नोएडा में फर्जी खुफिया अधिकारी को STF ने धर दबोचा, घर से बरामद हुए कई फर्जी वोटर कार्ड, लैपटॉप में मिला दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ा कंटेंट
ग्रेटर नोएडा की एक पॉश सोसाइटी में रह रहा शख्स खुद को कभी ‘मेजर अमित’ और कभी ‘रॉ का टॉप अफसर’ बताकर सभी को चकमा दे रहा था. बुधवार को नोएडा STF ने जब उसे धर दबोचा, तो परत दर परत ऐसे राज खुले कि अधिकारी भी हैरान रह गए. उसके लैपटॉप से दिल्ली के हालिया ब्लास्ट से जुड़े वीडियो बरामद हुए.
नोएडा में बुधवार को उस वक्त सनसनी फैल गई, जब यूपी एसटीएफ ने खुद को खुफिया एजेंसी का बड़ा अधिकारी बताने वाले एक शख्स को दबोच लिया. गिरफ्तार आरोपी न सिर्फ फर्जी आईडी और दर्जनों दस्तावेजों के सहारे कई सोसाइटी में रौब जमाकर रह रहा था, बल्कि उसके लैपटॉप से दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ा संदिग्ध डिजिटल कंटेंट भी मिला है.
शुरुआती जांच में पता चला है कि वह कभी खुद को मेजर, तो कभी रॉ का सीनियर अधिकारी बताकर लोगों को झांसा देता था और इसी पहचान के दम पर खुद को लंबे समय तक सुरक्षित बनाए हुए था.
फर्जी पहचान बनाकर जी रहा था आलीशान जिंदगी
STF को दिल्ली ब्लास्ट की जांच के दौरान इस संदिग्ध की सूचना मिली थी. सुरागों का पीछा करते हुए टीम ग्रेटर नोएडा की पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसाइटी पहुंची. संदिग्ध जिस फ्लैट में रह रहा था, वहां दरवाजा एक महिला ने खोला. तभी एक युवक अंदर आया जिसने अपना नाम सुमित कुमार बताया. जांच टीम ने उसकी तलाशी ली तो उसके पर्स में भारत सरकार के कैबिनेट सेक्रेटिएट का एक पहचान पत्र मिला, जिस पर उसे ‘जॉइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर ऑपरेशंस’ जैसी ऊंची पोस्ट पर दिखाया गया था. कार्ड की डिटेल्स देखकर अधिकारी समझ गए कि सब कुछ फर्जी है. इसके बाद STF ने तुरंत उसे हिरासत में ले लिया.
20 चेकबुक, 8 डेबिट कार्ड और वोटर कार्ड किए बरामद
फ्लैट की तलाशी के दौरान STF को कई चौंकाने वाले सबूत मिले. आरोपी ने न सिर्फ एक बनावटी कंपनी खड़ी कर रखी थी बल्कि लोगों से गलत तरीकों से निवेश भी करवाता था. टीम ने वहां से नकली कंपनी के दस्तावेज, 20 चेकबुक, 8 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 3 वोटर ID, 2 आधार कार्ड और कई अन्य बनावटी कागजात बरामद किए. सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि उसने अपनी नकली पहचान के दम पर एक महिला जज को विश्वास में लेकर उससे शादी भी कर ली थी. उसकी पत्नी इस समय बिहार के छपरा में तैनात है.
लैपटॉप में मिला दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ा कंटेंट
जब टीम ने आरोपी का लैपटॉप खंगाला तो उसमें लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए हालिया कार ब्लास्ट से जुड़े कुछ वीडियो मिले. ये फुटेज कैसे उसके पास पहुंचे, क्या वह किसी तरह से घटना से जुड़ा है या महज वीडियो जमा कर रहा था, इस बारे में अभी कोई साफ जानकारी नहीं है. फिलहाल STF सभी डिजिटल सबूतों की जांच कर रही है और यह पता लगाने में जुटी है कि उसकी असल मंशा क्या थी और वह किस नेटवर्क से जुड़ा था. इस सनसनीखेज गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. अब पूरा मामला गंभीरता से खंगाला जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि एक शख्स इतने लंबे समय तक फर्जी पहचान के सहारे कैसे सरकारी सिस्टम को चकमा देता रहा.





