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‘अगर रोहित भइया डांटें नहीं तो 'मजा' नहीं आता…’ : यशस्वी जायसवाल बोले– उनके साथ लेवल ही अलग है

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे वनडे में शतक जमाने वाले यशस्वी जायसवाल ने Agenda Aaj Tak में रोहित शर्मा और विराट कोहली के साथ अपने खास रिश्ते पर बात की. उन्होंने कहा कि रोहित शर्मा की डांट में भी प्यार छिपा होता है, और जब रोहित डांटते नहीं हैं तो उल्टा डर लगता है कि कहीं कुछ गलत तो नहीं कर दिया. विजाग वनडे में भी रोहित ने उन्हें शांत रहने और जोखिम खुद लेने की बात कही, जिससे वे खुलकर खेल सके. वहीं विराट कोहली ने उन्हें छोटे-छोटे टार्गेट देकर मैच जीतने का आत्मविश्वास बढ़ाया.

‘अगर रोहित भइया डांटें नहीं तो मजा नहीं आता…’ : यशस्वी जायसवाल बोले– उनके साथ लेवल ही अलग है
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( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 11 Dec 2025 9:39 AM

भारत के युवा स्टार ओपनर यशस्वी जायसवाल ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में अपनी पहली ही बड़ी परीक्षा में शतकीय पारी खेलकर खुद को साबित कर दिया. विशाखापत्तनम में खेले गए तीसरे वनडे में जायसवाल ने बेहतरीन शतकीय पारी खेलते हुए भारत को नौ विकेट की एकतरफा जीत दिलाई. इस पारी की खासियत सिर्फ रन नहीं थे, बल्कि रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों के साथ उनकी मैच-विनिंग साझेदारियाँ भी थीं, जिन्होंने एक बार फिर दिखा दिया कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य कितना आश्वस्त है.

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यशस्वी ने भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शुरुआत से ही रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग करते हुए एक खास रिश्ता बनाया है. दोनों मुंबई क्रिकेट सिस्टम से आते हैं, और मैदान के बाहर भी यशस्वी अपने सीनियर को एक मेंटर मानते हैं. इसी वजह से दोनों की समझ मैच के दौरान सहज रूप से झलकती है.

लेकिन इस रिश्ते की असली दिलचस्पी यशस्वी ने आज तक के खास कार्यक्रम में बयान की. यशस्वी ने कहा, “रोहित भैया जब डांटते हैं तो उसमें बहुत प्यार होता है. सच कहूं, अगर रोहित भैया डांटते नहीं हैं, तब उल्टी बेचैनी होती है कि आखिर हुआ क्या? क्यों नहीं डांटा? कहीं मेरे किसी काम से उन्हें बुरा तो नहीं लगा!”

यह बात सुनकर पता चलता है कि रोहित शर्मा की जो ‘कूल’ इमेज बाहर से दिखती है, उसके पीछे एक बेहद कोमल लेकिन अनुशासित लीडर बसता है. वह नए खिलाड़ियों से सिर्फ रन नहीं, बल्कि मैच समझने और दबाव में खेलने की क्षमता भी निकालते हैं. यशस्वी जैसे युवा खिलाड़ी इसकी कद्र करते हैं, और शायद इसी वजह से टीम इंडिया में ‘रोहित स्कूल ऑफ क्रिकेट’ जैसी एक अनकही संस्कृति विकसित हो गई है, जहां प्यार के अंदाज में मिली डांट असल में ग्रोथ का ईंधन बनती है.

“रोहित भैया बोले– तू शांत रह, रिस्क मैं ले लूंगा”

विजाग में खेले गए तीसरे वनडे में यशस्वी जिस तरह शांत रहते हुए खेलते दिखे, उसके पीछे भी रोहित का ही हाथ था. यशस्वी बताते हैं, “मैच से पहले रोहित भैया ने कहा कि तू शांत रह और टाइम ले, रिस्क मैं लूंगा. कितने लोग ऐसा कहते हैं? मुझे बस खेलने की आज़ादी मिली और मैं अपनी पारी को उसी हिसाब से ढाल पाया.”

यह भरोसा यशस्वी जैसे युवा बल्लेबाज के लिए अमूल्य है. एक तरफ देश की उम्मीदें, दूसरी तरफ महान खिलाड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाने का दबाव - ऐसे में ओपनिंग पार्टनर का यह आश्वासन खिलाड़ी का खेल बदल देता है.

विराट कोहली की ‘टार्गेट स्ट्रेटजी’

जायसवाल सिर्फ रोहित नहीं, बल्कि विराट कोहली को भी अपना गाइड मानते हैं. उन्होंने कहा, “विराट पाजी ने मुझे छोटे-छोटे टार्गेट दिए. उन्होंने कहा कि मैच हमें खुद ही जीतना है. उनकी बातों ने मुझे बहुत आत्मविश्वास दिया.” यशस्वी ने कई बार बताया है कि विराट उनके लिए मोटिवेशनल इंजन की तरह हैं - सतर्क, परफेक्शनिस्ट, और हर गेंद पर फोकस में रहने वाले. विराट की यह माइक्रो-मैनेजमेंट स्टाइल युवा खिलाड़ियों में मैच अवेयरनेस बढ़ाती है, जो उनकी सफलता का मुख्य कारण है.

टीम इंडिया के भविष्य की तस्वीर

वर्तमान में यशस्वी वनडे टीम में रोहित और नई जिम्मेदारी संभाल रहे कप्तान शुभमन गिल के बैकअप ओपनर माने जाते हैं. लेकिन उनका पहला शतक इस दिशा में बड़ा कदम है. उन्होंने यह साबित किया है कि आने वाले वर्षों में भारत को बाएं हाथ का एक दमदार, आक्रामक और मैच-विनिंग ओपनर लगातार मिलता रहेगा.

रोहित–विराट जैसे दो महान खिलाड़ियों के संरक्षण में यशस्वी का परफॉर्मेंस तेजी से मैच्योर हो रहा है. यह उसी तरह का सफर है जैसा कभी विराट ने धोनी के साथ किया था और अब यशस्वी, भारतीय क्रिकेट की अगली पीढ़ी के चेहरे के रूप में उभर रहे हैं. एक शतक, दो दिग्गजों का भरोसा, और पूरी टीम का समर्थन… यशस्वी जायसवाल का यह लेवल भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत जैसा है.

क्रिकेट न्‍यूजरोहित शर्मा
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