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बोंडी बीच हमलावारों का ISIS कनेक्शन, सिर्फ यहूदियों पर था निशाना; जानें सिडनी आतंकी हमले में अब तक क्या-क्या हुआ

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बोंडी बीच पर रविवार को हुए यहूदी उत्सव हनुका पर हमला करने वाले दो बंदूकधारी पिता-पुत्र थे, जो पाकिस्तान के लाहौर के रहने वाले बताए जा रहे हैं, जिन्होंने कम से कम 16 लोगों की जान ले ली. आतंकियों का ISIS से संबंध पाया गया. पुलिस ने उनकी कार से ISIS का झंडा और विस्फोटक सामग्री बरामद की.

बोंडी बीच हमलावारों का ISIS कनेक्शन, सिर्फ यहूदियों पर था निशाना; जानें सिडनी आतंकी हमले में अब तक क्या-क्या हुआ
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विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Updated on: 15 Dec 2025 6:30 PM IST

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बोंडी बीच पर रविवार को हुए यहूदी उत्सव हनुका पर हमला करने वाले दो बंदूकधारी पिता-पुत्र थे, जो पाकिस्तान के लाहौर के रहने वाले बताए जा रहे हैं, जिन्होंने कम से कम 16 लोगों की जान ले ली. यह घटना सख्त ऑस्ट्रेलियाई बंदूक नियंत्रण कानूनों के बावजूद पिछले तीन दशकों में देश की सबसे घातक गोलीबारी बन गई.

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न्यू साउथ वेल्स के पुलिस आयुक्त माल लैन्योन ने बताया कि हमलावरों में से एक 50 वर्षीय साजिद अकरम पुलिस की गोलीबारी में मारा गया. दूसरा हमलावर उसका 24 वर्षीय बेटा नवीद अकरम घायल हुआ जिसका अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है.

ISIS से कनेक्शन की पुष्टि

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिता-पुत्र आतंकियों का ISIS से संबंध पाया गया. पुलिस ने उनकी कार से ISIS का झंडा और विस्फोटक सामग्री बरामद की. जानकारी के अनुसार, साजिद के पास 6 लाइसेंसी बंदूकें थीं. नवीद अकरम का संपर्क इसाक अल मतारी से था.

यहूदियों को ही बनाया निशाना

हमले का समय और जगह स्पष्ट रूप से यहूदी समुदाय को लक्षित करती है. बोंडी बीच पर हनुका उत्सव में शामिल लोग खुशियों में व्यस्त थे, तभी दोनों आतंकियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी. घटना के दौरान आतंकियों ने लोगों को केवल यहूदी समुदाय की ओर जाने से रोकने का निर्देश दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका निशाना सिर्फ यहूदी थे.

6 साल पहले भी हुई नवीद की जांच

भारतीय खुफिया ब्यूरो के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी IANS को बताया कि छह साल पहले ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी ने नवीद अकरम की जांच की थी, क्योंकि वह ISIS से जुड़े होने का संदेह था. जांच के बाद से नवीद छिपकर रह रहा था और अब ऐसा प्रतीत होता है कि उसने इस भयंकर हमले को अंजाम देने के लिए सही समय का इंतजार किया.

जांचकर्ताओं के अनुसार, नवीद के पिता साजिद अकरम एक फलों की दुकान के मालिक थे. उनकी कंपनी के दिवालिया होने के बाद, लगभग दो महीने पहले उनके बेटे को ईंट-पत्थर के काम से निकाल दिया गया था.

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