दिल्ली BMW हादसा : मृतक अधिकारी की पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप, कार चला रही महिला अस्पताल से गिरफ्तार - पढ़ें अब तक के अपडेट्स
दिल्ली में BMW हादसे में वित्त मंत्रालय के अधिकारी नवजोत सिंह की मौत हो गई. पत्नी संदीप कौर ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद उन्होंने पास के अस्पताल ले जाने की कई बार गुहार लगाई, लेकिन आरोपियों ने उन्हें करीब 19 किमी दूर आरोपी से जुड़े अस्पताल में भर्ती कराया. आरोपी महिला गगनप्रीत कौर को अस्पताल से गिरफ्तार कर गैरइरादतन हत्या और लापरवाह ड्राइविंग का मामला दर्ज किया गया है.;
दिल्ली में हुए BMW सड़क हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है. हादसे में केंद्रीय वित्त मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी पद पर कार्यरत नवजोत सिंह (52) की जान चली गई. यह दुर्घटना उस समय हुई जब वे अपनी पत्नी संदीप कौर के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारे से लौट रहे थे.
दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन के पास तेज रफ्तार BMW कार ने पीछे से उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि नवजोत सिंह गंभीर चोटों के साथ सड़क पर गिर पड़े, जबकि संदीप कौर को भी कई फ्रैक्चर, सिर पर चोट और 14 टांके लगाने पड़े.
आरोपी गिरफ्तार
इस हादसे में BMW चला रही महिला गगनप्रीत कौर (38) को पुलिस ने अगले दिन अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया. वह अपने पति परिक्षित मक्कड़ (40) के साथ कार में मौजूद थी. दोनों गुरुग्राम के निवासी हैं और लक्जरी उत्पादों का व्यवसाय करते हैं. पुलिस ने गगनप्रीत पर गैरइरादतन हत्या, सबूत नष्ट करने और लापरवाह ड्राइविंग का मामला दर्ज किया है. उसके पिता अस्पताल के साझेदार होने की जानकारी सामने आई है, जिससे पूरे मामले में साजिश की आशंका जताई जा रही है.
अस्पताल ले जाने में लापरवाही का आरोप
पीड़िता संदीप कौर ने पुलिस में दर्ज एफआईआर में बताया कि हादसे के बाद उन्होंने गगनप्रीत से बार-बार अनुरोध किया कि उन्हें पास के अस्पताल ले जाया जाए ताकि नवजोत सिंह का इलाज जल्द शुरू हो सके. लेकिन आरोपी ने उनकी बात नहीं सुनी और उन्हें लगभग 19 किमी दूर GTB नगर स्थित ‘न्यूलाइफ अस्पताल’ ले जाया गया, जो गगनप्रीत के परिवार से जुड़ा बताया जा रहा है. संदीप ने कहा, “मैं बार-बार कहती रही कि हमें नजदीकी अस्पताल ले चलिए ताकि जल्दी इलाज मिल सके, लेकिन उन्होंने मेरी बात अनसुनी कर दी.”
मामले में साजिश की आशंका
पीड़ित के बेटे नवनूर सिंह ने आरोप लगाया कि पास के अस्पताल ले जाने पर शायद उनके पिता की जान बचाई जा सकती थी. उन्होंने कहा, “मेरे पिता को नजदीकी अस्पताल ले जाया जाता तो शायद वह बच सकते थे. लेकिन उन्हें उस अस्पताल में ले जाया गया जो आरोपियों से जुड़ा है. यह खुद को बचाने की कोशिश थी, न कि मदद करने की.”
नवजोत की बहन ने भी कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, “उस महिला को बख्शा नहीं जाना चाहिए. पास में कई अस्पताल थे, फिर भी उन्हें दूर अस्पताल ले जाकर मेरी भाई की जान ली गई.”
अस्पताल में संदिग्ध गतिविधियां
सूत्रों के मुताबिक अस्पताल में आरोपियों की मौजूदगी छुपाने की कोशिश की गई. अस्पताल स्टाफ ने पीड़ित के परिजनों को जानकारी देने से इनकार कर दिया और मेडिकल रिपोर्ट में हेरफेर करने की कोशिश की. नवनूर ने बताया कि अस्पताल में उन्हें बताया गया कि आरोपी मौजूद नहीं है, जबकि बाद में उन्होंने देखा कि एक डॉक्टर मेडिको-लीगल प्रमाणपत्र में झूठी जानकारी दर्ज कर रहा था.
हादसे की जगह और वाहन जब्ती
हादसा दोपहर करीब 1:30 बजे दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन के पास हुआ. पुलिस ने मौके से BMW को जब्त कर लिया. कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी थी. हादसे के दृश्य में सड़क पर उलटी पड़ी BMW, बेहोश पड़े नवजोत और संदीप, और उन्हें ले जाने वाली वैन की तस्वीरें सामने आईं.
पुलिस जांच और अगला कदम
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. यह भी सामने आया है कि अस्पताल के मालिकों ने सभी प्रोटोकॉल अपनाने का दावा किया है, लेकिन आरोपी की पारिवारिक साझेदारी को लेकर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया. जांच का मुख्य फोकस यह है कि कहीं अस्पताल में सबूतों को नष्ट करने या मामला दबाने का प्रयास तो नहीं हुआ.
इस हादसे ने प्रशासनिक लापरवाही, अस्पताल की भूमिका और सड़क सुरक्षा जैसे मुद्दों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. पीड़ित परिवार न्याय की मांग कर रहा है और समाज में इस घटना को लेकर आक्रोश है. पुलिस की कार्रवाई के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन की भूमिका पर भी जांच जारी है. अब देखना होगा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं और पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं.