उस्मान हादी के दोनों हत्यारे पहुंचे भारत! ढाका पुलिस का खुलासा, बांग्लादेश से भागने में किसने की मदद?
बांग्लादेश के छात्र नेता उस्मान हादी मर्डर केस में ढाका पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. ढाका पुलिस का कहना है कि मर्डर करने के बाद उस्मान हादी के दोनों हत्यारे भारत भाग गए. आरोपी मयमनसिंह शहर के हलुआघाट बॉर्डर के रास्ते भारत में दाखिल हुए और फिर मेघालय पहुंच गए.
Sharif Osman Hadi Murder Case: हाल ही में ढाका के बिजयनगर इलाके में एक चुनावी अभियान के दौरान बांग्लादेश छात्र की नेता शरीफ उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क उठी, इस कई कई मीडिया दफ्तरों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई. इसके अलावा उग्र भीड़ ने 3 हिंदुओं को पीट-पीटकर मार डाला.
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अब उस्मान हादी की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) के हवाले से स्थानीय अखबार द डेली स्टार ने बताया है कि इस सनसनीखेज हत्याकांड के दो मुख्य आरोपी भारत भाग गए हैं. बताया जा रहा है कि आरोपी मयमनसिंह शहर के हलुआघाट बॉर्डर के रास्ते भारत में दाखिल हुए और फिर मेघालय पहुंच गए.
हलुआघाट बॉर्डर से भारत में दाखिल हुए आरोपी
डीएमपी मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अतिरिक्त आयुक्त एसएन नज़रुल इस्लाम ने बताया कि हत्या के दो मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख हलुआघाट सीमा पार कर भारत में घुसे. पुलिस के अनुसार, उन्हें इस दौरान स्थानीय सहयोगियों की मदद मिली.
मेघालय तक पहुंचने में मिली स्थानीय मदद
डीएमपी के अतिरिक्त आयुक्त ने जानकारी देते हुए कहा “हमारी जानकारी के अनुसार आरोपी हलुआघाट बॉर्डर के जरिए भारत में दाखिल हुए. सीमा पार करने के बाद उन्हें सबसे पहले पुर्ति नाम के एक व्यक्ति ने रिसीव किया. इसके बाद सामी नाम के एक टैक्सी ड्राइवर ने उन्हें मेघालय के तुरा शहर तक पहुंचाया.” यह भी बताया गया कि जिन दो लोगों ने आरोपियों को मेघालय पहुंचाने में मदद की, उन्हें भारत में हिरासत में ले लिया गया है.
भारत-बांग्लादेश के बीच संपर्क तेज
एसएन नज़रुल इस्लाम ने कहा कि बांग्लादेशी अधिकारी इस मामले में भारतीय एजेंसियों के लगातार संपर्क में हैं. उन्होंने बताया “हम औपचारिक और अनौपचारिक, दोनों स्तरों पर भारतीय अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं, ताकि आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया जा सके.” शरीफ उस्मान हादी की हत्या ने बांग्लादेश की राजनीति और छात्र संगठनों में उबाल ला दिया था. हादी मौत के बाद कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए और सरकार पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हुए.





