बांग्लादेश के सपोर्ट में आए खालिस्तानी संगठन, लंदन में मचा बवाल; क्या देश तोड़ने के मुद्दे पर हुए एकजुट?
लंदन में बांग्लादेश हिंदू एसोसिएशन ने बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन थोड़ी देर बाद ही उसका माहौल खालिस्तान समर्थकों की एंट्री से बदल गया. विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने आकर वहां भारत विरोधी नारे लगाकर तिरंगे का अपना किया और खालिस्तान समर्थक झंडा भी फहराया.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की घटना लगातार बढ़ती जा रही है. बीते कुछ दिनों में बांग्लादेश में भीड़ ने 3 हिंदुओं को पीट-पीटकर मार डाला. अब बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर भारत में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है. हाल ही में विदेश मंत्रालय ने इसको लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इस बीच लंदन में बांग्लादेश हिंदू एसोसिएशन ने बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन थोड़ी देर बाद ही उसका माहौल खालिस्तान समर्थकों की एंट्री से बदल गया.
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विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने आकर वहां भारत विरोधी नारे लगाकर तिरंगे का अपना किया और खालिस्तान समर्थक झंडा भी फहराया. जिसकी खालिस्तानियों साफ मानस्तिका जाहिर होती है कि वे बांग्लादेश के सपोर्ट में है. खालिस्तानी समर्थक हमेशा से भारत के खिलाफ है, वे पंजाब को भारत से अलग करके खालिस्तान बनाने की हमेशा से मांग करते रहे हैं. दूसरी तरफ बांग्लादेश नॉर्थ ईस्ट इंडिया को तोड़कर 'ग्रेटर बांग्लादेश' बनाना चाहता है.
क्या पहले से खालिस्तानियों ने बना ली थी योजना?
जानकारी के अनुसार, खलिस्तान समर्थकों का प्रदर्शन स्थल और समय पर अचानक पहुंचना किसी भी तरह से इत्तेफाक नहीं माना जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों का आकलन है कि यह कदम पूरी तरह पूर्व-नियोजित था. उनका वहां मौजूद होना इस ओर इशारा करता है कि किसी बाहरी ताकत ने इस पूरे घटनाक्रम को दिशा दी.
पाकिस्तान की ISI पर गहराता शक
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई लंबे समय से भारत और बांग्लादेश की राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है. इस रणनीति के तहत युवाओं को कट्टरपंथ की ओर मोड़ना और धार्मिक अतिवाद को बढ़ावा देना आईएसआई का प्रमुख उद्देश्य बताया जा रहा है.
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईएसआई के इसी अभियान के तहत बांग्लादेश में सक्रिय इस्लामवादी समूह हिंदू अल्पसंख्यकों की आवाज दबाने में जुटे हैं. वहां धार्मिक आधार पर माहौल को तनावपूर्ण बनाने की कोशिशें लगातार देखी जा रही हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंच रहा है.
खलिस्तान समर्थकों की भारत विरोधी गतिविधियां
सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश के बाहर भी यही रणनीति अपनाई जा रही है. पश्चिमी देशों में खलिस्तान समर्थक तत्व हिंदू विरोधी और भारत विरोधी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. इन गतिविधियों का मकसद अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाना बताया जा रहा है.
एजेंसियों के मुताबिक, खलिस्तान समर्थकों का यह प्रदर्शन सीधे तौर पर हिंदुओं के खिलाफ नहीं था. इसका असली उद्देश्य बांग्लादेश में हो रहे हिंदू उत्पीड़न के मामलों से ध्यान हटाना और भारत विरोधी नैरेटिव को आगे बढ़ाना था, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का फोकस वास्तविक मुद्दों से भटकाया जा सके.





