाद पर स्पष्ट संदेश

गहलोत ने पाकिस्तान के आतंकवाद को संरक्षण देने और झूठ फैलाने की कोशिशों को उजागर किया. उन्होंने TRF और अन्य आतंकवादी संगठनों के हिंसा और नागरिकों के नुकसान का जिक्र किया. गहलोत ने याद दिलाया कि पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को दस साल तक आश्रय दिया और फिर भी खुद को वैश्विक आतंकवाद विरोधी भागीदार बताया. उनके तर्क ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की नैतिक छवि को कमजोर किया.

द्विपक्षीय समाधान की वकालत

पेटल गहलोत ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के सभी मुद्दे द्विपक्षीय रूप से ही सुलझाने चाहिए. उन्होंने शहबाज शरीफ की वार्ता की अपील का जवाब देते हुए कहा कि पहले पाकिस्तान को अपने आतंकवादी कैंप बंद करने और वांछित आतंकवादियों को सौंपने की आवश्यकता है. उनकी यह मांग अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देती है कि भारत केवल तथ्यों और सिद्धांतों के आधार पर बातचीत करने को तैयार है.

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