प्रसार भारती की ‘Curly Tales': जब सरकारी पैसे से बना इन्फ्लुएंसर कंटेंट और नियमों को किया गया नजरअंदाज
प्रसार भारती की ₹6.09 करोड़ की डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ ‘India in Motion’ को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है. न्यूज़ लॉन्ड्री की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी उपलब्धियों के प्रचार के लिए बनी यह सीरीज़ DD National पर प्रसारित होने के कुछ घंटों बाद ही Curly Tales और Mashable India जैसे निजी यूट्यूब चैनलों पर अपलोड हो गई. कॉन्ट्रैक्ट Softline को मिला था, लेकिन Fork Media से जुड़े लोगों की भागीदारी, नियमों के उल्लंघन, देर से साइन हुए दस्तावेज़, चुनाव से पहले रिलीज़ की हड़बड़ी और बाद में अचानक सेटलमेंट ने पूरे मामले पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
भारत के सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती से जुड़ा एक असामान्य और विवादित मामला सामने आया है, जिसने सरकारी मीडिया, निजी प्रोडक्शन हाउस और इन्फ्लुएंसर इकोसिस्टम के रिश्तों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. न्यूज़ लॉन्ड्री की रिपोर्ट के अनुसार यह मामला है ₹6.09 करोड़ की डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ ‘India in Motion’ का, जिसे सरकारी उपलब्धियों के प्रचार के लिए तैयार किया गया था, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कई नियम टूटते नजर आए.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
मार्च 2024 में DD National पर ‘India in Motion’ का प्रीमियर हुआ. इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ को मशहूर ट्रैवल इन्फ्लुएंसर कामिया जानी ने एंकर किया. सीरीज़ में मोदी सरकार के कार्यकाल में रोड, रेल और एविएशन सेक्टर में हुए विकास कार्यों को दिखाया गया. हालांकि, प्रसारण के कुछ ही घंटों के भीतर यही एपिसोड Curly Tales और Mashable India जैसे निजी यूट्यूब चैनलों पर भी दिखाई देने लगे. यहीं से विवाद की शुरुआत हुई और प्रसार भारती के भीतर सवाल उठने लगे कि सरकारी कंटेंट निजी प्लेटफॉर्म्स पर कैसे पहुंचा.
₹6.09 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट और Softline का चयन
न्यूज़ लॉन्ड्री की रिपोर्ट के मुताबिक, 4 दिसंबर 2023 को प्रसार भारती ने Softline Studio Services Limited को यह कॉन्ट्रैक्ट दिया. चयन एक सात सदस्यीय समिति ने किया था, जिसकी अध्यक्षता डिप्टी डायरेक्टर जनरल (सेल्स) संजय प्रसाद कर रहे थे. इस समिति में प्रसार भारती के प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव्स के साथ-साथ रेल, रोड और एविएशन मंत्रालयों के नामित सदस्य भी शामिल थे. आठ एम्पैनल्ड कंपनियों की प्रस्तुतियों के बाद Softline को चुना गया.
ये भी पढ़ें :PMO वाले हीरेन जोशी चुपचाप रिजाइन करके निकल गए, लालटेन हुआ Social- आख़िर माजरा क्या है?
क्या काम किसी और ने किया? Fork Media का एंगल
सबसे बड़ा सवाल तब उठा जब यह सामने आया कि कॉन्ट्रैक्ट भले ही Softline को मिला हो, लेकिन काम में शामिल कई लोग Fork Media Group से जुड़े थे. Fork Media के डायरेक्टर और CEO हैं सम्मर वर्मा, जो कामिया जानी के पति भी हैं. नियमों के मुताबिक, प्रसार भारती के कॉन्ट्रैक्ट में प्रोडक्शन वर्क को किसी दूसरी एजेंसी को ट्रांसफर करने की अनुमति नहीं होती. इसके बावजूद, क्रेडिट रोल और स्टाफ डिटेल्स में Curly Tales और Mashable India से जुड़े नाम सामने आए.
सरकारी डॉक्यूमेंट्री, निजी चैनलों पर पब्लिश: कॉपीराइट उल्लंघन
Curly Tales और Mashable India पर अपलोड किए गए एपिसोड वही थे, जो DD National पर प्रसारित हुए थे. न्यूज़ लॉन्ड्री के अनुसार, यह प्रसार भारती के कॉपीराइट और थर्ड पार्टी नियमों का स्पष्ट उल्लंघन था. खुद प्रसार भारती के आंतरिक दस्तावेज़ों में भी इस बात को स्वीकार किया गया कि कंटेंट को साझा करना और सबलेट करना, कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों के खिलाफ था.
