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BSNL मतलब भाई साहब निश्चित लगेगा... जगदीप धनखड़ ने ऐसा क्यों कहा, सदन में ठहाके मारकर हंसने लगे सभी सांसद

राज्यसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) पर एक मज़ाकिया टिप्पणी की, जिससे सदन में मौजूद सभी सांसद हंसने लगे. उन्होंने बीएसएनएल का नया मतलब बताते हुए कहा- भाई साहब निश्चित लगेगा. यानी इस नेटवर्क पर भरोसा किया जा सकता है. उन्होंने यह टिप्पणी केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल की तरफ से बीएसएनएल के नेटवर्क की तारीफ करने पर की गई.

BSNL मतलब भाई साहब निश्चित लगेगा... जगदीप धनखड़ ने ऐसा क्यों कहा, सदन में ठहाके मारकर हंसने लगे सभी सांसद
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Jagdeep Dhankhar BSNL Comment : राज्यसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान उपराष्ट्रपति व सभापति जगदीप धनखड़ ने भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) पर एक मज़ाकिया टिप्पणी की, जिससे सदन में मौजूद सभी सांसद हंसने लगे. उन्होंने बीएसएनएल का नया अर्थ बताते हुए कहा- भाई साहब निश्चित लगेगा. यानी इस नेटवर्क पर भरोसा किया जा सकता है.

इससे पहले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि देश के दूर-दराज के इलाकों में निजी टेलीकॉम कंपनियों का नेटवर्क काम नहीं करता, लेकिन बीएसएनएल का नेटवर्क वहां भी काम करता है. सभापति धनखड़ ने पटेल की इस टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा कि बीएसएनएल के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है. बीएसएनएल एक सरकारी टेलीकॉम कंपनी है, जो मुख्य रूप से दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में संचार सेवाएं उपलब्ध कराती है.


राज्यसभा में आज पेश किया गया वक्फ संशोधन विधेयक

बता दें कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आज राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस विधेयक ने सरकार और संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी ने विभिन्न पक्षों से व्यापक विचार विमर्श करने के बाद इस बिल को तैयार किया है. बुधवार की रात यह विधेयक लोकसभा से पारित हुआ. बिल के पक्ष में 288, जबकि विरोध में 232 सांसदों ने मतदान किया था.

रिजिजू ने सच्चर समिति की रिपोर्ट का दिया हवाला

संसद के ऊपरी सदन को संबोधित करते हुए रिजिजू ने सच्चर समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें सिफारिश की गई थी कि केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड को व्यापक बनाया जाए, ताकि उन्हें समावेशी बनाया जा सके. उन्होंने वक्फ संपत्तियों की संख्या के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सच्चर समिति ने 2006 में 4.9 लाख संपत्तियों से 12,000 करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया था.


''आज इन संपत्तियों से कितनी आय हो रही होगी''

रिजिजू ने कहा, ''आज की तारीख में 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं. 2006 में अगर सच्चर समिति ने 4.9 लाख वक्फ संपत्तियों से 12,000 करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया था, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि आज इन संपत्तियों से कितनी आय हो रही होगी. सच्चर समिति ने यह भी सिफारिश की थी कि केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड को व्यापक बनाया जाना चाहिए, ताकि उन्हें समावेशी बनाया जा सके. समिति ने महिलाओं और बच्चों के (लाभ) के लिए उठाए जाने वाले विशिष्ट कदमों की भी सिफारिश की.''

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