मेरे बेटे को पहले पीटा, फिर पेड़ से बांधकर जिंदा जला दिया... पिता ने बयां किया दीपू चंद्र दास की मौत का भयावह मंजर, सरकार पर उठाए सवाल
बांग्लादेश के मायमनसिंह इलाके में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की उग्र भीड़ द्वारा नृशंस हत्या ने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. मृतक के पिता रविलाल दास ने बताया कि उनके बेटे को पहले बेरहमी से पीटा गया, फिर पेड़ से बांधकर केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया गया. हत्या के बाद उसका जला हुआ शव सार्वजनिक रूप से लटकाया गया. यह घटना कथित तौर पर इस्लाम के अपमान के आरोप के बाद हुई. बांग्लादेश सरकार ने घटना की निंदा की है और सात लोगों की गिरफ्तारी की बात कही है, लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है कि अब तक उन्हें सरकार से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला.
Bangladesh Violence, Dipu Chandra Das Lynching: बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की नृशंस हत्या के बाद उसके पिता की जुबानी जो दर्द सामने आया है, उसने पूरे मामले को और भयावह बना दिया है. इस घटना ने एक बार फिर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. मृतक के पिता रविलाल दास ने NDTV से बातचीत में अपने बेटे की हत्या की भयावह कहानी सुनाते हुए कहा कि उन्हें सरकार की ओर से अब तक कोई भरोसा या आश्वासन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि उन्हें सबसे पहले सोशल मीडिया के जरिए इस वारदात की भनक लगी.
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रविलाल दास ने कहा, “फेसबुक पर बातें फैलने लगीं, लोग चर्चा करने लगे, तभी हमें शक हुआ कि कुछ बहुत गलत हो गया है.” उन्होंने बताया कि कुछ देर बाद रिश्तेदारों से जो जानकारी मिली, वह रूह कंपा देने वाली थी.
"पेड़ से बांधा, फिर केरोसिन डालकर आग लगा दी"
दीपू चंद्र दास के पिता ने कहा, “पहले बताया गया कि मेरे बेटे को बुरी तरह पीटा गया है. आधे घंटे बाद मेरे चाचा आए और कहा कि भीड़ मेरे बेटे को पकड़कर ले गई है. उसे एक पेड़ से बांध दिया गया, फिर उस पर केरोसिन डालकर आग लगा दी गई.”
'जला हुआ धड़ और सिर बाहर बांधकर टांग दिया गया'
रविलाल दास ने आगे बताया कि हत्या के बाद भीड़ की बर्बरता यहीं नहीं रुकी. उसका जला हुआ शरीर बाहर ही छोड़ दिया गया. जला हुआ धड़ और सिर बाहर बांधकर टांग दिया गया था. यह इतना भयानक था कि शब्द नहीं हैं.
यह घटना बांग्लादेश के मायमनसिंह (Mymensingh) इलाके में हुई, जहां दीपू दास पर कथित तौर पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाया गया था. इसी आरोप के आधार पर उग्र भीड़ ने उन्हें पीट-पीटकर मार डाला और फिर जिंदा जलाने जैसा अमानवीय कृत्य किया.
शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन
दीपू दास की हत्या ऐसे समय पर हुई है, जब बांग्लादेश में पहले से ही हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. राजधानी ढाका में भारत-विरोधी कार्यकर्ता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी अशांत माहौल के बीच दीपू दास की लिंचिंग ने अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर डर और बढ़ा दिया है. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इस हत्या की निंदा करते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है. प्रशासन के अनुसार, इस मामले में अब तक कम से कम सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हालांकि, पीड़ित परिवार का कहना है कि ज़मीनी स्तर पर उन्हें अब तक किसी तरह की सुरक्षा या भरोसे का एहसास नहीं हुआ है.
बांग्लादेश सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
इस घटना ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है. भारत समेत कई देशों में इस हत्याकांड को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं और बांग्लादेश सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है.





