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तेजस्वी ने औवेसी को बोला ‘Extremist ’, तो AIMIM प्रमुख ने कसा तंज, कहा- बाबू जरा अंग्रेजी में लिखकर दिखाओ| VIDEO

बिहार की राजनीति में एक बार फिर शब्दों के तीर चल पड़े हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बीच जुबानी जंग ने चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है. दरअसल तेजस्वी ने औवेसी को एक्सट्रीमिस्ट बोला, तो इस पर AIMIM प्रमुख ने तंज कसते हुए कहा कि 'बाबू एक्सट्रीमिस्ट को तुम जरा अंग्रेजी में लिख के बता दो.'

तेजस्वी ने औवेसी को बोला ‘Extremist ’, तो AIMIM प्रमुख ने कसा तंज, कहा- बाबू जरा अंग्रेजी में लिखकर दिखाओ| VIDEO
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( Image Source:  ANI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 3 Nov 2025 1:28 PM IST

बिहार चुनावी मैदान में अभी से गर्मी बढ़ने लगी है, जहां एक बार फिर मंचों पर नेताओं की ज़ुबानी जंग तेज़ होती जा रही है. रविवार को किशनगंज की भीड़ के सामने असदुद्दीन ओवैसी ने ऐसा भाषण दिया जिसने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी. इस बार उनके निशाने पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव थे.

दरअसल हाल ही में तेजस्वी ने ओवैसी को ‘एक्सट्रीमिस्ट’ यानी ‘कट्टरपंथी’ कहा था. इस बयान ने ओवैसी को तिलमिला दिया और उन्होंने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि 'बाबू एक्सट्रीमिस्ट’ शब्द को पहले अंग्रेजी में लिखकर तो दिखाओ.' इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

‘एक्सट्रिमिस्ट’ शब्द पर ओवैसी का पलटवार

मामला तब शुरू हुआ जब खबर आई कि तेजस्वी यादव ने एक इंटरव्यू में ओवैसी को ‘एक्सट्रिमिस्ट’ यानी उग्रवादी कहा. बस फिर क्या था, ओवैसी ने मंच से ताबड़तोड़ जवाब दिया. उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि 'तेजस्वी ने ये शब्द पाकिस्तान से उठा लिया है. बाबू, एक्सट्रिमिस्ट को अंग्रेज़ी में लिखकर तो दिखाओ?'

मेरी दाढ़ी और टोपी से तुम्हें नफरत क्यों?

ओवैसी ने भीड़ के बीच ग़ुस्से में कहा कि सिर्फ इसलिए उन्हें उग्रवादी कहा जा रहा है क्योंकि वो अपने धर्म का पालन गर्व से करते हैं. इसके आगे उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 'जिसे तुम्हारे बाप (लालू प्रसाद यादव) से डर नहीं लगता, जिसे झुकाया नहीं जा सकता, उसी को तुम आतंकवादी कह देते हो? मेरी दाढ़ी और टोपी से तुम्हें इतनी नफरत क्यों है?'उनकी पार्टी AIMIM ने सोशल मीडिया पर तेजस्वी के इंटरव्यू का एक ऑडियो क्लिप शेयर किया और लिखा कि तेजस्वी का बयान सीमांचल के लोगों का अपमान है.

सीट बंटवारे से शुरू हुआ विवाद

असल में यह पूरी बहस सीट शेयरिंग को लेकर शुरू हुई थी. बताया जाता है कि ओवैसी की पार्टी ने महागठबंधन से छह सीटों की मांग की थी, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद AIMIM ने अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया. पार्टी अब राज्य की 243 में से 100 सीटों पर ताल ठोकने जा रही है. ओवैसी ने साफ कहा कि बिहार में अब जनता के पास दो ही नहीं, तीसरा विकल्प भी होगा.

'तीसरा मोर्चा' की तैयारी

ओवैसी ने इशारा किया कि वह बिहार में एक नया राजनीतिक समीकरण तैयार करने में जुटे हैं. उनके राज्य अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि अब एनडीए और महागठबंधन, दोनों को AIMIM की ताकत महसूस होगी. 2020 के चुनाव में AIMIM ने बसपा और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के साथ गठजोड़ किया था. तब उसने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा और सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटें जीतीं. हालांकि बाद में चार विधायक राजद में चले गए और एक की मृत्यु हो गई.

सीमांचल में मुस्लिम प्रतिनिधित्व का मुद्दा

ओवैसी का फोकस इस बार भी सीमांचल यानी पुर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया वाला इलाका है. यहां मुस्लिम आबादी करीब 19 प्रतिशत है, पर राजनीति में उनका प्रभाव सीमित माना जाता है. ओवैसी का कहना है कि हर समाज का नेता है, लेकिन बिहार के मुसलमान अभी भी बिना प्रतिनिधि के हैं. बयानबाज़ी और इरादों की इस लड़ाई ने बिहार की सियासी हवा को और भी गरमा दिया है. अब देखना यह है कि ओवैसी का यह ‘तीसरा मोर्चा’ जनता के दिल में कितनी जगह बना पाता है.

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