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कौन हैं Sanae Takaichi जो बनेंगी जापान की पहली फीमेल PM, महिला अधिकारों पर रूढ़िवादी है नजरिया, जानें फुल डिटेल

जापान में इतिहास रचते हुए 64 साल की साने ताकाइची (Sanae Takaichi) लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) की अध्यक्ष बनकर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं. हालांकि यह एक प्रतीकात्मक सफलता है, लेकिन उनके रूढ़िवादी नजरिए और महिला अधिकारों पर सख्त रुख ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

कौन हैं Sanae Takaichi जो बनेंगी जापान की पहली फीमेल PM, महिला अधिकारों पर रूढ़िवादी है नजरिया, जानें फुल डिटेल
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( Image Source:  x-@takaichi_sanae )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 4 Oct 2025 3:52 PM IST

जापान की राजनीति में इतिहास रचने जा रहा है. लंबे समय से पुरुष-प्रधान माने जाने वाले लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) की बागडोर अब एक महिला नेता के हाथों में आने वाली है. 64 साल की साने ताकाइची (Sanae Takaichi) को पार्टी का नया अध्यक्ष चुना गया है.

इसी के साथ वे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की ओर बढ़ रही हैं. लेकिन यह बदलाव जितना प्रतीकात्मक रूप से बड़ा है, उतना ही विवादों और सवालों से घिरा हुआ भी है. चलिए जानते हैं साने ताकाइची के बारे में.

एक महिला प्रधानमंत्री का नया अध्याय

जापान की संसद और राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी बेहद कम है. निचले सदन को सबसे ताकतवर माना जाता है. वहां महिलाएं केवल 15% हैं और 47 प्रांतों में से सिर्फ दो की गवर्नर महिला हैं. ऐसे में साने का प्रधानमंत्री पद तक पहुंचना एक बड़ा कदम कहा जा सकता है. मगर हकीकत यह है कि उनके विचार महिलाओं से अधिक पुरुष-प्रधान समाज की सोच के अनुरूप माने जाते हैं.

साने ताकाइची का करियर

साने ताकाइची ने 1993 में अपने गृहनगर नारा से पहली बार संसद का चुनाव जीता. तब से वे कई अहम पदों पर रह चुकी हैं, जिनमें आर्थिक सुरक्षा मंत्री, आंतरिक मामलों की मंत्री और लैंगिक समानता मंत्री शामिल हैं. वे हमेशा से पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की कंजरवेटिव (रूढ़िवादी) सोच का समर्थन करती रही हैं और खुद को ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर से प्रेरित बताती हैं.

मोटरबाइक राइडिंग की शौकीन

साने ताकाइची का बैकग्राउंड उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाता है. युवावस्था में वे हेवी-मेटल बैंड में ड्रम बजाती थीं और मोटरबाइक राइडिंग की शौकीन थीं. आज वे जापान की मजबूत सैन्य क्षमता, साइबर सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा और कड़े इमिग्रेशन कानूनों की पैरोकार मानी जाती हैं.

ताकाइची की विचारधारा: महिला हकों पर सवाल

साने ताकाइची लंबे समय से उन सुधारों का विरोध करती रही हैं, जो महिलाओं को बेहतर प्रतिनिधित्व और स्वतंत्रता देने के लिए लाए गए थे. वे LDP की पारंपरिक सोच से सहमत हैं कि महिलाएं अच्छी मां और पत्नी की भूमिका निभाने के लिए बनी हैं. उन्होंने समान-लैंगिक विवाह, पति-पत्नी के अलग सरनेम रखने की अनुमति और शाही परिवार में महिला उत्तराधिकार जैसे मुद्दों का विरोध किया है. यही वजह है कि महिला सांसदों और कार्यकर्ताओं में यह आशंका है कि ताकाइची की मौजूदगी महिलाओं के हक़ों को बढ़ाने के बजाय और सीमित कर सकती है.

संवेदनशील मुद्दों पर बयान

हालांकि साने की छवि पूरी तरह कठोर नहीं है. उन्होंने सार्वजनिक मंच पर अपने मेनोपॉज से जुड़े एक्सपीरियंस शेयर किए और कहा कि पुरुषों को महिला स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा मिलनी चाहिए ताकि ऑफिस और शिक्षा में महिलाओं को बेहतर समर्थन मिले.

पड़ोसी देशों के लिए सख्त रुख

विदेश नीति को लेकर साने ताकाइची का रवैया हमेशा कड़ा रहा है. वे चीन पर सख्त नजर रखती हैं और दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों को लेकर भी सतर्क मानी जाती हैं. साने विवादित यासुकुनी श्राइन पर नियमित रूप से जाती हैं, जो जापान के युद्धकालीन इतिहास से जुड़ा है और पड़ोसी देशों में असहजता पैदा करता है.

आगे की चुनौतियां

हालांकि साने ताकाइची अभी तक साफ नहीं कर पाई हैं कि प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी प्राथमिकताएं क्या होंगी. लेकिन उनके कठोर रुख और दक्षिणपंथी झुकाव से यह आशंका है कि वे कोमेतो पार्टी जैसे मध्यमार्गी सहयोगियों के साथ गठबंधन में मुश्किलें पैदा कर सकती हैं. इसके बावजूद वे अतिदक्षिणपंथी समूहों के साथ काम करने के लिए तैयार दिखती हैं.

साने ताकाइची का प्रधानमंत्री बनना जापान के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा. लेकिन यह भी सच है कि उनका राजनीतिक रिकॉर्ड और विचारधारा कई सवाल खड़े करते हैं. क्या वे वाकई महिलाओं के लिए बदलाव लाएंगी या फिर पुरुष-प्रधान राजनीति की परंपरा को और मजबूत करेंगी? यह देखने वाली बात होगी.

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