कफ सिरप केस के आरोपी शुभम जायसवाल को कौन फंसा रहा है? Viral Video में आरोपों को बताया फर्जी; योगी और अखिलेश दोनों से लगाई गुहार
कफ सिरप माफिया केस के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल ने एक वीडियो जारी कर पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है. शुभम का कहना है कि उसको गलत तरीके से फंसाया जा रहा है. उसने खुद पर लगे सभी आरोपों को फर्जी बताया है.
उत्तर प्रदेश में कफ सिरप मामले ने राजनीति में हलचल मचा दी है. समाजवादी पार्टी इस मुद्दे पर लगातार योगी सरकार को घेर रही है, वहीं मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के वीडियो बयान ने पूरे मामले को और गर्मा दिया है. वीडियो में उसने खुद को निर्दोष बताते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का भी जिक्र किया है. उन्होंने नेताओं से अपील करते हुए कहा कि ऐसी झूठी खबर न फैलाएं.
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आरोपी शुभम जायसवाल का वीडियो आया सामने
उत्तर प्रदेश पुलिस की खोज में चल रहे कफ सिरप केस के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल ने एक वीडियो जारी कर सभी आरोपों को फर्जी बताया है. वीडियो में उसने कहा कि उसके खिलाफ लगाया गया हर आरोप आधारहीन है. उसने यह भी कहा कि इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बयान दिया है और वह उनसे उम्मीद करता है कि वह उसकी बात को समझेंगे. वीडियो में शुभम ने अखिलेश यादव से मदद भी मांगी है.
“मेरा नाम गलत तरीके से जोड़ा गया”-शुभम जायसवाल
शुभम जायसवाल ने अपने बयान में साफ कहा कि गाजियाबाद और सोनभद्र में पकड़े गए माल से उसका कोई संबंध नहीं है. उसके अनुसार “गाजियाबाद और सोनभद्र में मेरा माल नहीं पकड़ा गया. गलत तरीके से नाम जुड़वाया गया. लखनऊ ड्रग विभाग के एक बड़े अधिकारी की ओर से जबरन पैसे की मांग की जा रही थी. गलत काम नहीं करता था, इसलिए पैसा नहीं दिया तो नाम उछाला गया.”
शुभम ने बताया कि उस पर एनडीपीएस और धोखाधड़ी के कई मुकदमे सोनभद्र, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली और गाजियाबाद में दर्ज किए गए हैं, जबकि उसका इन मामलों से कोई संबंध नहीं है.
वीडियो में शुभम ने दावा किया कि वह और उसका परिवार शुरू से दवा कारोबार से जुड़े रहे हैं. उसने कहा “मेरा और मेरे परिवार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. शुरू से हम लोग दवा व्यवसाय से जुड़े रहे. 100 करोड़ का माल बेचा है, कंपनी दवा बना रही है तो हम बेच ही सकते हैं.” उसने कहा कि उसने केवल लाइसेंस धारकों को ही माल सप्लाई किया है और हर लेनदेन कानून के दायरे में किया गया है.
एबॉट कंपनी और अन्य राज्यों के लाइसेंस पर उठाए सवाल
शुभम ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियां उसे निशाना बना रही हैं, जबकि कई बड़े वितरण चैनलों की जांच ही नहीं हो रही. “एबॉट कंपनी से माल लेने वाले दिल्ली, एमपी, उत्तराखंड के लाइसेंस नहीं चेक किए जा रहे हैं. मुझे टारगेट किया जा रहा है. झारखंड में शैली ट्रेडर्स के जरिए नियम के तहत लाइसेंस धारकों को बेचा गया.” उसके मुताबिक, वह कानूनी नियमों का पालन करते हुए ही कारोबार करता रहा है और बिना किसी ठोस सबूत के उसे कफ सिरप माफिया के तौर पर पेश किया जा रहा है.





