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Assam Tribal Unrest: असम के कार्बी आंगलोंग में हालात बेकाबू: IPS अफसर घायल, बाजार में आगजनी, इंटरनेट बंद

Assam Tribal Unrest: असम के कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिलों के खेरोनी इलाके में हिंसा ने गंभीर रूप ले लिया है. बाजार में आगजनी, दुकानों में तोड़फोड़ और पुलिस पर हमलों में दो IPS अधिकारियों सहित करीब 38 पुलिसकर्मी घायल हो गए. हालात बिगड़ने पर राज्य सरकार ने दोनों जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.

Assam Tribal Unrest: असम के कार्बी आंगलोंग में हालात बेकाबू: IPS अफसर घायल, बाजार में आगजनी, इंटरनेट बंद
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( Image Source:  @dyatlov75-X )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 23 Dec 2025 8:33 PM

Assam Tribal Unrest: असम के कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिलों में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं. खेरोनी इलाके में भड़की हिंसा ने मंगलवार शाम को उग्र रूप ले लिया, जिसमें दो IPS अधिकारियों समेत करीब 38 पुलिसकर्मी घायल हो गए. हालात की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने दोनों जिलों में मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाएं तत्काल प्रभाव से बंद कर दी हैं.

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इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार दोपहर शुरू हुई हिंसा मंगलवार शाम फिर भड़क उठी. खेरोनी के बाजार क्षेत्र से सामने आए वीडियो में दुकानों में आगजनी, सिलेंडरों को बाहर निकालकर धमाके करने और भारी तोड़फोड़ की तस्वीरें दिखाई दीं. हालात काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.

असम के डीजीपी हरमीत सिंह, जो खुद मौके पर मौजूद हैं, ने स्थिति की गंभीरता बताते हुए कहा, “मैं खुद भीड़ से सीधे बात करने गया था, लेकिन अब वे पुलिस पर दो दिशाओं से हमला कर रहे हैं. करीब 38 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें IPS अधिकारी भी शामिल हैं. सोमवार को उन्होंने वादा किया था कि अब दुकानों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, लेकिन आज सिलेंडर निकालकर फोड़ दिए गए. तीर और पत्थरों से हमला किया जा रहा है. इस तरह समाधान संभव नहीं है.”

क्यों भड़की हिंसा? दो हफ्ते की भूख हड़ताल बना कारण

इस हिंसा की जड़ें पश्चिम कार्बी आंगलोंग के फेलांगपी (Phelangpi) इलाके में चल रही दो हफ्ते पुरानी भूख हड़ताल से जुड़ी हैं. कार्बी जनजातीय संगठनों की लंबे समय से मांग रही है कि PGR (Professional Grazing Reserve) और VGR (Village Grazing Reserve) भूमि से कथित अतिक्रमण हटाया जाए. इन जमीनों पर बिहारी और नेपाली समुदाय के परिवारों के बसे होने को लेकर विवाद है.

नौ लोग “आमरण अनशन” पर बैठे थे. सोमवार को जब पुलिस उन्हें इलाज के लिए गुवाहाटी ले गई, तो यही कदम तनाव के विस्फोट की वजह बन गया. जनजातीय संगठनों ने इसे जबरन हटाने की कार्रवाई बताया, जबकि पुलिस का कहना है कि यह कदम चिकित्सकीय कारणों से उठाया गया.

इंटरनेट बंद, अफवाहों पर सरकार की सख्ती

हिंसा फैलने के बाद असम सरकार के गृह विभाग ने आदेश जारी कर कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं. आदेश में कहा गया है कि “सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका है और सोशल मीडिया के जरिए भड़काऊ संदेश, अफवाहें और गलत सूचनाएं फैल सकती हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है.” सरकार का मानना है कि अफवाहों और उकसावे को रोकने के लिए यह कदम जरूरी है.

मंत्री पहुंचे, बातचीत की घोषणा… लेकिन हिंसा फिर भड़की

मंगलवार को असम सरकार में मंत्री रनोज पेगु ने खेरोनी और फेलांगपी क्षेत्र का दौरा किया. उन्होंने बताया कि “मैंने कार्बी समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. मेरी अपील के बाद भूख हड़ताल खत्म करने पर वे सहमत हो गए हैं. साथ ही, कार्बी आंगलोंग ऑटोनॉमस काउंसिल और असम सरकार के साथ त्रिपक्षीय बातचीत पर सहमति बनी है.” उन्होंने यह भी ऐलान किया कि 26 दिसंबर को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इस अहम बैठक की अध्यक्षता करेंगे. हालांकि, मंत्री के इलाके से रवाना होते ही हिंसा दोबारा भड़क उठी, जिससे प्रशासन की चिंताएं और बढ़ गईं.

आदिवासी बहुल इलाकों में बार-बार उभरता तनाव

कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग दोनों ही आदिवासी बहुल पहाड़ी जिले हैं, जो कार्बी आंगलोंग ऑटोनॉमस काउंसिल के तहत आते हैं. यहां भूमि अधिकार, अतिक्रमण और जनजातीय पहचान से जुड़े मुद्दे अक्सर तनाव का कारण बनते रहे हैं. इस बार भूख हड़ताल और अतिक्रमण की मांग ने हालात को हिंसक मोड़ पर ला खड़ा किया है.

फिलहाल खेरोनी इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है, हालात पर नजर रखी जा रही है. प्रशासन का कहना है कि शांति बहाली पहली प्राथमिकता है, लेकिन साथ ही कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. 26 दिसंबर को होने वाली प्रस्तावित बैठक पर अब सबकी नजरें टिकी हैं. सवाल यही है कि क्या बातचीत से इस ज्वालामुखी पर काबू पाया जा सकेगा, या कार्बी आंगलोंग एक बार फिर लंबे तनाव की आग में झुलसता रहेगा?

असम न्‍यूज
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