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नागपुर ट्रक हादसा: AI ने 36 घंटे में कैसे सुलझाया 'हिट एंड रन' केस? पति के सामने पत्नी को कुचलने वाला आरोपी चालक गिरफ्तार

नागपुर ट्रक हादसा: AI ने 36 घंटे में कैसे सुलझाया हिट एंड रन केस? पति के सामने पत्नी को कुचलने वाला आरोपी चालक गिरफ्तार
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 18 Aug 2025 7:13 AM

नागपुर में रक्षाबंधन के दिन हुए एक दर्दनाक हादसे ने पूरे देश का ध्यान खींचा. 9 अगस्त को नागपुर के ग्रामीण इलाके में एक दंपत्ति अपनी बाइक से कहीं जा रहे थे. अचानक पीछे से आ रहे एक तेज़ रफ्तार ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जोरदार थी कि महिला सड़क पर गिर गई और ट्रक उसे कुचलते हुए फरार हो गया. पति के सामने ही उसकी पत्नी ने दम तोड़ दिया. घटना के बाद एक दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया. शोकाकुल पति ने अपनी पत्नी के शव को बाइक से बांधा और लंबा सफर तय करके मध्य प्रदेश स्थित अपने पैतृक गांव ले गया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और लोगों के बीच गहरी संवेदनाएं जगाईं.

हादसे के प्रत्यक्षदर्शी और पीड़ित महिला के पति के पास पुलिस को देने के लिए बहुत कम जानकारी थी. वह न तो ट्रक का सही आकार बता पाया और न ही उसका मॉडल या ब्रांड. उसे बस इतना याद था कि ट्रक पर लाल रंग के कुछ निशान बने हुए थे. सामान्य हालात में इतनी मामूली जानकारी के आधार पर अपराधी तक पहुंचना बेहद कठिन होता. लेकिन इस बार पुलिस ने पारंपरिक तरीकों के बजाय आधुनिक तकनीक का सहारा लिया. नागपुर ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार के अनुसार, यह मामला AI और कंप्यूटर विज़न तकनीक की मदद से सुलझाया गया.

कैसे किया गया तकनीक का इस्तेमाल?

पुलिस ने घटना के आसपास के इलाके और तीन अलग-अलग टोल नाकों से सीसीटीवी फुटेज और मेटाडेटा इकट्ठा किया. यह टोल नाके एक-दूसरे से 15 से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित थे. फुटेज इकट्ठा करने के बाद इन्हें दो अलग-अलग एआई एल्गोरिद्म के जरिए एनालाइज्ड किया गया. पहला एल्गोरिद्म इसने सैकड़ों घंटों के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करके उन सभी ट्रकों की पहचान की जिन पर लाल . निशान थे. दूसरा एल्गोरिद्म इसने उन ट्रकों की औसत गति और उनकी मूवमेंट पैटर्न का एनालाइज्ड किया. इससे पता चला कि कौन सा ट्रक दुर्घटना के समय उस रूट से गुजर रहा था और किसकी स्पीड संदिग्ध थी. इन दोनों एनालाइज्ड को मिलाकर पुलिस एक ट्रक तक पहुंची, जो ग्वालियर-कानपुर हाईवे पर खड़ा मिला. नागपुर से लगभग 700 किलोमीटर दूर यह ट्रक पुलिस के कब्जे में आ गया और आरोपी चालक को भी गिरफ्तार कर लिया गया. पूरी जांच प्रक्रिया में सिर्फ 36 घंटे लगे यह दिखाता है कि अगर पुलिस के पास सही तकनीकी संसाधन और डेटा हो तो बड़े से बड़ा अपराध भी बहुत जल्दी सुलझाया जा सकता है.

महाराष्ट्र का 'मार्वल' प्रोजेक्ट

पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार ने इस मौके पर बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में MARVEL (Maharashtra Research and Vigilance for Enhanced Law Enforcement) नामक एक स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV) बनाया है. यह देश का पहला राज्य स्तरीय पुलिस एआई सिस्टम है, जिसका पूरा स्वामित्व महाराष्ट्र सरकार के पास है. इसका उद्देश्य राज्य सरकार के पास मौजूद बड़े पैमाने पर डेटा का एनालिसिस कर ऐसे एआई समाधान तैयार करना है जिन्हें बाहर से खरीदा न जाए, बल्कि राज्य की अपनी एजेंसियों द्वारा विकसित किया जाए. अभी MARVEL परियोजना 13 अलग-अलग विभागों के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि अपराध नियंत्रण से लेकर प्रशासनिक कार्यों तक, एआई का व्यापक उपयोग किया जा सके.

एआई और पारंपरिक जांच में अंतर

हर्ष पोद्दार ने समझाया कि पारंपरिक जांच पद्धति में भारी मात्रा में डेटा. जैसे सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड, या वित्तीय अपराध से जुड़े दस्तावेज़ को मैन्युअल रूप से विश्लेषित करना पड़ता है. यह काम अनुभवी पुलिस अधिकारियों द्वारा किया जाता था और इसमें हफ्तों से लेकर महीनों का समय लग सकता था। साथ ही, मानवीय भूल की संभावना भी बहुत अधिक रहती थी. इसके विपरीत, एआई और हाई-स्पीड प्रोसेसर की मदद से वही काम अब मिनटों में हो सकता है. उदाहरण के लिए, इस मामले में करीब 12 घंटे का सीसीटीवी डेटा कुछ ही मिनटों (12–15 मिनट) में प्रोसेस किया गया, जबकि सामान्यत: इसमें एक दिन से अधिक लग सकता था.

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