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वक्फ बिल में JPC ने किए कौन-कौन से बदलाव, बोर्ड में गैर मुस्लिम को मिलेगी जगह?
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक, 2024 राज्यसभा में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया गया है. सरकार का दावा है कि यह विधेयक पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देगा, जबकि विपक्ष इसे अल्पसंख्यक अधिकारों के खिलाफ बता रहा है. लोकसभा में पारित होने के बाद अब राज्यसभा में इसकी राह आसान नहीं होगी. आपको बताते हैं कि JPC ने इसमें क्या क्या बदलाव किए हैं.

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वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक, 2024 को अब राज्यसभा में पेश किया गया है, जहां इस पर तीखी बहस जारी है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक को प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि यह सभी संबंधित पक्षों के विचार-विमर्श और 1 करोड़ से अधिक लोगों से प्राप्त सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है.
इससे पहले, लोकसभा में 12 घंटे की मैराथन चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित किया गया, जहां 288 सांसदों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि 232 ने विरोध किया. अब राज्यसभा में विधेयक को पारित कराने की चुनौती सामने है, जहां विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने रुख पर कायम हैं. अब इस बिल में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने 14 बदलाव किए. आइये इसे जानते हैं.
- गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति: नए विधेयक के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में अब दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना अनिवार्य होगा, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया अधिक समावेशी बनेगी.
- महिला प्रतिनिधित्व में वृद्धि: वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 9 और 14 में संशोधन कर महिला प्रतिनिधियों को वक्फ बोर्ड में शामिल किया जाएगा, जिससे लैंगिक संतुलन और भागीदारी सुनिश्चित होगी.
- वक्फ संपत्तियों के सत्यापन की प्रक्रिया: वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व और दावों की अनिवार्य जांच के लिए सत्यापन प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे अवैध कब्जों और गलत दावों को रोका जा सके.
- जिला मजिस्ट्रेट की बढ़ती भूमिका: वक्फ संपत्तियों की निगरानी और प्रशासन में जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका को सशक्त किया जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर जवाबदेही बढ़ेगी.
- वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कमी: वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित शक्तियों को सीमित किया जाएगा, ताकि वे बिना जांच-पड़ताल के किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित न कर सकें.
- वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण: वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन के लिए उनके डिजिटलीकरण को अनिवार्य किया जाएगा, जिससे रिकॉर्ड की सुरक्षा सुनिश्चित हो.
- बेहतर ऑडिट प्रणाली: वक्फ बोर्ड की वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ऑडिट प्रक्रियाओं को और सख्त किया जाएगा, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके.
- अवैध कब्जों की रोकथाम: अवैध रूप से कब्जाई गई वक्फ संपत्तियों को वापस लेने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई और पुनर्वास नीति लागू की जाएगी.
- वक्फ बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति में बदलाव: राज्य सरकार को वक्फ बोर्ड के सभी सदस्यों को नामित करने की अनुमति दी जाएगी, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी.
- वक्फ न्यायाधिकरण की शक्तियों में वृद्धि: वक्फ विवादों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के लिए न्यायाधिकरण की शक्तियों को बढ़ाया जाएगा, जिससे लंबित मामलों को तेजी से सुलझाया जा सके.
- वक्फ संपत्तियों के अवैध हस्तांतरण पर रोक: वक्फ संपत्तियों के गैरकानूनी बिक्री और ट्रांसफर पर रोक लगाने के लिए कड़े दंडात्मक प्रावधान किए जाएंगे.
- मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति: वक्फ बोर्ड के सुचारू संचालन के लिए वरिष्ठ स्तर के अधिकारी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा, जिससे प्रशासनिक दक्षता में सुधार होगा.
- वक्फ संपत्तियों के कंप्यूटरीकरण का विस्तार: वक्फ संपत्तियों का संपूर्ण रिकॉर्ड कंप्यूटरीकृत किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और डेटा प्रबंधन में सुधार होगा.
- वक्फ बोर्ड की संरचना में पुनर्गठन: वक्फ बोर्ड की संरचना को अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाने के लिए उसमें विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित किया जाएगा.