निठारी केस में बड़ा मोड़, हत्याकांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट ने किया बरी, जानें इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ
देश को हिला देने वाले निठारी हत्याकांड में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया. 2006 में हुए इस भयावह मामले में मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को अदालत ने बरी कर दिया है. 2006 में जब नोएडा के निठारी गांव से बच्चों और महिलाओं के कंकाल बरामद हुए, तो पूरे देश में सनसनी फैल गई थी.
करीब दो दशक पहले नोएडा के निठारी गांव में हुए हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोक कर रख दिया था. इस अपराध में कई मासूम बच्चों की जान गई थी, जिसके बाद इस मामले में कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को दोषी ठहराया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के निठारी हत्याकांड में दोषी ठहराए गए सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया.
अदालत ने उसकी सजा और दोष सिद्धि दोनों रद्द कर दीं और आदेश दिया कि यदि उस पर कोई और केस बाकी नहीं है, तो उसे तुरंत रिहा किया जाए. चलिए जानते हैं अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ?
निठारी का डरावना सच कैसे सामने आया
29 दिसंबर 2006 का दिन नोएडा के निठारी गांव के लिए खौफनाक सच्चाई लेकर आया. एक बिजनेस मैन मोनींदर सिंह पंधेर के घर के पीछे स्थित नाले से कई बच्चों के कंकाल बरामद हुए, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, यह मामला देश के सबसे भयानक अपराधों में से एक बन गया. जांच एजेंसियों ने खुलासा किया कि पंधेर के घरेलू नौकर सुरेंद्र कोली ने मासूम बच्चों को बेरहमी से मौत के घाट उतारा था, जिससे निठारी का नाम हमेशा के लिए देश की अपराध कथाओं के सबसे डरावने पन्नों में दर्ज हो गया.
अदालतों का लंबा सफर
नोएडा के कुख्यात निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को 15 साल की एक बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में अदालत ने दोषी ठहराया था. 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा, जबकि 2014 में उसकी पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी गई. हालांकि, 2015 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहते हुए राहत दी कि दया याचिका के निपटारे में असामान्य देरी हुई है, इसलिए मृत्यु-दंड को आजीवन कारावास में बदल दिया जाए. इसके बाद सुरेंद्र और उसके सहयोगी मोनिंदर सिंह पंधेर पर अन्य 12 से अधिक मामलों में मुकदमे जारी रहे.
नए मोड़ के बाद रिहाई का रास्ता
अक्टूबर 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंधेर को निठारी कांड से जुड़े सभी मामलों में बरी कर दिया, यह कहते हुए कि अभियोजन के सबूत कमजोर हैं और जांच प्रक्रिया में गंभीर खामियां रही हैं. इसके खिलाफ सीबीआई और पीड़ित परिवार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, मगर जुलाई 2024 में शीर्ष अदालत ने उनकी सभी 14 अपीलें खारिज कर दीं. अब 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने कोली की क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे पूरी तरह निर्दोष घोषित कर दिया.





