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रैपिड रेल में 1 मिनट 44 सेकेंड के वायरल अश्लील Video ने खोल दी सबकी आंखें, अब कमेंट में लिंक मांगने की लगी होड़

गाजियाबाद–मेरठ के बीच चलने वाली नमो भारत रैपिड रेल से जुड़ा अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से हड़कंप मच गया है. 24 नवंबर की बताई जा रही घटना में एक युवक और स्कूली ड्रेस में दिख रही छात्रा को ट्रेन की सीट पर अशोभनीय हरकत करते हुए देखा गया. वीडियो कथित तौर पर कोच में लगे CCTV कैमरे से रिकॉर्ड हुआ, जिसके लीक होने से गोपनीयता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हुए. पुलिस और CISF मामले की जांच कर रही है, जबकि NCRTC ने वीडियो फैलाने वाले कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया है.

रैपिड रेल में 1 मिनट 44 सेकेंड के वायरल अश्लील Video ने खोल दी सबकी आंखें, अब कमेंट में लिंक मांगने की लगी होड़
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( Image Source:  X/SachinGuptaUP )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 22 Dec 2025 11:46 AM IST

सोशल मीडिया के दौर में हर घटना कुछ ही मिनटों में वायरल हो जाती है, लेकिन जब निजी पलों की रिकॉर्डिंग सार्वजनिक मंचों पर फैलने लगे, तो यह केवल नैतिकता का नहीं बल्कि सुरक्षा, गोपनीयता और सिस्टम की जवाबदेही का गंभीर सवाल बन जाता है. हाल के दिनों में डीपफेक और फर्जी कंटेंट की भरमार के बीच कुछ ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जहां सार्वजनिक परिवहन में की गई हरकतें सीधे सीसीटीवी फुटेज के जरिए इंटरनेट तक पहुंच जाती हैं.

इसी कड़ी में गाजियाबाद–मेरठ के बीच चलने वाली नमो भारत (रैपिड रेल) से जुड़ा एक मामला सुर्खियों में है. चलती ट्रेन के भीतर अश्लील हरकत करते कपल का एक वीडियो वायरल हुआ. इसके बाद पुलिस, सुरक्षा एजेंसियां और रेल प्रशासन तीनों एक साथ सवालों के घेरे में आ गए हैं. यह मामला इसलिए भी संवेदनशील है क्योंकि वीडियो में कथित तौर पर स्कूली ड्रेस में एक छात्रा दिखाई दे रही है, जिससे चिंता और बढ़ गई है.

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वीडियो कब हुआ वायरल?

जानकारी के मुताबिक, घटना 24 नवंबर की बताई जा रही है. एक युवक और एक युवती गाजियाबाद के दुहाई स्टेशन से नमो भारत ट्रेन में सवार हुए और सीट पर बैठते ही अश्लील हरकतें करने लगे. बताया गया कि यह सिलसिला मेरठ साउथ स्टेशन तक चलता रहा. इस दौरान कोच में यात्रियों की संख्या कम थी, लेकिन कोच में लगे सीसीटीवी कैमरों ने पूरी घटना रिकॉर्ड कर ली.

कई क्लिप, बढ़ती सनसनी

इंटरनेट मीडिया पर चार अलग-अलग अश्लील वीडियो सामने आए. इनमें से एक क्लिप करीब 1 मिनट 44 सेकेंड की बताई जा रही है, जबकि सोशल मीडिया पर पहले से लंबे वीडियो की चर्चा भी होती रही. वीडियो के वायरल होते ही कमेंट सेक्शन में “लिंक” मांगने की होड़ लग गई, जिससे मामला और अधिक आपत्तिजनक बनता चला गया.

स्कूली ड्रेस ने बढ़ाई चिंता

सबसे गंभीर पहलू यह है कि वीडियो में दिखाई दे रही युवती स्कूली ड्रेस में नजर आ रही है. इससे उसकी उम्र को लेकर सवाल उठे और लोगों ने अभिभावकीय जिम्मेदारी से लेकर संस्थागत निगरानी तक कई मुद्दे उठाए. यदि नाबालिग होने की पुष्टि होती है, तो मामला केवल अनुशासन का नहीं बल्कि कानूनी अपराध की श्रेणी में आ सकता है.

CCTV फुटेज कैसे हुआ लीक?

सूत्रों के अनुसार, यह फुटेज ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरों से लिया गया था. सुरक्षा के लिए लगाए गए इन कैमरों की रिकॉर्डिंग का सोशल मीडिया तक पहुंचना सिस्टम की बड़ी चूक माना जा रहा है. सवाल यह भी उठा कि क्या सीसीटीवी डेटा की एक्सेस और स्टोरेज को लेकर पर्याप्त प्रोटोकॉल लागू हैं.

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए गाजियाबाद और मेरठ पुलिस ने संयुक्त जांच शुरू की. नमो भारत की सुरक्षा में तैनात Central Industrial Security Force (CISF) भी जांच में जुटी है. एसएसपी डॉ. विपिन टाडा के अनुसार, एसपी क्राइम के नेतृत्व में टीम बनाकर वीडियो की सत्यता, स्थान और समय की जांच की जा रही है.

कर्मचारी पर गिरी गाज

जांच में यह सामने आया कि एक कर्मचारी ने घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को देने के बजाय रिकॉर्डिंग को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया. National Capital Region Transport Corporation (NCRTC) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि दोषी कर्मचारी को निष्कासित कर दिया गया है और आंतरिक जांच जारी है.

सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया

वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर नाराज़गी दिखी. कई यूजर्स ने इसे सुरक्षा और नैतिकता की विफलता बताया, तो कुछ ने सीसीटीवी फुटेज लीक होने को गोपनीयता उल्लंघन कहा. वहीं, एक वर्ग ने पीढ़ीगत व्यवहार पर सवाल उठाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की.

रोकथाम और जागरूकता जरूरी

NCRTC के अनुसार, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और सीसीटीवी डेटा की हैंडलिंग प्रक्रिया को और सख्त किया जाएगा. यह मामला बताता है कि सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा केवल कैमरे लगाने से नहीं, बल्कि जवाबदेही, प्रशिक्षण और डिजिटल अनुशासन से सुनिश्चित होती है. जांच के नतीजों के आधार पर आगे कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी.

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