सबसे चौंकाने वाला पहलू: कागज़ात बाद में, उल्लंघन पहले
इस मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि एग्रीमेंट, वर्क कंप्लीशन लेटर और इंडेम्निटी बॉन्ड तीनों 17 मई 2024 को साइन हुए, जबकि वीडियोज़ मार्च 2024 में प्रसारित हो चुके थे, निजी चैनलों पर अपलोड भी हो चुके थे और चयन प्रक्रिया दिसंबर 2023 में पूरी हो चुकी थी. यानी पहले कंटेंट चला, फिर नियमों के मुताबिक कागज़ तैयार किए गए.
मोदी सरकार की उपलब्धियों का प्रचार, लेकिन मंत्रियों का जिक्र नहीं
डॉक्यूमेंट्री में चेनाब ब्रिज, अटल सेतु, हाईवे नेटवर्क, नए एयरपोर्ट और रेलवे सुधार जैसे प्रोजेक्ट्स दिखाए गए. लगभग हर एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों के अंश शामिल थे. हालांकि, गौर करने वाली बात यह रही कि रेलवे एपिसोड में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम नहीं था जबकि रोड सेक्टर एपिसोड में नितिन गडकरी गायब थे. वहीं एविएशन एपिसोड में ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोई जिक्र नहीं था.
लोकसभा चुनाव और मॉडल कोड से पहले रिलीज की हड़बड़ी
न्यूज़ लॉन्ड्री को सूत्रों से पता चला कि इन एपिसोड्स को एक ही हफ्ते में रिलीज करने की वजह लोकसभा चुनाव थे. 13 मार्च 2024 को एक प्रीव्यू स्क्रीनिंग हुई, जिसके बाद तत्कालीन DD DG कंचन प्रसाद ने सुझाव दिया कि मॉडल कोड लागू होने से पहले इन्हें टेलीकास्ट कर दिया जाए. मॉडल कोड 16 मार्च को लागू हुआ और उसी दिन दूसरे व तीसरे एपिसोड DD National पर प्रसारित कर दिए गए.
आपत्तियां, चेतावनी और भुगतान का अटकना
14 जून 2024 को DD DG अमर सिंह ने Softline को पत्र लिखकर चेतावनी दी कि कॉन्ट्रैक्ट उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई हो सकती है. इसी दौरान भुगतान भी अटक गया. इसके कारण थे प्रसार भारती के भीतर उठी आपत्तियां, रोड मंत्रालय से ₹2.62 करोड़ और एविएशन मंत्रालय से ₹1.57 करोड़ की मंजूरी लंबित और बैंक गारंटी न देने पर ₹24.3 लाख की कटौती.
अचानक सेटलमेंट और मामला बंद
नवंबर 2025 में, करीब डेढ़ साल बाद, प्रसार भारती ने अचानक मामला बंद करने का फैसला किया. डिप्टी DG शांतनु बताब्याल द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया कि कंटेंट का इस्तेमाल सिर्फ “प्रमोशनल” उद्देश्य से हुआ, कोई “कमर्शियल इंटेंट” नहीं था और यूट्यूब से होने वाली कमाई का 50% हिस्सा प्रसार भारती को मिलेगा. इसलिए 14 जून की चेतावनी रद्द की जाती है. पत्र में साफ लिखा गया कि अब इस मामले में कोई आगे की कार्रवाई नहीं होगी.
क्या नियमों के खिलाफ आउटसोर्सिंग हुई?
नियमों के अनुसार, यह प्रोजेक्ट केवल उन्हीं एजेंसियों को मिल सकता था जो Central Bureau of Communication या NFDC में एम्पैनल्ड हों. Softline एम्पैनल्ड थी, लेकिन Fork Media और उसके चैनल नहीं. इसके बावजूद कई क्रू मेंबर Curly Tales और Mashable India से जुड़े मिले. Mashable India के डायरेक्टर Siddharth Alambayan Fork Media से भी जुड़े पाए गए.
सवाल पूछे गए, जवाब नहीं मिले
Newslaundry ने प्रसार भारती CEO गौरव द्विवेदी, कामिया जानी, Mashable India के डायरेक्टर - सभी को सवाल भेजे. लेकिन कोई विस्तृत जवाब सामने नहीं आया है. Softline के डायरेक्टर संजय बंसल और सम्मर वर्मा ने भी टिप्पणी करने से इनकार किया.





