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पीस डील पर मान गया हमास! इजरायली बंधकों को करेगा रिहा, ट्रंप बोले- रोक दो गाजा में बमबारी...

हमास ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाज़ा पीस प्लान को लेकर बड़ा ऐलान किया है. संगठन ने कहा है कि वह सभी इजरायली बंधकों (जीवित या मृत) को रिहा करने और गाज़ा प्रशासन को स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञों को सौंपने के लिए तैयार है. इस योजना में 20 सूत्रीय प्रस्ताव शामिल हैं, जिनमें युद्धविराम, कैदी-विनिमय और मानवीय राहत जैसी शर्तें भी हैं. ट्रंप के कड़े अल्टीमेटम और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद हमास की यह सहमति मध्यपूर्व शांति के प्रयासों में एक अहम कदम मानी जा रही है. यदि यह लागू होता है तो गाज़ा का प्रशासनिक और राजनीतिक स्वरूप बदल जाएगा तथा मानवीय संकट में राहत मिल सकती है.

पीस डील पर मान गया हमास! इजरायली बंधकों को करेगा रिहा, ट्रंप बोले- रोक दो गाजा में बमबारी...
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 4 Oct 2025 7:55 AM IST

फिलिस्तीनी संगठन हमास ने अमेरिका द्वारा प्रस्तुत गाजा पीस प्लान पर सकारात्मक रूख अपनाया है और कई प्रमुख शर्तें मानने के लिए तैयार होने का ऐलान किया है. हमास ने सभी इजरायली बंधकों को रिहा करने और गाजा की सत्ता छोड़ने की बात कही है. वहीं कई पॉइंट्स पर हमास ने असहमति भी जताई है और कहा है कि इसपर चर्चा होनी चाहिए. इस सहमति के बाद अमरीका ने इजरायल से कहा है कि वह गाजा पर बमबारी न करे. यह बंधकों को सुरक्षित निकालने के लिए जरूरी है.

हमास ने अपने बयान में कहा है कि वह मध्यस्थों के जरिये तुरंत वार्ता में बैठने के लिए तैयार है और गाजा प्रशासन को 'स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञों' की फिलिस्तीनी संस्था को सौंपने पर सहमति दे सकती है. संगठन ने यह भी कहा कि इस प्रस्ताव से युद्धविराम और मानवीय सहायता पहुंचाने की राह आसान होगी, बशर्ते कि दोनों तरफ़ से शर्तें और समयसीमा स्पष्ट रूप से लागू हों. बता दें हमास का यह बयान ट्रंप की धमकी के बाद आया है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि अगर वह इस डील को नहीं मानता है तो उसे नर्क का सामना करना पड़ सकता है.

ट्रम्प का अल्टीमेटम

व्हाइट हाउस ने बयानबाजी में कड़ा रुख अपनाया. अमेरिकी नेतृत्व ने हमास को शांति समझौते पर रविवार शाम तक सहमति देने के लिए अल्टीमेटम दिया था. प्रशासन ने कहा कि अगर सहमति नहीं मिली तो गाज़ा में और कड़ी कार्रवाई के विकल्प सक्रिय हो सकते हैं. इस प्रकार के दबाव के चलते हमास के सहमति के संकेत को कुछ स्तर पर कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है, पर आलोचक इसे जल्दबाज़ी में किए गए राजनैतिक निर्णय के तौर पर भी देख रहे हैं.

ट्रम्प ने क्या दिया था ऑफर?

  • सभी इजरायली बंधकों (जीवित या मृत) की रिहाई पर सहमति.
  • रिहाई के 72 घंटे के भीतर प्रत्याशित कैदी-एक्सचेंज की व्यवस्था.
  • गाजा पर हमास का नियंत्रण समाप्त कर देना और अंतरराष्ट्रीय निगरानी में प्रशासन को सौंपना.
  • बदले में इजरायल द्वारा सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई.
  • तत्काल मानवीय राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता का प्रवाह.
  • अंतरराष्ट्रीय तकनीकी और निगरानी तंत्र के माध्यम से शांति-व्यवस्था सुनिश्चित करना.

गाजा के लोगों को राहत

यदि समझौता लागू होता है तो गाजा पर हमास का परंपरागत नियंत्रण खत्म हुआ माना जाएगा और प्रशासन अंतरराष्ट्रीय या 'स्वतंत्र तकनीकी' संस्था को सौंपने की प्रक्रिया शुरू होगी. इसका मतलब है कि सुरक्षा, प्रशासनिक संचालन और राहत वितरण पर बाहरी निगरानी बढ़ेगी. एक ऐसा परिवर्तन जो क्षेत्रीय पॉवर बैलेंस और स्थानीय शासन के स्वरूप दोनों को बदल सकता है. साथ ही गाजा के लोगों के लिए राहत की बात होगी.

सत्यापन की चुनौती

अब भी कई अनिश्चितताएं बरकरार हैं. हमास के आंतरिक राजनीतिक विरोध, इजरायली पक्ष की शर्तों और मध्यस्थों द्वारा तय किए जाने वाले मैकेनिज्म. ये सब मिलकर समझौते में रुकावट डाल सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि घोषणाओं का औपचारिक दस्तावेज़, निगरानी तंत्र और प्रतिवादी पक्षों की प्रतिबद्धता के प्रमाण न होने तक वास्तविक सफलता कहना जल्दबाज़ी होगी.

मिलेगी मानवीय राहत

हमास की सहमति से अगर बंधकों की रिहाई और राहत का मार्ग खुलता है तो तुरंत मानवीय संकट में कमी आएगी और मध्यपूर्व में तनाव घटने की संभावना बनेगी. अरब और इस्लामी साझेदारों की भूमिका, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की निगरानी तथा स्थानीय संरचनाओं का समर्थन इस प्रक्रिया की टिकाऊ सफलता के लिए निर्णायक होगा. अब अगला कदम मध्यस्थों द्वारा वार्ता शेड्यूल करना, रिहाई-तरीकों का निर्धारण और निगरानी तंत्रों का स्थापना होगा. सब कुछ सत्यापन और चरणबद्ध अमल पर निर्भर करेगा.

डोनाल्ड ट्रंप
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