रोहित-विराट का फ्लॉप शो, बुमराह का धांसू प्रदर्शन... किन बातों के लिए याद रखी जाएगी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी?
भारत के महानतम स्पिनरों में से एक रविचंद्रन अश्विन का रिटायरमेंट हो, जसप्रीत बुमराह का रिकॉर्डतोड़ परफार्मेंस हो या फिर रोहित शर्मा और विराट कोहली का फ्लॉप शो... बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी कई बातों के लिए याद रखी जाएगी. फिलहाल इस ट्रॉफी पर 10 साल यानी एक दशक बाद ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 3-1 से हराकर कब्जा कर लिया है. पढ़ें, यह खास रिपोर्ट...;
Border Gavaskar Trophy 2024-25: ऑस्ट्रेलिया ने कई बार भारत के अरबों लोगों का दिल दुखाया है. पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप, फिर वनडे वर्ल्डकप और अब बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी... ऑस्ट्रेलिया के आगे टीम इंडिया के शेर ताश के पत्तों की तरह ढह गए... पैट कमिंस के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की सीरीज पर 3-1 से कब्जा कर लिया. भारतीय गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' चुना गया.
अब सवाल यह उठता है कि यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी किस लिए याद रखी जाएगी. ऑस्ट्रेलिया के लिए, जिसने 10 साल बाद इस पर कब्जा जमाया, या भारत के लिए, जिसे करारी हार का सामना करना पड़ा. आइए जानते हैं...
रोहित-विराट का फ्लॉप शो
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को रोहित शर्मा और विराट कोहली के फ्लॉप शो के लिए याद रखा जाएगा. दोनों बल्लेबाजों ने इस सीरीज में अपने प्रदर्शन से सभी भारतीयों को निराश किया है. हालात इस कदर खराब हो गए कि अंतिम टेस्ट से रोहित को खुद को ड्रॉप कर शुभमन गिल को टीम में शामिल करना पड़ा.
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रोहित शर्मा अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण पहला टेस्ट नहीं खेल पाए थे. इसके बाद उन्हें तीन टेस्ट मैच खेलने को मिले. इन तीन मैचों में वे केवल 31 रन बनाए. 37 साल के रोहित ने 2021 के बाद से 35 मैचों में 34.28 की औसत से 2160 रन बनाए. यह कोहली से थोड़ा बेहतर है. हालांकि, हिटमैन ने 2024 में केवल 24.76 की औसत से रन बनाए.
विराट कोहली की बात करें तो उन्होंने पांच टेस्ट मैचों में सिर्फ 190 रन बनाए. 9 पारियों में से 8 बार वे ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंद का पीछा करते हुए आउट हुए. खास बात यह है कि इसमें से 136 रन केवल दो पारियों में आए थे. कोहली ने पर्थ में नाबाद 100 रन और मेलबर्न में 36 रन बनाए. इसके बाद सात पारियों में वे केवल 54 रन बना सके. 20202 के बाद से कोहली 39 मैचों में 30.72 की औसत से 2028 रन बनाए हैं, जिसमें सिर्फ तीन शतक शामिल हैं.
रविचंद्रन अश्विन का संन्यास
भारतीय टीम के सफलतम गेंदबाजों में से एक रविचंद्रन अश्विन ने सीरीज के बीच में ही अपने रिटायरमेंट का एलान कर सबको चौंका दिया. उन्होंने ब्रिसबेन टेस्ट मैच के बाद संन्यास का एलान किया. अश्विन का 13 साल का लंबा करियर रहा. इस दौरान उन्होंने कई रिकॉर्ड्स बनाए.
अश्विन टेस्ट में अनिल कुंबले के बाद भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाज हैं. उन्होंने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट लिए हैं. वे टेस्ट में सबसे तेज 250, 300 और 350 विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं.
जसप्रीत बुमराह का शानदार प्रदर्शन
जसप्रीत बुमराह ने इस सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने दो मैचों में कप्तानी भी की, जिसमें से पर्थ में जीत तो सिडनी में हार मिली. बुमराह ने इस सीरीज के 5 मैचों में 32 विकेट हासिल किए हैं. इस दौरान उनका औसत 12.64 रहा. इस सीरीज में बुमराह ने तीन बार 5 विकेट हासिल किए. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 76 रन देकर 6 विकेट रहा.
बुमराह ने भारत के लिए एक ही टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड तोड़ दिया. उनसे पहले 1977-78 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान बिशन सिंह बेदी ने 31 विकेट चटकाए थे. अब बुमराह ने हरभजन सिंह की बराबरी कर ली है, जिन्होंने 32 विकेट चटकाए थे.
नीतीश रेड्डी की पहली सेंचुरी
नीतीश कुमार रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी सीरीज में अपना टेस्ट डेब्यू किया. उन्होंने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में 28 दिसंबर को पहला टेस्ट शतक लगाया. रेड्डी ने पहली पारी में 114 रन बनाए थे. वे ऑस्ट्रेलिया में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बने. मैच में शतक लगाने के बाद उनका पुष्पा सेलिब्रेशन भी काफी चर्चा में रहा. रेड्डी ने 5 टेस्ट की 9 पारियों में 37.25 की औसत से 298 रन बनाए. इसके साथ ही, उन्होंने 5 विकेट भी चटकाए. 32 रन देकर 2 विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा.
जायसवाल का 'यशस्वी' प्रदर्शन
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को यशस्वी जायसवाल की शानदार बैटिंग परमफॉर्मेंस के लिए याद रखा जाएगा. इस सीरीज में यशस्वी ने एक पारी में सबसे ज्यादा रन बनाए हैं. उन्होंने 161 रनों की पारी खेली थी.
