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क्या जापान में पहली बार कोई महिला बनेगी प्रधानमंत्री? PM इशिबा के इस्तीफे के बाद रेस में सबसे आगे चल रहे ये नाम

जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने उच्च सदन चुनाव में हार के बाद इस्तीफा दे दिया है. अब एलडीपी और विपक्षी दलों में नए नेता की खोज शुरू हो गई है. साने ताकाइची पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की दावेदार मानी जा रही हैं, जबकि शिंजिरो कोइज़ुमी सबसे युवा उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं. इसके अलावा योशिमासा हयाशी, योशीहिको नोडा और युइचिरो तामाकी भी प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल हैं.

क्या जापान में पहली बार कोई महिला बनेगी प्रधानमंत्री? PM इशिबा के इस्तीफे के बाद रेस में सबसे आगे चल रहे ये नाम
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( Image Source:  ANI )

Japan PM Shigeru Ishiba resigns: जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार (7 सितंबर) को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी. हाल ही में हुए उच्च सदन चुनाव में मिली करारी हार के बाद एलडीपी (लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी) के भीतर उनके नेतृत्व पर सवाल उठे और पार्टी नेताओं ने दबाव बनाना शुरू कर दिया था. अब एलडीपी और जापानी राजनीति, दोनों में नई हलचल मच गई है. संसद में होने वाले वोटिंग के जरिए देश को नया प्रधानमंत्री मिलेगा. इस रेस में कई दिग्गज और चर्चित चेहरे सामने आ चुके हैं.

साने ताकाइची- पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का मौका

एलडीपी की वरिष्ठ नेता साने ताकाइची (64 वर्ष) इस समय सबसे चर्चित नाम हैं. वे अपनी रूढ़िवादी सोच और मजबूत प्रशासनिक छवि के लिए जानी जाती हैं. पिछली बार भी उन्होंने इशिबा को चुनौती दी थी. अगर इस बार वे चुनी जाती हैं, तो जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी. आर्थिक सुरक्षा और आंतरिक मामलों में मंत्री के रूप में उनका अनुभव उन्हें मजबूत दावेदार बनाता है.

शिंजिरो कोइज़ुमी- युवा सुधारक की छवि

शिंजिरो कोइज़ुमी (44 वर्ष) जापान के सबसे युवा प्रधानमंत्री बनने की उम्मीदों के साथ मैदान में हैं. वे पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी के बेटे हैं और एक राजनीतिक परिवार से आते हैं. सुधारक के तौर पर उन्होंने पार्टी की छवि को भ्रष्टाचार से दूर करने की कोशिश की है. पर्यावरण मंत्री रहते हुए उन्होंने क्लाइमेट पॉलिसी को आगे बढ़ाया. वे युवाओं में भी खासे लोकप्रिय हैं.

योशिमासा हयाशी - कूटनीति और अनुभव का मिश्रण

योशिमासा हयाशी (64 वर्ष) वर्तमान में एलडीपी के मुख्य कैबिनेट सचिव हैं. वे विदेश, रक्षा और कृषि मंत्रालय जैसे अहम पद संभाल चुके हैं. उनकी अंग्रेजी पर मजबूत पकड़ और विदेश नीति का अनुभव उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्षम नेता बनाता है. बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीति की स्वतंत्रता बनाए रखने के उनके विचार उन्हें आर्थिक रूप से संतुलित उम्मीदवार के रूप में पेश करते हैं.

विपक्षी चुनौती- योशीहिको नोडा और युइचिरो तामाकी

  • योशीहिको नोडा (68 वर्ष)- संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी (CDP) के नेता और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री. वे कर सुधार और राजकोषीय सख्ती के पक्षधर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने खाद्य पदार्थों पर कर में कटौती और बैंक ऑफ जापान की प्रोत्साहन योजनाओं को धीरे-धीरे खत्म करने का सुझाव दिया.
  • युइचिरो तामाकी (56 वर्ष)- डेमोक्रेटिक पार्टी फॉर द पीपल (DPP) के सह-संस्थापक. वे टैक्स कटौती, आमदनी बढ़ाने और रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के पक्षधर हैं. साथ ही, वे नए परमाणु संयंत्रों के निर्माण का भी समर्थन करते हैं.

नतीजा क्यों अहम है?

यह चुनाव सिर्फ नए प्रधानमंत्री का चयन नहीं करेगा, बल्कि यह तय करेगा कि जापान किस दिशा में आगे बढ़ेगा,

  • क्या देश एक महिला प्रधानमंत्री का नया इतिहास रचेगा?
  • क्या युवा सुधारक की राह चुनेगा?
  • या फिर अनुभवी नेता और विपक्षी चेहरों को मौका देगा?

संसद में होने वाली वोटिंग के बाद ही साफ होगा कि जापान की बागडोर किसके हाथ में जाएगी और एशिया की इस ताकतवर अर्थव्यवस्था का भविष्य किस राह पर आगे बढ़ेगा.

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