6 करोड़ खर्च, रात में बनी सड़क अगले दिन गायब... अंबिकापुर में सफाईकर्मी कचरा गाड़ी में ले गए डामर, खुली भ्रष्टाचार की पोल
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक बार फिर सरकारी कामकाज की हकीकत सड़कों पर खुलकर सामने आ गई. जिस सड़क को रातों-रात चमकाने का दावा किया गया था, वह सुबह होते-होते उखड़ गई. हालात इतने शर्मनाक बने कि नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को नई बनी सड़क को बेलचे से खोदकर ट्रैक्टर में भरना पड़ा.
अंबिकापुर से सामने आई खबर एक सड़क की बदहाली नहीं, बल्कि सिस्टम की लापरवाही और कथित भ्रष्टाचार की पूरी कहानी बयान कर रहे हैं. करोड़ों रुपये की लागत से जिस राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत रातों-रात की गई, वह सुबह होते ही उखड़ गया.
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हालात इतने शर्मनाक बने कि नगर निगम के सफाईकर्मियों को बेलचा उठाकर नई बनी सड़क को कचरे की तरह हटाना पड़ा और डामर-गिट्टियों को ट्रैक्टर में भरकर ले जाया गया. यह नजारा देखकर स्थानीय लोग हैरान हैं और सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर 6 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी सड़क कागजों से आगे क्यों नहीं टिक पाई.
रात में बनी सड़क, सुबह बनी मलबा
अंबिकापुर शहर से गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग-43 पर सदर रोड इलाके में मरम्मत का काम कराया गया था. रात में सड़क पर नई परत बिछाई गई और सुबह लोगों ने देखा कि डामर और गिट्टियां जगह-जगह से उखड़ चुकी हैं. जो सड़क कुछ घंटे पहले तक नई लग रही थी, वह सुबह पुराने और टूटे रास्ते जैसी नजर आने लगी.
करोड़ों की लागत, लेकिन क्वालिटी जीरो
जानकारी के अनुसार यह मरम्मत का काम करीब 6 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे पैच रिपेयरिंग प्रोजेक्ट का हिस्सा था. इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बावजूद सड़क की हालत ने लोगों को हैरान कर दिया. स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर सड़क कुछ ही घंटों में टूट जाए, तो यह साफ संकेत है कि निर्माण में गंभीर लापरवाही और घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है.
जब सड़क बनी कचरा
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाला दृश्य तब सामने आया, जब नगर निगम के सफाईकर्मी बेलचा लेकर मौके पर पहुंचे. उन्होंने उखड़ी हुई सड़क की परत को कचरे की तरह हटाया और ट्रैक्टर में भरकर ले गए. सड़क की सफाई का यह दृश्य लोगों के लिए अविश्वसनीय था. सड़क, जिस पर वाहनों को चलना था, वह खुद कचरे में तब्दील हो गई.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ सिस्टम का सच
सड़क उखड़ने और सफाई के वीडियो व तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. लोग इन तस्वीरों को देखकर NH विभाग और ठेकेदार पर सवाल उठा रहे हैं. कई यूजर्स ने इसे “रातों-रात निर्माण और सुबह-सुबह विनाश” करार दिया है.
मिलीभगत और भ्रष्टाचार के आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह मामला केवल लापरवाही का नहीं, बल्कि अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत का है. उनका कहना है कि जब करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद सड़क टिक नहीं पाती, तो जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. लोगों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
सवाल जो अब जवाब चाहते हैं
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर जनता के टैक्स का पैसा किस पर खर्च हो रहा है. क्या सड़कें सिर्फ कागजों में बन रही हैं? क्या जिम्मेदार अधिकारी जवाबदेह होंगे? अंबिकापुर की यह सड़क अब सिर्फ एक रास्ता नहीं, बल्कि सिस्टम की दरारों की गवाही बन चुकी है.