यशस्वी ने 5 मैचों में 43.44 की औसत के साथ 391 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने 2 अर्धशतक और 1 शतक भी लगाया है.
सैम कोंस्टास से टकराने पर कोहली पर लगा जुर्माना
मेलबर्न टेस्ट में सैम कोंस्टास से टकराने की वजह से कोहली पर मैच फीस का 20 फीसदी जुर्माना लगाया गया. उन्हें लेवल वन का दोषी पाया गया.
कोंस्टास और बुमराह की बहस
सिडनी टेस्ट के पहले दिन कोंस्टास और बुमराह के बीच बहस देखने को मिली. उस समय बुमराह रन-अप ले रहे थे. स्ट्राइक पर मौजूद उस्मान ख्वाजा तैयार नहीं थे. इस पर बुमराह नाराज नजर आए. इसी दौरान नॉन स्ट्राइक पर खड़े कोंस्टास से उनकी बहस हो गई. हालांकि, इसके तुरंत बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को आउट कर दिया.
कोहली की हूटिंग
कोंस्टास को धक्का देने के बाद विराट कोहली की ऑस्ट्रेलियाई फैंस ने जमकर हूटिंग की. जब सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में प्रसिद्ध कृष्णा ने स्टीव स्मिथ को आउट किया तो कोहली ने हूटिंग का जवाब अपनी पैंट की जेब दिखाकर दिया. ऐसा करके उन्होंने 2018 के बॉल टैम्परिंग की याद दिला दी, जब स्टीव स्मिथ, कैमरन बैनक्रॉफ्ट और डेविड वॉर्नर दोषी पाए गए थे.
बेल्स बदलने का टोटका
ब्रिसबेन में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के 33वें ओवर में मोहम्मद सिराज ने अपने ओवर की दूसरी गेंद फेंकने के बाद विकेट के बेल्स बदल दिए. हालांकि, उनके लौटने के बाद स्ट्राइक पर खड़े मार्नस लाबुशेन ने बेल्स को पहले जैसा कर दिया, लेकिन रेड्डी के अगले ही ओवर में लाबुशेन कोहली को कैच दे बैठे. इसके बाद यह टोटका कई बार देखने को मिला.
सिराज और हेड के बीच बहस
इस सीरीज के दूसरे मैच में मोहम्मद सिराज और ट्रेविस हेड के बीच बहस देखने को मिली. हेड ने सिराज के ओवर में छक्का मारा था, जिसके अगली ही गेंद पर सिराज ने हेड को बोल्ड कर दिया. पवेलियन जाते समय हेड और सिराज के बीच बहस देखने को मिली. आईसीसी ने दोनों को 1-1 डिमेरिट पॉइंट देने के साथ ही सिराज पर मैच फीस का 20 फीसदी जुर्माना लगाया.
राहुल और यशस्वी के आउट होने पर विवाद
पर्थ टेस्ट की पहली पारी के दौरान केएल राहुल को आउट देने पर विवाद हो गया. राहुल को फील्ड अंपायर ने नॉट आउट कर दिया. इस पर स्टार्क ने डीआरएस ले लिया. रिव्यू में दिखाई दिया कि राहुल का बैट उनके पैड्स से लगा था. इसकी आवाज अल्ट्राएज में भी दिखाई दी. जब थर्ड अंपायर ने दूसरा एंगल देखने की मांग की तो ब्रॉडकास्टिंग टीम के पास दूसरा एंगल नहीं था. ऐसे में फील्ड अंपायर का फैसला पलटने के लिए थर्ड अंपायर के पास कोई मजबूत सबूत नहीं था. बावजूद इसके राहुल को आउट करार दे दिया गया.
बॉक्सिंग डे टेस्ट में यशस्वी जायसवाल के आउट होने पर भी विवाद हुआ. भारत की पारी के 71 वें ओवर में जायसवाल ने पैट कमिंस की छोटी गेंद को पुल करने का प्रयास किया, लेकिन गेंद विकेटकीपर एलेक्स कैरी के हाथों में चली गई. कमिंस और कैरी ने अपील की, लेकिन अंपायर ने आउट नहीं दिया. इस पर कमिंस ने रिव्यू मांगा.
रिव्यू में ग्लव्स से गेंद के डिफ्लेक्शन की पुष्टि तो हुई, लेकिन स्निकोमीटर ने कोई स्पाइक नहीं दिखाया. ऑडियो संकेत भी मौजूद नहीं थे. इसके बावजूद थर्ड अंपायर शऱफुद्दौला ने विजुअल एविडेंस पर भरोसा करते हुए यशस्वी को आउट करार दिया. यशस्वी ने 208 गेंदों पर 84 रनों की शानदार पारी खेली थी.
हेड का अनोखा सेलिब्रेशन
बॉक्सिंग टे टेस्ट मैच में विकेट लेने के बाद ट्रेविस हेड ने अनोखा सेलिब्रेशन किया. इस पर काफी विवाद हुआ. हालांकि कप्तान पैट कमिंस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हेड ने अपनी गर्म उंगली को बर्फ के कप में डाला था.
कोंस्टास, मैकस्वीनी, रेड्डी और वेबस्टर का डेब्यू
इस सीरीज के जरिए भारत की तरफ से नीतीश कुमार रेड्डी ने टेस्ट डेब्यू किया. वहीं, ऑस्ट्रेलिया की ओर से कोंस्टास, नाथन मैकस्वीनी और ब्यू वेबस्टर ने अपना टेस्ट पदार्पण किया. मैकस्वीनी की जगह अंतिम दो टेस्ट के लिए कोंस्टास को ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल किया गया. वहीं, वेबस्टर को मिचेल मार्श की जगह टीम में लाया गया.