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क्यों हर जोड़े की पहली पसंद बन रहा है उत्तराखंड का त्रियुगीनारायण? बना देश का नया डेस्टिनेशन वेडिंग हब, आकंड़े कर देंगे हैरान

त्रियुगीनारायण, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक छोटा-सा हिमालयी गांव, आज देश-दुनिया के जोड़ों का सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन वेडिंग स्पॉट बन चुका है. यही वह पवित्र स्थान है जहां पुराणों के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. मंदिर में सतयुग से जल रही अखंड ज्योति आज भी उसी विवाह की साक्षी मानी जाती है. हर जोड़ा इसी प्राचीन अग्नि से अपने हवन की शुरुआत करता है ताकि उनका वैवाहिक जीवन भी उतना ही अटूट और दिव्य रहे.

क्यों हर जोड़े की पहली पसंद बन रहा है उत्तराखंड का त्रियुगीनारायण? बना देश का नया डेस्टिनेशन वेडिंग हब, आकंड़े कर देंगे हैरान
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( Image Source:  Create By AI Sora )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 11 Dec 2025 9:23 AM

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगीनारायण गांव अब धीरे-धीरे देश का एक खास और पसंदीदा 'डेस्टिनेशन वेडिंग' स्थल बनता जा रहा है. यह वही पवित्र जगह है जहां हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसी वजह से यहां शादी करने का अलग ही आध्यात्मिक और रोमांटिक महत्व है. आजकल देश-विदेश के कई जोड़े अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए इसी जगह को चुन रहे हैं.

इससे सबसे बड़ा फायदा स्थानीय लोगों को हो रहा है. गांव के होटल, होम-स्टे, टैक्सी-जीप वाले, फूलों की दुकानें, बैंड-बाजा वाले, फोटोग्राफर, मेहंदी लगाने वाली महिलाएं, कैटरिंग करने वाले और मंदिर के पुजारी सभी को सीधा रोजगार और अच्छी कमाई मिल रही है. एक शादी से गांव की छोटी-छोटी कई दुकानें और परिवार महीने भर चल जाते हैं इसीलिए पूरा गांव और जिला प्रशासन मिलकर इस जगह को और बेहतर बनाने में जुटा हुआ है.

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अब तक कितनी हुई शादियां

ताजा उदाहरण खुद प्रशासन ने दिया है. थराली ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी श्री नितिन धानिया ने अपनी शादी भी इसी त्रियुगीनारायण मंदिर में बहुत धूमधाम से की. इससे स्थानीय लोगों का उत्साह और बढ़ गया है और उन्हें लगा कि अगर सरकारी अफसर भी यहां शादी कर रहे हैं तो यह जगह सचमुच खास जगह है. आंकड़े भी बहुत रोचक हैं। साल 2022 में यहां औपचारिक विवाह पंजीकरण (formal marriage registration) शुरू हुआ था. 2022 में सिर्फ 50 शादियां हुईं, 2023 में यह संख्या बढ़कर 200 हो गईं, 2024 में भी करीब 200 शादियां हुईं और 2025 में अभी तक (दिसंबर तक) 300 से ज्यादा शादियां हो चुकी हैं. यानी सिर्फ चार साल में कुल 750 से ज्यादा जोड़ों ने यहां फेरे लिए हैं और यह संख्या हर साल तेजी से बढ़ रही है.

हजारों साल से जल रही अखंड ज्योति

त्रियुगीनारायण में मंदिर के पास एक अखंड ज्योति हजारों साल से जल रही है, जिसे शिव-पार्वती के विवाह की साक्षी माना जाता है. साथ ही यहां चार पवित्र कुंड भी हैं. ठंडी हवा, ऊंचे-ऊंचे देवदार के पेड़, बर्फ से ढके पहाड़ और शांत माहौल सब मिलकर इसे शादी के लिए बेहद खूबसूरत जगह बनाते हैं. प्रशासन अब यहां और सुविधाएं बढ़ा रहा है अच्छी सड़क, पार्किंग, शादी के लिए अलग से खूबसूरत मंडप, साफ-सुथरे शौक-घर, बिजली-पानी की पूरी व्यवस्था और हेलीपैड तक बनाने की योजना है. आने वाले कुछ सालों में त्रियुगीनारायण उत्तराखंड का सबसे मशहूर डेस्टिनेशन वेडिंग हब बन जाएगा, इसमें कोई शक नहीं. बता दें कि, एक छोटा सा गांव, जो कभी सिर्फ तीर्थयात्री ही देखते थे, आज प्यार करने वाले जोड़ों की पहली पसंद बन गया है और स्थानीय लोगों की जिंदगी में खुशहाली ला रहा है.

उत्तराखंड न्‍यूज
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